वर्तमान जीवन भौतिक सुख सुविधा से परिपूर्ण है l जीवन जीने के स्तर में बढ़ोत्तरी हुई है l लोंगो के पास पैसा भी पर्याप्त आ रहा है l फिर भी क्यों रिश्तों में तनाव व खींचा तानी रहता है l क्यों हम एक दूसरे कोप्रतिस्पर्धा की दृष्टि से तौल रहे हैं l क्यों?आखिर क्यों?
बांकी रिश्ते तो समझ में आता है परंतु अब विडम्बना ये हो रही हैं कि पति-पत्नी के बीच भी दूरियां बढ़ती जा रही l जिस रिश्ते में सहयोग, सम्मान, प्रेम, सामंजस्य, विश्वास होना चाहिये वही तार-तार हुआ जा रहा l दाम्पत्य को एक ऐसा उपवन कहा गया है जिसके माली पति-पत्नी है जो अपने प्रेम व सहिष्णुता से उस उपवन को सींचते है l वहां उनका परिवार फलता फूलता है l पर शायद वह उपवन अधिकांशतः मायनों में मुरझा गया है l आइये इसके कारण क्या हो सकते हैं, समझने का और प्रयास करते हैं-
कारण
1-नया परिवेश-विवाह के पश्चात लड़की के लिए परिवेश नया होता है l जहां पर उसे सभी रिश्तों को स्वीकार करने में व नया माहौल में ढलने में समय लगता है l यहाँ पर धैर्य की आवश्यकता होती है l वही अगर ससुराल वाले नई दुल्हन को समय नहीं देकर ज्यादा अपेक्षा रखते हैं तो ये भी पति-पत्नी के बीच मनमुटाव का कारण बनता है क्योंकि घर वालों का शिकायत आरम्भ हो जाता है l
2 पारिवारिक माहौल-परिवार में अन्य रिश्ते भी होते हैं जहाँ सबको अपेक्षा होती है l जैसे बहु से अपेक्षा की जाती है वैसे दामाद से भी की जाती है l अपेक्षा पूरी नहीं होने पर उसका प्रभाव अप्रत्यक्ष दोनों के रिश्तों पर पड़ता है l
3 सीधा संवाद न होना-किसी भी विषय पर दोनों का सीधा संवाद होना चाहिए क्योंकि सीधे संवाद से दोनों एक दूसरे से सीधे जुड़ेंगे व बातों को समझेंगे पर होता क्या है संवाद की कमी हो जाती है l
उदाहरण- मानलो किसी ने कहा आज बहु दिन में कही घूमने गई थी क्यों लल्ला तुमको नहीं बताया l वही पर दिमाग घूम जाता है तो सीधे पूछ लें हो सकता है न बताने का कोई कारण हो l यही बात पत्नी पर भी लागू होता है l
वार्तालाप से गलतफहमी दूर हो सकता है l
4-आर्थिक स्थिति- पति की आर्थिक स्थिति ये बहुत मायने रखती है l विवाह उपरांत पत्नी की सभी जरूरतों को पूरा करना पति का कर्तव्य होता है परंतु कई घरों में जहां पति की इनकम ज्यादा नहीं है ससुराल वाले ही बहु का खर्च उठाते हैं और फिर बात-बात में सुनाते हैं l यह भी एक कारण होता है क्योंकि पत्नी पति को बोलेगी फिर टकराव लाजमी है l
5-अविश्वास-हर रिश्ते की पूर्णता का आधार होता है विश्वास l दोनों के बीच विश्वास का होना परम् आवश्यक है l अगर ये नहीं तो कुछ भी नहीं l दोनों के लिए अगर कोई तीसरा कुछ गलत बोलता है तो उस पर विश्वास न कर अपने जीवन साथी पर विश्वास करें क्योंकि रिश्ते मजबूत होते हैं विश्वास से l
6 -शक-एक दूसरे के प्रति शक की भावना रिश्ते को कमजोर बनाती है l कभी भी अपने साथी पर शक न करे l ये एक ऐसा दीमक है जो आपको अंदर ही अंदर खोखला कर देता है l
अगर कभी किसी मामले में शक है तो उस पर खुलकर बात करें ताकि गलतफहमी दूर हो सके और रिश्ता मजबूत हो सके l
7 शारीरिक क्षमता-पति-पत्नी को बांधे रखने के लिये दोनों का शारीरिक स्वास्थ्य रहना जरूरी है l इससे प्रेम व परिवार का आधार टिका है l
शारीरिक असंतुष्टि भी दोनों के बीच बढ़ती दूरी का कारण हो सकता है l
8 अपेक्षाएं -सारी दुःखो का जड़ अपेक्षाएं होती है l हमारा दुख उतना ही ज्यादा होता है जितनी हमारी अपेक्षाये l दोनों एक दूसरे से अपेक्षा रखेंगे फिर वो पूरा हो नहीं पायेगा l फिर बहस, मनमुटाव व दूरी l
