( कहानी)
मेरे फ्लैट के पास ही पांडे परिवार रहता है। अच्छा मध्यम वर्गीय, परिवार है। बेटे बहू दोनों बहुत सुंदर है। बेटा क्रिकेट खिलाड़ी है और देखने में मॉडल सा है। वह पत्नी को बहुत प्रेम करता है। घर में किसी की मजाल नहीं कि उसकी प्राण प्यारी को कुछ कह सकता। लड़का क्रिकेट का कोच है और अच्छा खेलता था। बच्चों को मैच के लिए बाहर बैंगलोर वगैरह लेकर जाता था। उसका एक मुस्लिम असिस्टें था। घर में उसका बहुत आना जाना था। सुना है कि वह गिफ्ट वगैरह भी लाता था। क्रिकेटर लालची तबियत का तो था। एक बार बेंगलुरु बच्चों को क्रिकेट मैच खिलाने के लिए लेकर गया। इस बार अपनी पत्नी को भी लेकर गया और उसका बच्चा भी साथ में गया। बच्चा लगभग डेढ़ वर्ष का था। उनके वापस आने पर कई कहानियां सुनने को मिली, कि असिस्टेंट और बहू दोनों घूमने चले जाते थेआदि आदि। पति पत्नी में भी कहा सुनी शुरू हो गई थी। कुछ दिनों बाद सुना की रेनू बहू घर में ताला लगा कर और ताली सीढ़ियों पर फेंक कर अपने मुस्लिम मित्र के साथ भाग गई। सुनकर बड़ा बुरा भी लगा और अचंभा भी हुआ। अच्छी लड़की थी। बड़े प्यार से आदर से बात करती थी। वह मुझे नहीं बिल्डिंग में सभी को प्रिय थी। अब यह बात सबको मालूम हो गई थी कि रेणू चली गई। मुझे मामला समझ में नहीं आ रहा था कि क्या बात है मैंने पूछा भी नहीं।एक दिन भोला क्रिकेटर मेरे पास आया और बोला देखिए आंटी जी क्या हो गया। मैंने कहा भोला वह तो अच्छी लड़की थी। यह सब कैसे हो गया। यह बात सब कहते हैं कि वह अच्छी लड़की थी। मैंने कहा तुम्हारी कोई गलती नहीं थी। नहीं मेरी कोई गलती की थी। मैंने तो अभी भी उसको कहा कि तू आ जा मेरे बच्चे को पाल दे। तू मेरे साथ मत रह मैं तुझे अलग कमरा ले कर दे दूंगा। तू मेरे बच्चे को पाल दे पर वह बिल्कुल भी आने को तैयार ही नहीं होती है।
ऐसा कैसे हो गया। मुझे तो बहुत दुख है इस घटना का। मेरी तो कुछ समझ में नहीं आ रहा है। प्यार करने वाला पति। घर में भी आदर प्यार। बाद में सुनाई दिया कि वह मुस्लिम मित्र घर में उपहार बहुत लाता था। कुछ समय बाद आपसी सहमति से तलाक हो गया। भोला की दूसरी शादी भी हो गई बहुत अच्छी लड़की आ गई। बेटे को बहुत प्यार भी करती है। अब तो बेटा बहुत बड़ा भी हो गया। शायद इसे अपनी जननी की याद भी नहीं होगी। उस समय मात्र डेढ़ वर्ष का था जब उसकी मां गई थी।एक दिन मेरी नौकरानी बोली आज रेनू मिली थी बहुत रो रही थी। बुर्का पहनने लगी है। अभी तक रेनू की कोई खबर नहीं है। जहां तक मेरी समझ है। उसका भविष्य अच्छा तो नहीं है ना ही उसकी जिंदगी अच्छी होगी।रेनू कहां है, क्या है, कुछ पता नहीं है। वह चार बहन थी, अच्छा मध्यम वर्गीय परिवार था। इस घटना के बाद उसकी मां का देहांत हो गया, बहनों की शादी में भी समस्याएं आई। अभी भी जब कभी रेणु की याद आती है तो मन बहुत दुख से भर जाता है कि थोड़ी सी मूर्खता के कारण अच्छी सी लड़की ने अपनी जिंदगी बर्बाद कर ली। मुझे तो लालच ही कारण समझ में आया। एक गलती कहां लाकर खड़ा कर देती है।
रिश्तों की मर्यादा नहीं रखना ही इस प्रकार की घटना का महत्व पूर्ण कारण है। लड़की को भी समझना चाहिए कि विवाहित स्त्री, एक मां की ओर बढ़ा हाथ कभी भी सही हो ही नहीं सकता। रेणू को मैं अक्सर याद करती हूं। चाहती हूं कि जानू कि उसने ऐसा क्यों किया
उर्मिल अग्रवाल
93300 67996
पश्चिम बंगाल, हावड़ा

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