मेरी कुंभ यात्रा

महाकुंभ की यात्रा संस्मरण-कंचन

वो कहते हैं ना अगर नसीब में लिखा हो ओर दृढ़ निश्चय हो,तो सफलता मिलती है l ठीक वैसा ही हमारे साथ भी हुआ l महाकुंभ की यात्रा करना मानो एक जंग जीतने जैसा लग रहा था,क्योंकि मीडिया पर बताया जा रहा था कि आपको 20- 25 किलोमीटर चलना पड़ेगा और कहीं भगदड़ मच रही है,कहीं कुछ हो रहा है l सोच कर हम घबरा रहे थे l और भी लोग थे जो रिजर्वेशन करा कर कैंसिल करवा चुके थे l हमसे नहीं हो पाएगी यात्रा l ऐसा विचार सबके मन में आ गया था l
फिर हमने दृढ़ निश्चय किया कि हमें जाना होगा l 144 साल बाद यह स्वर्ण संधि का लाभ हमें भी मिलना चाहिए l जब तक मन में ख्याल आया तब तक ना कोई ट्रेन का रिजर्वेशन मिल रहा था,ना कोई बस मिल पा रही थी l लेकिन मन की तैयारी थी कि हम जाएंगे l कहते हैं ना यदि ठान लो तो भगवान भी साथ देते हैं l हम लोगों ने 12 सीट वाली एक प्राइवेट मिनी बस बुक की,और अपने परिवार को लेकर यात्रा के लिए निकल पड़े l शुरुआत में थोड़ी सी अड़चन आई फिर भी हमने हार नहीं मानी l भगवान का नाम लिया और निकल गए l 40 घंटे का सफर तय करके हम प्रयागराज पहुंचे l भगवान की ऐसी मेहर थी कि हमें अरेल घाट के पास में हेलीपैड के नजदीक ही अपनी बस खड़ी करने का स्थान मिल गया l वहां से कुछ ही दूर एक बंगले में हमें रेंट पर रूम भी मिल गए l
सुबह 2:00 बजे के करीब उठकर हम सभी ने स्नान किया l धुले हुए कपड़े पहने और 4:00 बजे हम लोग अरेल घाट की और निकल पड़े l वहां भी अचानक टू व्हीलर गाड़ियां आकर खड़ी हो गई और हम सभी को अरेल घाट तक ले गई l सामने बहुत सारी नाव खड़ी हुई थी l
अचानक एक नाविक ने आकर पूछा आपको त्रिवेणी संगम पर जाना है ऐसा लग रहा था भगवान शिव स्वयं हमारा हाथ पड़कर हमें नाम में बिठाने ले जा रहे थे l धीरे से हमारी नाव त्रिवेणी संगम की और चल दी l बड़ा ही आनंद का अनुभव हो रहा था l ब्रह्म मुहूर्त में चारों बाजू चमकती हुई रोशनी और कल कल बहती नदी में रोशनी की जो चमक थी उसका एक अलग ही मनोरम दृश्य था l
भगवान शिव रूपी नाविक ने हमें त्रिवेणी संगम पर पहुंचा दिया ओर कहा कि यहां 4 फुट की गहराई तक का पानी है,आप यहां स्नान कर लीजिए l हम सब ने गंगा जमुना सरस्वती से प्रार्थना करके अनुमति ली और प्रणाम करके हम नदी में उतर गए l सभी ने अपने पितरों,माता-पिता और भूले बिसरे सभी के नाम से डुबकियां लगाई और गणपति जी लक्ष्मी जी सरस्वती जी और बाल गोपाल को भी स्नान करवाया l भगवान गणपति जी लक्ष्मी जी सरस्वती जी और बाल गोपाल त्रिवेणी में डुबकी लगाकर मानो एकदम प्रसन्न हो गए थे lडुबकी लगाने के बाद हमने कलश में जल भर के ऊपर नारियल रख कर त्रिवेणी नदी को समर्पित किया और साड़ी और चुनर समर्पित की l
ऐसा लग रहा था मानो गंगा जमुना सरस्वती तीनों देवियों हमारे सामने प्रकट हो गई हैं,और हमें आशीर्वाद दे रही है l हमने जो कलश समर्पित किया है वह देवियों ने अपने हाथों में ले लिया है हमारी चुनर और साड़ी को उन्होंने सहर्ष स्वीकार किया है l
हमने त्रिवेणी संगम में पहले दूध समर्पित किया फिर हमने तीनों देवियों से आज्ञा मांग कर त्रिवेणी संगम की थोड़ी सी रज ली और संगम का जल भी हमने भरकर ले लिया l त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाकर बहुत आनंद की अनुभूति हो रही थी l सुबह 5:00 का समय फिर भी ठंड महसूस नहीं हो रही थी मानो माताओं ने एक सुरक्षा कवच में हमें सुरक्षित कर दिया था ,जिसकी वजह से हम बड़े ही आराम से बिना ठंड महसूस किये डुबकी लगा रहे थे l स्नान ध्यान करके हम फिर अरैल घाट की और चल दिए l रास्ते में हम सभी ने नाव में से ही त्रिवेणी संगम नदी की पूजा अर्चना की l सभी ने दिए जलाए और गंगा जमुना सरस्वती की आरती की l अरेल घाट के नजदीक आते ही यह सोचकर मन दुखी हो गया था कि हमें माता की गोद से उतरकर वापस जाना पड़ रहा है l
अरेल घाट पर पहुंचने के बाद हम सभी ने दिया जलाकर बाल गोपाल की भी आरती की और प्रार्थना करके घाट के किनारे दिए जलाकर रख दिए l मैंने भी एक घी का दिया जलाया और एक तेल का चौ मुखी दिया जलाकर घाट के किनारे पर रखकर माता से पूरे विश्व के लिए प्रार्थना की l
त्रिवेणी संगम पर नौका मिलना भी इतना आसान नहीं था लेकिन ऐसा लग रहा था जैसे कि वह नाविक के रूप में साक्षात शंकर भगवान आ गए थे और हमें बड़े प्यार से और बड़े लाड दुलार से त्रिवेणी संगम पर ले गए और हमें स्नान और पूजा अर्चना का लाभ प्राप्त हुआ lवहां से हम निकल गए हमने अपनी पोशाक चेंज की और त्रिवेणी का जल और रज लेकर अपने गंतव्य स्थान की ओर प्रस्थान करने के लिए निकल पड़े l फिर भी हम विश्वास नहीं कर पा रहे थे कि हम त्रिवेणी संगम में डुबकी लगा चुके हैं,और 144 साल बाद आए महाकुंभ में स्नान करके हम भी तृप्त हो चुके हैं l यह सब ईश्वर की इच्छा नहीं तो और क्या है हमने कोशिश की तो भगवान ने भी हाथ पकड़ लिया और हम सब धन्य हो गए lभगवान आपने जैसे हमारा मार्ग प्रशस्त करदिया ऐसे सभी का करना सभी की* रक्षा करना l

श्रीमती कंचन योगेंद्र अग्रवाल
82756 92591

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