हम अपने कमरें, घरों में जिस बल्ब को जलाकर आप पढ़ते है, आपको पता है ।उसकी खोज किसने की थी? ज्ञात ही होगा, थॉमस अल्वा एडीसन ने। क्या यह भी जानते है कि जो आप यूट्यूब में फिल्में देखते हैं, उन फिल्मों को कैद करने वाला पहला कैमरा भी एडीसन ने ही बनाया था। थॉमस एडीसन ने ऐसे कई उपकरणों की खोज की, जिसे आज हम अपनी रोजमर्रा की ज़िंदगी में उपयोग कर अपने जीवन को आसान बनाते हैं। लेकिन क्या आप एडिशन की ज़िंदगी की एक प्रसिद्ध घटना को जानते हैं नहीं तो जानिए।
भयंकर दिसम्बर की ठंड का महिना था। 9 दिसम्बर 1914 को जिस कारखाने में उनका काम चल रहा था, वहाँ आग लग गई। करीबन 13 से ज्यादा इमारतें थी और सभी जलकर खाक हो गई। जब थॉमस एडीसन अपने बेटे के साथ वहाँ आए, तो उन्होंने अपने बेटे से मजाकिया अंदाज में कहा, “जाओ! अपनी माँ को बुला लाओ। ऐसी आग फिर शायद देखने का मौका ना मिले।” ऐसा कहा जाता है कि उस समय के हिसाब से करीबन 10 लाख डॉलर का नुकसान हुआ था। जो कि आज के 3 करोड़ डॉलर के बराबर है। सुबह जब उनसे प्रेस वालों ने सवाल पूछा, तो उन्होंने उनसे कहा – “अच्छा हुआ! हमारी सारी गलतियाँ नष्ट हो गई।” क्योंकि मेरी पत्नी को वह पसंद नहीं था। और फिर कुछ ही दिनों में उन्होंने पुनः अपना कार्य शुरू किया। ऐसा माना जाता है कि इसी दुर्घटना की वजह से उन्हें फोनोग्राफ पर काम करने का ज्यादा समय मिल सका। कुछ वर्ष बाद में उन्होंने फ़ोनोग्राफ की खोज कर दी।
मुश्किल समय में भी हँसते रहना दुनिया के तमाम कठिन कार्यों में से एक है। ऐसा कम ही लोग कर पाते हैं। तनाव जब मन में छाता है,तब मति नष्ट हो जाती है। इसलिए, अपने मन में तनाव के काले बदल न छाने दे। अपने मन में led बल्ब हमेशा जलाकर रखिए। टेस्ट में नंबर कम आए तो निराश न होइए, खुद से कहिए – ” तो क्या हुआ, इसमे खराब आए। अगले वाले में मस्त नंबर लाऊँगी/लाऊँगा।” कोई टॉपिक समझ न आए, खुद से कहिए, “कोई बात नहीं, कभी न कभी तो आएगा।” और वापस मेहनत करने बैठ जाइए। यही एक तरीका है। जीवन में सफलता की ऊंचाईयों को छूने का जिसके बाद सफलता पीछे पीछे चलती है।
ज्योति किरन रतन ,
लखनऊ
94159 10781
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