स्वस्थ भारत की ओर एक कदम: फिटनेस और स्वरोजगार को लेकर प्रधानमंत्री के आह्वान पर साहित्य सरोज की अनोखी पहल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 फरवरी 2025 को देशवासियों को एक महत्वपूर्ण संदेश देते हुए कहा कि भारत को एक स्वस्थ और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने के लिए फिटनेस और पोषण पर जागरूकता अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने इस बात पर चिंता जताई कि आज देश में मोटापा और निष्क्रिय जीवनशैली के कारण गंभीर बीमारियाँ, जैसे टाइप‑2 डायबिटीज, उच्च रक्तचाप और हृदय रोग, तेजी से बढ़ रही हैं।
भारत में स्वास्थ्य मंत्रालय की राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS-5) की रिपोर्ट (2019–21) के अनुसार:
- 27% पुरुष और 25% महिलाएँ शहरी क्षेत्रों में अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त हैं।
- 15 से 49 वर्ष की आयु के लोगों में यह आँकड़ा ग्रामीण क्षेत्रों में भी अब 18-20% तक पहुँच चुका है।
- इसके साथ ही, WHO की रिपोर्ट के अनुसार भारत में 10 करोड़ से अधिक लोग मोटापे से संबंधित बीमारियों से जूझ रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संदेश में कहा कि “सिर्फ योजनाएं काफी नहीं हैं, जब तक देशवासी स्वयं अपनी सेहत की जिम्मेदारी नहीं लेंगे।” उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि हर नागरिक को अपने खान-पान में तेल, चीनी और अत्यधिक कैलोरी वाले खाद्य पदार्थों की मात्रा में कम से कम 10% की कटौती करनी चाहिए।
इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए, साहित्य सरोज पत्रिका ने प्रधानमंत्री के इस संदेश को जन-जन तक पहुँचाने का बीड़ा उठाया है। पत्रिका ने प्रयागराज से इस जन-जागरूकता अभियान की शुरुआत करते हुए “हिट रहो, हिट रहो” नामक कार्यक्रम की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य लोगों को शारीरिक रूप से सक्रिय बनाना और घर से स्वरोजगार के अवसरों से जोड़ना है। इस कार्यक्रम की ब्रांड एम्बेसडर बनाई गई हैं प्रयागराज की शालिनी बसेड़िया दीक्षित, जो खुद फिटनेस और आत्मनिर्भरता की प्रेरक मिसाल हैं। उनके द्वारा जल्द ही प्रयागराज में फिटनेस एवं स्वरोजगार के इच्छुक लोगों को के लिए एक बैठक और कैंप का आयोजन किया जायेगा।
स्वरोजगार: आत्मनिर्भर भारत की रीढ़
राष्ट्रीय नमूना सर्वे कार्यालय (NSSO) के आंकड़ों के अनुसार, भारत में आज भी स्वरोजगार सबसे बड़ा रोज़गार स्रोत है —
- 45% से अधिक श्रमिक स्वयं का रोजगार करते हैं।
- ग्रामीण महिलाओं में यह आँकड़ा 54% तक पहुँच जाता है।
- प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) के तहत अब तक 41 करोड़ से अधिक लोन स्वीकृत किए जा चुके हैं, जिनमें से 68% लाभार्थी महिलाएं हैं।
इन्हीं लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए साहित्य सरोज पत्रिका फिटनेस को आत्मनिर्भरता से जोड़ने की दिशा में काम करेगी। इस पहल के तहत प्रयागराज में नियमित तौर पर:
- योग और एक्सरसाइज़ सेशन,
- स्वास्थ्य एवं पोषण पर कार्यशालाएं,
- घर से किए जा सकने वाले छोटे व्यवसायों पर मार्गदर्शन,
- महिलाओं और युवाओं को स्वरोजगार योजनाओं की जानकारी जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
पत्रिका के संपादक अखंड प्रताप सिंह ने बताया कि यह प्रयास सिर्फ प्रयागराज तक सीमित नहीं रहेगा। आगे चलकर यह अभियान पूर्वांचल, बुंदेलखंड, बिहार और मध्य प्रदेश, लेह, छत्तीसगढ़, राजस्थान, झारखंड, जैसे क्षेत्रों में भी ले जाया जाएगा, जहाँ फिटनेस और आर्थिक आत्मनिर्भरता को लेकर जागरूकता की बड़ी आवश्यकता है।
आप भी जुड़ सकते हैं इस आंदोलन से
साहित्य सरोज का यह प्रयास उन लोगों के लिए विशेष अवसर है, जो अपनी फिटनेस को सुधारते हुए स्वरोजगार के ज़रिये आर्थिक स्वतंत्रता हासिल करना चाहते हैं। यदि आप भी अपने क्षेत्र में इस प्रकार के प्रयास से जुड़ना चाहते हैं तो आप साहित्य सरोज की बेवसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं या आप संपादक अखंड गहमरी के नम्बर 9451647845 पर सम्पर्कं कर सकते हैं।
*साहित्य सरोज ब्यूरों*
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