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"साहित्य सरोज त्रैमासिक पत्रिका - कविता, कहानी, लेख, शोध पत्र, बाल उत्‍थान, महिला उत्‍थान, फैंशन शों, शार्ट फिलम और विशेष आयोजन के लिए पढ़ें। संपादक: अखण्ड प्रताप सिंह 'अखण्ड गहमरी

धर्म, संस्कृति और राष्ट्र की शान-गीता सिंह

हम हिंदुस्तानी, हमारी पहचान हिंदुस्तान से है और हम हिंदुस्तान की पहचान हैं। हमारा दिल इतना बड़ा है कि हमने सभी धर्मों का अपने देश में खुले दिल से स्वागत किया और उन्हें पूरा मान और सम्मान दिया। परंतु, शायद कुछ लोग इसे हमारी कमजोरी समझ बैठे हैं। या तो उन्होंने इतिहास की किताबें ठीक से पढ़ी नहीं हैं या उन्हें पढ़ाया नहीं गया है। यह वही देश है जहां पृथ्वीराज चौहान जैसे महान शासक ने एक निर्दय, क्रूर और हिंसक व्यक्ति को एक बार नहीं बल्कि कई बार माफ किया। और आज, कुछ लोग हमारे धर्म को हिंसा का जरिया बताते हैं।यह वे लोग हैं जो हमारी मेहनत की गाढ़ी कमाई से चुनकर संसद में जाते हैं और फिर हमारी विचारधारा, हमारे धर्म, हमारी संस्कृति और हमारी सभ्यता का मजाक बनाते हैं। और फिर ये चाहते हैं कि हम उन्हें सम्मान दें? वे क्या चाहते हैं, कि ये वही हिंदुस्तान रहे जहां कश्मीर में रातभर कबालियों ने तबाही मचाई, छोटी-छोटी बच्चियों तक को नहीं बख्शा, लूटमार की हत्या की, औरतों के साथ दुर्व्यवहार किया, और तब के हमारे महान नेता गढ़ विशाल हृदय वाले विदेश से पढ़े लिखे लोग खड़े होकर तमाशा देखते रहे यह उन्हीं के वंशज आज हमारे धर्म को हिंसक धर्म बात कर हमारी आस्था का अपमान कर रहे हैं।
 
कोई इन्हे बताइए आज का हिंदुस्तान वह हिंदुस्तान नहीं है। यह लंदन से पढ़कर आए हुए लोगों का हिंदुस्तान नहीं है। यह हिंदुस्तान उनका है जो अपने धर्म और अपने धर्मग्रंथों को बहुत अच्छे से जानते हैं। राहुल जी को भी इसे जानने की कोशिश करनी चाहिए। यह वही हिंदुस्तान है जहां पृथ्वीराज चौहान, महाराणा प्रताप और वीर शिवाजी जैसे महान योद्धा पैदा होते हैं। लेकिन शायद इन्होंने कभी सही से हिंदुत्व को जानने की कोशिश ही नहीं की।और क्यों करेंगे उनकी खुद की आस्था ही नहीं है इन्हें तो सिर्फ हिंदू धर्म में लांछन लगाने में मजा आता है? इसी हिंदू धर्म से जैन और बौद्ध धर्म का जन्म हुआ जिसने पूरी दुनिया को शांति और सद्भावना का पाठ पढ़ाया इसी हिंदू धर्म से शैव और लिंगायत का भी प्रादुर्भाव हुआ है ,यह क्या जाने शिव कौन है शिव का मतलब क्या है विश्व का कल्याण करने के लिए शिवजी ने हलाहल तक को पी लिया था ,और जरूरत पड़ने पर त्रिशूल उठाकर तांडव करने में भी उन्हें वक्त नहीं लगता यह उस हमारे पूज्य हमारे आराध्य भगवान शिव पर उंगली उठाने की हिम्मत करते हैं और हम खड़े होकर इन्हें देखते रहते हैं। जिस हिंदू धर्म को वे हिंसा का माध्यम बता रहे हैं, वह हिंदू धर्म प्रबल भाईचारे, एकता, सत्यनिष्ठा और प्रेम का पाठ पढ़ाता और सिखाता आया है। और आज, यह बाहर से पढ़कर आए लोग हमारी संसद में , एक बेहद जिम्मेदार पद पर बैठकर, हमारे धर्म को हिंसक बता रहे हैं। हमें मुखर होकर उनके खिलाफ आवाज उठानी ही पड़ेगी और ठोस कदम उठाना पड़ेगा ताकि यह लोग बिना जाने समझे हमारे धर्म और हमारी धार्मिक आस्था पर उंगली उठाने की जुर्रत कर सके।
                    हिंदुस्तान एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है जहां हर धर्म, हर समुदाय को समान अधिकार दिए गए हैं। यह हमारे संविधान का मूल सिद्धांत है। लेकिन, कुछ राजनीतिक दल और नेता इस धर्मनिरपेक्षता को अपनी स्वार्थी राजनीति के लिए उपयोग कर रहे हैं। वे हमारे समाज को विभाजित करने की कोशिश कर रहे हैं, हमारे धार्मिक विश्वासों को निशाना बना रहे हैं, और हमारी सांस्कृतिक धरोहर का अपमान कर रहे है हिंदुस्तान एक लोकतांत्रिक देश में, जहां हर नागरिक को अपनी विचारधारा रखने का अधिकार है, लेकिन यह अधिकार दूसरों की आस्था और संस्कृति का अपमान करने का लाइसेंस नहीं देता है। संसद में बैठे लोगों की जिम्मेदारी है कि वे देश की एकता और अखंडता को बनाए रखें, न कि उसे तोड़ने का प्रयास करें!आधुनिक हिंदुस्तान ने विज्ञान, तकनीक और आर्थिक विकास के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण प्रगति की ,हमें इन प्रगतियों पर गर्व है, लेकिन हमें यह भी याद रखना चाहिए कि हमारी जड़ें हमारे प्राचीन इतिहास, हमारी संस्कृति और हमारे धर्म में गहरी हैं।इतिहास ने हमें सिखाया है कि हम शांति-प्रिय लोग हैं, लेकिन हमें अपनी सुरक्षा और सम्मान के साथ कभी समझौता नहीं करेंगे और जरूरत पड़ने पर एट का जवाब पत्थर से देने की हिम्मत रखते हैं। आखिरकार, हिंदुस्तान का भविष्य हमारे युवाओं के हाथ में है। हमें उन्हें अपने धर्म, संस्कृति और इतिहास की सही जानकारी देनी होगी ताकि वे गर्व से कह सकें कि वे हिंदुस्तानी हैं , संसद में बैठकर हमारी धार्मिक आस्थाओं का अपमान करने का अधिकार किसी को होना नहीं चाहिए और अगर कोई ऐसा करता है तो उसे कठोर कार्यवाही से गुजरा चाहिए ताकि फिर कोई आकर इस तरह की निंदनीय बातें करने की हिमाकत न कर सके।
 
गीता सिंह
जेएसपी, रायगढ़(छत्‍तीसगढ़)

 

 

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    One comment

    1. विजयशंकर मिश्र 'भास्कर'

      विजयशंकर मिश्र ‘भास्कर’
      आपके विचार तथ्यपरक और औचित्यपूर्ण हैं।

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