चोरी दंड और जुर्माना

चोरी, दंड और जुर्माना

चोरी दंड और जुर्माना
   नेहूँ और प्रेम गहरे दोस्त थे | दोस्ती तो अधिक पुरानी नहीं थी किन्तु भाव एवं साँझ पुरानी लगती थी | एक दिन खुलेआम नेहूँ ने प्रेम पर अपने दिल की चोरी का इलज़ाम लगा दिया | हाज़र जवाब प्रेम ने वक़्त को मुठ्ठी में समेटते हुए कहा, "चोरी करके दंड और जुर्माना चुका देंगे|" बावली नेहूँ आज तक समझ नहीं पाई कि चोर कौन है और जुर्माना कौन भर रहा है..?

प्रवीण कुमारी 
पता... 2082/1.अम्बेडकर नगर,सम्राला चौक, लुधियाना.
मोबाइल.. 8146563680
ई मेल.. Lovelyagg72@g. Mail. Com.

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