साहित्‍य सरोज साप्‍ताहिक लेखन व चित्र प्रतियोगिता

तुम से अच्छा कौन है-विनय बंसल

हमारे फेसबुक पेज को लाइक व फालो करें

अपनी  धड़कन के झूले पर, तुमने मुझे झुलाया।
पीड़ाओ को झेला, सहकर पल में उन्हें भुलाया।
खुद गीले में सो कर मुझको सूखी सेज सुलाया।
जाग जाग कर रात रात भर, अपनी गोद बिठाया।
पाला पोषा मुझको तुमने, अपना दूध पिलाया।
स्वयं भले भूखी रह जाती, मुझको मगर खिलाया।
संस्कार दीन्हे अच्छे अरु अच्छा पाठ पढ़ाया।
आन पड़ी हो कोई विपदा, उनसे मुझे बचाया।
कभी नहीं पड़ने दी मुझपे, दुःख की काली छाया।
दुःख की घड़ी में खुद रो ली पर,मुझको नहीं रुलाया।
मातु तुम्हारी ममता को मैं, अब तक समझ न पाया।
तुमसे अच्छा कौन है जग में,सब झूठी है माया।

विनय बंसल, आगरा
मोबाइल 9458060262

अपने विचार साझा करें

    About sahityasaroj1@gmail.com

    Check Also

    गंगा के प्रति लोगो का कर्तव्‍य

    गंगा के प्रति राज्य और समाज का कर्तव्य-हेमंत चौकियाल

    यह भारत भूमि की एक बड़ी विशेषता है कि यहाँ के हरेक तीज-त्योहार, रीति-रिवाज,धार्मिक संस्कारों …

    Leave a Reply

    🩺 अपनी फिटनेस जांचें  |  ✍️ रचना ऑनलाइन भेजें  |  🧔‍♂️ BMI जांच फॉर्म