यात्रा संस्‍मरण -माधुरी सिंह

मैं अगर यात्रा स्मरण की बात करूं तो, ऐसे तो जीवन में मैंने बहुत सी यात्राएं की है। अपने मम्मी पापा के साथ भी, अपने भाई बहनों के साथ भी, अपने पति के साथ भी, और अपने बच्चों के साथ भी। यात्रा तो मैंने बहुत की है लेकिन कुछ यात्राएं ऐसी है जो अभी भी मेरे स्मरण से बाहर नहीं होती है जब भी मैं उसे याद करती हूं तो ऐसा लगता है वो पल में अभी भी जी रही हूं।
मुझे अगर घूमने में, यात्रा करने में, कुछ ज्यादा अच्छा लगता है तो वह है, प्राकृतिक को देखना, कुदरत को देखना, नेचर्स क्या है उसे समझना। पुरानी चीजों को देखना पुराने जमाने में क्या था उसे देखना मुझे इन सब चीजों में ज्यादा दिलचस्पी है ज्यादा इंटरेस्ट है।
तो मैं बात करना चाहूंगी मध्य प्रदेश के पचमढ़ी की। मध्य प्रदेश के पचमढ़ी का जो इलाका है उसका जो पर्वतीय क्षेत्र है मैं वहां पर गई हूं और वहां का जो याद है वह अभी भी वह यात्रा मेरे लिए स्मरणीय है।
तो अब मैं आप सभी को मध्य प्रदेश के पचमढ़ी में मैंने क्या देखा, क्या महसूस किया, मेरी यात्रा कैसी रही और वहां की कौन सी याद है जो अभी तक मेरे स्मरण में है और मैं अपने स्मरण यात्रा को आप लोगों से साझा करती हूं
मध्य प्रदेश अपने पर्यटक स्थलों, ऐतिहासिक स्मारकों, वन्य जीव और धार्मिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है। पचमढ़ी एक लोकप्रिय हिल स्टेशन है। जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और झरनों के लिए भी प्रसिद्ध है। पचमढ़ी को “सतपुड़ा की रानी” भी कहा जाता है।
ऐसे तो छोटे-बड़े मिलाकर के पचमढ़ी में बहुत से झरने हैं, लेकिन जिसमें से बहुत से प्रसिद्ध झरने हैं, जैसे कि बी फॉल, सिल्वर फॉल, अप्सरा विहार, ऐसे बहुत सारे झरने हैं। मैं अगर बी फॉल की बात करूं तो मुझे बी फॉल बहुत ही मनमोहक लगा और इस फॉल को “जमुना प्रपात” भी कहा जाता है। यह 150 फीट की ऊंचाई से गिरता है।
यहां पर मैंने बहुत से ऐतिहासिक स्थल देखें। जिनमें से एक है पांडव गुफाएं। पांडव गुफाएं बलुआ पत्थर से बनी हुई है। और यह एक ऐतिहासिक स्थल है। जो पचमढ़ी में आने वाले लोगों को आकर्षित करता है।पचमढ़ी में ब्रिटिश काल की कई इमारतें और चर्च को मैंने देखा जो अपनी एक अलग ही पहचान बनती है।
पचमढ़ी में मैंने “बड़ा महादेव मंदिर” के दर्शन भी किये, जो गुफा लगभग 160 फीट लंबी है। माना जाता है कि भगवान विष्णु ने यहीं पर भस्मासुर का वध किया था।प्रत्येक सावन में यहां बड़ा महादेव में नाग देवता की भारी मात्रा में पूजा होती है।भारी मात्रा में लोग आते हैं। और यहां पर बहुत बड़ा मेला भी लगता है।
मैंने यहां “कान्हा राष्ट्रीय उद्यान” भी देखा। जो मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान है। यहां विभिन्न प्रकार के वन्य जीव रहते हैं।
मैं मध्य प्रदेश के धूपगढ़ में भी गई जो मध्य प्रदेश की सबसे ऊंची चोटी है। जो 1,350 मीटर यानी की 4,429 फीट की ऊंचाई पर है। और इसे सनसेट पॉइंट भी कहा जाता है। यहां से सनसेट आसानी से देखा जा सकता है।तो इस प्रकार मैंने मध्य प्रदेश के पचमढ़ी में भ्रमण किया। जो कि “नर्मदापुरम” यानी कि जो पहले होशंगाबाद जिले के नाम से जाना जाता था। वहां पर मैं यात्रा की और कान्हा राष्ट्रीय उद्यान जो की मंडल और बालाघाट जिलों में फैला हुआ है मैंने उसकी यात्रा की।
यहां की यात्रा अभी भी मेरे यादों में ऐसे स्मरण है जैसे कि कल की ही बात हो।
इस प्रकार मेरी पचमढ़ी की यात्रा यहीं समाप्त होती है।
माधुरी सिंह

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