इस देश का बंटवारा धर्म के आधार पर हुआ। जिन्ना ने पाकिस्तान को इस्लामी राष्ट्र बना दिया। अब भारत को इसे हिंदू राष्ट्र घोषित करना था किंतु नेहरू जो खुद ही मुसलमान थे उन्हें यह बात पसंद नहीं थी और सरदार पटेल के बार-बार कहने के बाद भी इसे हिंदू राष्ट्र घोषित नहीं किया। फिर पटेल ने कहा कि सारे हिंदू भारत में आ जाए और मुस्लिम पाकिस्तान में चले जाएं यही बात जिन्ना भी कहते थे। जिन्ना का भी कहना था की दोनों के धर्म अलग-अलग है इसलिए यह एक साथ नहीं रह सकते। अन्यथा की स्थिति में हमेशा दोनों के बीच मारपीट एवं गृह युद्ध होता रहेगा। बार-बार सरदार पटेल के कहने के बाद भी नेहरू ने ऐसा नहीं होने दिया और 3 करोड़ मुसलमानो को भारत में ही रख दिया। इतना ही नहीं शुरू से ही भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाने की सोच को लेकर वह चले। इस देश को धर्मनिरपेक्ष होते हुए भी पहले अल्पसंख्यक बोर्ड बनाया। फिर वकफ बोर्ड बना दिया। उनकी आने वाली संतानों ने लगातार इस कानून को और अधिक प्रभावशाली बनाने का काम किया। इस बोर्ड को इतना अधिकार दिया कि पूरे हिंदुस्तान को भी अगर कह दे कि हमारी जमीन है तो पूरा भारत उनका हो जाएगा। इसे हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में भी चैलेंज नहीं किया जा सकता। इतना ही नहीं कश्मीर में धारा 370 एवं 35a लगाकर देश के संविधान से अलग कर दिया। इसके बाद भी यह जानते हुए भी कि राष्ट्र मुस्लिम राष्ट्र होने के कगार पर है और जिस दिन राहुल सत्ता में आएंगे उसी दिन से इसे पूर्ण रूप से मुस्लिम राष्ट्र बनाने के लिए जो भी और कानून बनाने होंगे उसे बनाकर 5 साल के अंदर ही मुस्लिम राष्ट्र बनाने की साजिस लगती है। जैसे पहले की तरह लगभग 50 हिंदू राष्ट्र को जिस तरह से मुस्लिम राष्ट्र बनाया गया बस उसी स्थिति में भारत को भी बनाने की नेहरू परिवार द्वारा योजना बनाई जा चुकी है। इसके बाद भी लोग कांग्रेस को यानी एक पारिवारिक पार्टी को वोट दे रहे हैं तो यह बात समझ में नहीं आती।
एक बढ़िया मौका आया जब 2014 में मोदीजी की सरकार आई। तो ऐसा लग रहा था कि जनसंख्या नियंत्रण, यूनिफॉर्म सिविल कोड, अब जल्दी ही लागू हो जाएगा ताकि मुस्लिम चार बीवी और 40 बच्चे पैदा करके देश की जनसंख्या में बेतहासा वृद्धि न कर सके।अल्पसंख्यक बोर्ड और वकफ बोर्ड समाप्त करके मोदी जी इस देश को बचा लेंगे। देश में एनआरसी लागू करके घुसपतियों को बाहर निकाल देंगे किंतु धारा 370 और 35ए समाप्त करके यह अगले कार्यकाल के लिए अपनी कुर्सी को सुरक्षित करने के चक्कर में पड़ गए। दूसरे कार्यकाल में भी बहुमत में आए तब इन्होंने तीन तलाक और राम जन्मभूमि का वारा न्यारा कराया। और सोचे कि अगले कार्यकाल के लिए हमारी कुर्सी सुरक्षित हो गई। कछुए की चाल में चलते रहे और मुख्य मुद्दों को लटकाए रहे। लेकिन जनता ने ऐसा सबक सिखाया की चाह करके भी अब कुछ विशेष नहीं कर सकते क्योंकि उनकी सरकार बहुमत में नहीं है। यह सरकार नीतीश और नायडू जैसे बहुरूपिया के वल पर चल रही है जो कभी भी धोखा देने के लिए प्रसिद्ध एवं माहिर है।
काश मोदी जी स्वार्थ में आकर अगले कार्यकाल के बारे में अपनी कुर्सी सुनिश्चित करने के बजाय देश के लिए अपने आप को समर्पित कर देते तो आज यह देश पूर्ण रूप से सुरक्षित हो जाता। सबका साथ सबका विकास एवं सब का प्रयास का गीत गाने के बजाय राष्ट्र का विकास एवं राष्ट्र प्रथम का लक्ष्य बनाकर 5 साल के अंदर इन सारे काले कानून को समाप्त कर दिए होते तो राजनीति में चिरकाल तक याद किए जाते और उनकी सरकार कई टर्म जीत सकती थी। अब यह देश मजधार में पड़ा है। हम सभी मजधार में पड़े हैं। आगे प्रभु की मर्जी।
जब तक देश सुरक्षित नहीं है कोई सुरक्षित नहीं है। अफगानिस्तान का क्या हुआ हर कोई जानता है। राष्ट् सर्वोपरि है। इसलिए राष्ट्र को बचाने के लिए हिंदुओं का एक रहना बहुत जरूरी है।
प्रभु ने चाहा तो कोई नेता जरूर आएगा जो सत्ता सुख के लिए मुस्लिम वोटो का भूखा नहीं होगा और बहुमत में आते ही देश से इस कोढ रूपी कलंकित कानून को समाप्त करके इस राष्ट्र को बचा लेगा। कोई आएगा जो काले कानून को समाप्त कर देगा जिसे कांग्रेस ने इस देश पर लाद दिया था ताकि भविष्य में इस राष्ट्र को मुस्लिम राष्ट्र बनने में कोई रुकावट ना आवे। तथाकथित सेकुलर नेताओं से जो सत्ता प्राप्त करने के लिए कोई भी कीमत चुकाने के लिए तैयार है उनसे भगवान ही इस देश को बचा सकते हैं। शेष प्रभु की मर्जी।
हृदय नारायण सिंह
गहमर, गाजीपुर
63860 70075
लेखक गहमर इंटर कालेज गहमर के पूर्व प्रवक्ता हैं।

देश सुरक्षित नहीं है तो कोई सुरक्षित नहीं-हृदय नारायण
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