उदाहरण-जुदाई फ़िल्म इसका उदाहरण है l पत्नी ने ज्यादा अपेक्षा रखी पति से, पूरा नहीं होने पर किसी और का प्रवेश हो गया l
9 सहयोग की कमी-वर्तमान में पति पत्नी लगभग दोनों जॉब में रहते हैं l दोनों ही बाहर काम करने जाते हैं लेकिन पत्नी को बाहर के साथ घर का भी काम करना पड़ता है l
कोई काम वाली हो तो भी पूरे परिवार की जिम्मेदारी पत्नी के ऊपर ही रहता है l दोहरी जिम्मेदारी के कारण अपने ऊपर ध्यान नहीं दे पाती व स्वास्थ्य समस्या l नींद पूरा न होने जैसे कारणों से चिड़चिड़ापन आ जाता है व परिणाम झगड़े व दुरियों में परिणित हो जाता है l
10 कमियों पर अधिक ध्यान देना-मानवीय प्रवृत्ति है हम अपने को खरा सोना व सामने वाले को कम आंकते है l एक -दूसरे की कमियां निकालना, सामने वाले की कमियों पर ज्यादा ध्यान देना वही बहस का मुद्दा बन जाता है और दूरियां बढ़ने का भी l
निवारण–
1-पारदर्शिता हो-जीवन साथी चुनने में पारदर्शिता हो, किसी को धोखे में न रखें l अगर पसंद नहीं है तो सपष्ट मना कर दे l जबरदस्ती विवाह करके किसी का भी जीवन बर्बाद न करे l
2-समय दें-नये रिश्तों को समय दें l एक-दूसरे को समझने का पूरा मौका मिले l विवाह स्वयं के मर्जी से हो या माता पिता के पसंद से, एक दूसरे को समझने का मौका विवाह के बाद ही मिलता है क्योंकि ये असली जीवन की शुरुआत है l
3-सीधे संवाद करें-पति पत्नी एक दूसरे से सीधे संवाद करें l मन में कुछ बात है तो उसे बतायें, पूछें l उस विषय पर शांति से वार्तालाप करें l समस्या है तो हल ढूढे l समस्या को सुलझाये न कि उलझाये l
कई बार तो हमारे अनबन में हमारे बच्चे माध्यम बन जाते हैं संवाद का, हमारे साथ बच्चे भी परेशान l याद रखिये हमारा परिवार ही हमारा अपना है कोई दूसरा हमारा दर्द बाटने हमेशा नहीं रहेंगे l
4-आर्थिक स्थिति मजबूत करें-आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए दोनों स्वावलंबन अपनाये व जितना बजट उतना ही खर्च करें l
अधिक खर्च जीवन में तनाव लाता है व उलझने बढ़ती है l अतः आमदनी जितना उतना ही खर्च l दोनों मिलकर करे ये नहीं सिर्फ पति कर रहा या सिर्फ पत्नी कर रही l दोनों का सहयोग दोनों का सलाह आवश्यक है l
5 अपेक्षा कम रखे-जरूरी नहीं है हम100% श्रेष्ठ है व सबकी अपेक्षा पर खरा उतरे तो सामने वाले से भी यही अपेक्षा रखें l
6-एक दूसरे को समय दें-एक दूसरे को समय देना बहुत आवश्यक है l साथ में समय बितायें l कहीं घूमने जायें समय निकाल कर l एक-दूसरे के साथ खुश रहें l
7-शक व अविश्वास का स्थान न हो-अपने जीवन में इनका प्रवेश न होने दे l न ही कोई ऐसा काम करें जिनसे इनका जन्म हो l
8-शारिरिक स्वास्थ्य-इसका संतुलन बनाये रखे l ये बहुत आवश्यक है दाम्पत्य को बनाये रखने के लिए l
9-सहयोग करें-जहां दोनों सर्विस में है पति भी घर के छोटे मोटे कामों में सहयोग करें l
10 -तारीफ करे-एक-दूसरे का खुलकर तारीफ करें, इसके लिए न मेहनत लगता है न पैसा l और दोनों प्रसन्न l
पति-पत्नी का रिश्ता विवाह के मजबूत बंधन में बंधा होता है फिर भी इसकी डोर बड़ी नाजुक होती है l कब किस रूप में हवा का झोंका आये और टूट जाये कहा नहीं जा सकता l
वर्तमान में कोई सामंजस्य नहीं रखना चाहता है, न कोई थोड़ा झुकना चाहता हैl थोड़ा सा आपसी समझ व विश्वास कि हम साथ है दुनिया की कोई ताकत पति-पत्नी को अलग नहीं कर सकती l
ऐसा जीना भी क्या जीना कि साथ-साथ तो है पर साथ नहीं है l जीवन के आखिरी पड़ाव तक बस यही रिश्ता साथ-साथ रहने वाला है तो सम्मान व प्रेम के साथ सींचे व साथ-साथ रहें l
दीपमाला वैष्णव
कोंडागांव(cg)
9753024524

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