पर्यावरण दिवस प्रतियोगिता साहित्‍य सरोज

पर्यावरण पर शिवा सिंहल की एकांकी

कवर फोटो – डिंपी कक्षा -आठवीं शहर -चंडीगढ़

पात्र – टीचर सर, छात्र-छात्राएं, पेड़ और माली,,,
टीचर:- ‌ बच्चों आज पर्यावरण दिवस मनाने किधर जाना है।
टीचर:- ‌ बच्चों आज पर्यावरण दिवस मनाने किधर जाना है।
छात्र :- सर जो स्थान वीरान हो और जहां पेड़ों की जरूरत हो सर हमें वही ले चलो।
छात्रा:सही कहा मित्र आपने हमें वही चलना चाहिए।
सर:- सुना है बच्चों यहां से 15 किलोमीटर दूर पर एक सुनसान स्थान कब्रिस्तान सा पड़ा है वीरान, गर्मी में जूझते वही से गुजरते हैं। हर एक इंसान तो क्यो ना हम सभी छात्र वहां चल के कुछ पेड़ लगाए।
छात्रा:- जी टीचर जी हम वही कही आम तो कहीं इमली तो कहीं नीम तो कहीं बैर तो कहीं नारियल और अन्य पेड़ लगाते हैं। जिन्हें ज्यादा पानी की जरुरत नहीं होती, मगर छांव बहुत ठंडी देते हैं। बस इन्हें पनपने की देरी होती है।
छात्रा :-इनसे लोगों को खानें कों फल तो पक्षियों को रैन बसेरा मिल जायेगा।हर कोई आता जाता पेड़ों की छांव में ठंडी सांस लेगा। पेड़ बड़े होने पर कितना प्यारा रैन-बसेरा होगा। मिटिंग तय हुई दुसरे दिन ही दस,बारह छात्र छात्राओं की टोली साथ सभी पैदल चल पड़े। ताकि हमें भी ये अहसास हो कि मजदूर कैसे गर्मी में पसीना बहाता है। और हम ऐसी ,कूलर की हवा में मौज उड़ाते हैं ।
माली:-स्कूल का माली नर्सरी से 40 50 पौधे ले आया था। पेड़ लगाने के लिए किसी ने फावड़ा तो किसी ने कुदाली ले पहले खड़े खोदें फिर उसमें पौधे लगा मिट्टी से गड्ढे भर दिए। थोड़ा पानी डाला तो गर्म माटी को मानों थोड़ी राहत मिली हो। सभी ने जगह-जगह परिंदों के पानी पीने के लिए कहीं छिंके लगाए, कहीं कुण्डे रखें ,कहीं खड्डों में पानी भरा ,जिससे जीव पानी पी सके ।
माली ने हैंडपंप की चैन चढ़ाकर सही किया । जिससे जन-जन को पानी मिल सके और बेहते पानी से पेड़ पौधों को थोड़ा जल मिल सके। जीव थोड़ा पानी पी सके ।
पेड़:-वीरानीयो में खड़े कुछ पेड़ मुरझा से गए थे । अपने साथियों को देख ऐसे खड़े हुए मानो सो कर उठे हैं। नदी:-पास ही बहती सुखी नदियां भी उदास हो गई थी। मगर आज वो खिल खिलाकर हंसने लगी ।कहीं से वो धीरे-धीरे बहने लगी।
टीचर:-बच्चों आज तुमने जन कल्याण के लिए बहुत अच्छा सोचा है। अगर सभी बच्चे ऐसे ही सोचने लगे तो विरानियों में पेड़
लगा आलीशान बागवानी लगा सकते हैं वही देश के सच्चे भक्त है। कभी जंगल के कोई बिन पेड़ो केरह ना सके ।
निष्कर्ष:-अंत में हम यही कह सकते हैं कि,,
देश को हरा भरा बनाना है
पेड़ लगाना है पेड़ लगाना है
आओ आओ पेड़ लगाए,
जन-जन को पर्यावरण से बचाए,
सर:-बच्चों आज तुमने पर्यावरण दिवस पर जन-जन तक एक अच्छा संदेश पहुंचा है। पेड़ लगा धरती को स्वर्ग सा सजाया है।
गांव गांव ढाणी ढाणी गली गली, अलख जगाना है पेड़ लगाओ पेड़ लगाओ। पर्यावरण प्रदूषण से देश बचाओ शुद्ध हवा से जीवन निरोग बनाओ। पर्यावरण प्रदूषण से देश बचाओ शुद्ध हवा से जीवन निरोग बनाओ।

शिवा सिहंल आबुरोड

अपने विचार साझा करें

    About sahityasaroj1@gmail.com

    Check Also

    मधुमेह को ले गंम्‍भीरता से- धर्मेन्‍द्र सिंह निशा

    मधुमेह को ले गंम्‍भीरता से- धर्मेन्‍द्र सिंह निशा

    कई बार हमें रात में बार-बार प्यास लगती है, जिससे हमारी नींद में भी खलल …

    Leave a Reply

    🩺 अपनी फिटनेस जांचें  |  ✍️ रचना ऑनलाइन भेजें  |  🧔‍♂️ BMI जांच फॉर्म