कमलेश द्विवेदी काव्य प्रतियोगिता -01
यादों के बादल पर चढ़कर,आज मेरा मन उड़ता जाए।
फिर से दोहराएगा का बचपन , परी कथा किस्सों वाला।
चांद सितारों से लाएगा , प्यार सभी हिस्सों वाला।
बाबा की थपकी से सीखी, कोई धुन फिर गाता जाए।
यादों के बादल पर…..
चूरन चटनी की पुड़िया सब, बस्ते के अंदर रख लेंगे।
मक्के की रोटी गुड़ के संग, छज्जे पर जाकर चख लेंगे।
मूंगफली के छिलकों में से, फिर दाने ढुँढ़वाता जाए
यादों के बादल पर……
एक बिछौने में जाकर हम,सब गुड़ मुड़कर सो जाएंगे।
हरी दूब की गरम नमी को,सबके भीतर पहुंचाएंगे।
उधड़े से कोई स्वेटर का, एक मफलर बिनवाता जाए।
यादों के बादल पर….
अंजना बाजपेई
पता -82 MIG 3 सूर्य विहार (ख्योरा), नवाबगंज, कानपुर, उत्तरप्रदेश
फ़ोन नो – 8957197808
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