दिनाँक ।।21 अप्रैल 2002।। मैं आंवला शाखा जिला बरेली का शाखा प्रबंधक था । 20 अप्रैल 2002 की शाम को शाखा प्रबंधक कक्ष के लिए एक नई छोटी अलमारी आ गई थी और आज जाकर उसमें सभी महत्त्वपूर्ण फाइल्स क्रमबद्ध रूप से रखनी थीं।सुबह से ही जबड़ों, गालों, दांतों में दर्द हो रहा था।यह एनजाइना का दर्द था और सोर्बिट्रेट …
Read More »Yearly Archives: 2025
प्रेरणास्रोत-कुंदन पाटिल
हम सहकर्मी कुल छः मित्र बाबा अमरनाथ की यात्रा पर गए थे। कहते हैं कि खतरनाक जोखिम भरी यात्राओं में कैलाश मानसरोवर के बाद बाबा अमरनाथ की खतरनाक यात्रा है। उसपर आतंकवादी यो की यात्रा न करने देने की तब की चेतावनी इस यात्रा को मानसिक रूप से और जटिल जोखिम भरी कर देती थी। हमारे सहयात्री मित्र श्री मोहनलाल …
Read More »खामोश व्यथा-सूर्यपाल
एम्बुलेंस के सायरन की आवाज के सारे मोहल्ले को स्तब्ध कर दिया था । घरों के दरवाजे और झरोखे आहिस्ता आहिस्ता खुद का चीर हरण कर सनसनाती आवाज का खामोशी से पीछा कर रहे थे ।देवदत्त कुलश्रेष्ठ के घर के सामने एम्बुलेंस रुकती है । आज पूरे चालीस दिन बात देवदत्त जी हॉस्पिटल से घर आए थे चलने में असमर्थ …
Read More »शिक्षकवृंद के द्वारा नाट्य मंचन की ऐतिहासिक प्रस्तुति
नई दिल्ली, वाणिज्य और अर्थशास्त्र के अध्ययन के लिए देश-विदेश में विख्यात श्री राम कॉलेज ऑफ़ कॉमर्स के इतिहास में कॉलेज के शिक्षकवृंद ने प्रथम नाट्य प्रस्तुति की | कॉलेज के शताब्दी वर्ष में डॉ. सुधा शर्मा ‘पुष्प’ के द्वारा लिखित एवं निर्देशित नाटक ‘आचार्य की विवशता’ का मंचन श्रीधर श्रीराम सभागार में अत्यंत भव्य एवं गरिमापूर्ण ढंग से किया …
Read More »संस्मरण कथा-कुर्सी जिसने इतिहास बदला
यह कुर्सी भी अजीब होती है चाहे वह लकड़ी की बनी हो या लोहे की बनी हो या कुशन कवर से सज्जित मजबूत और ठोस धातु से बनी हो। सभी प्रकार की कुर्सी महत्वपूर्ण होती है। बस उस पर बैठने वाला महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। कुर्सी का महत्व बैठने वाले पर निर्भर करता है। यह कुर्सी चाहे घर में …
Read More »पुस्तक समीक्षा-जागती स्मृतियां : आत्मकथा
अंग्रेजी लेखिका काबेरी चट्टोपाध्याय की आत्मकथा ” पीपिंग थ्रू माय विंडो” का हिंदी अनुवाद “जागती स्मृतियां” का प्रसिद्ध हिन्दी कवियत्री और लेखिका सुषमा त्रिपाठी ने किया है। मूल आत्मकथा पुस्तक का बंगला और तेलुगु में अनुवाद प्रकाशित किया गया है जबकि तमिल में कार्य चल रहा है। यह आत्मकथा” जागती स्मृतियां” मानव जीवन की एक संघर्षपूर्ण गाथा है जिसमें नायिका …
Read More »रवीना को मिसेज तो भूमिका मिस छत्तीसगढ़ का ताज
1893 में गोपालराम गहमरी द्वारा स्थापित पत्रिका साहित्य सरोज द्वारा अपने मिशन ” गाँव से ग्लैमर की ओर” का शुभारंभ 14 सितंबर 2025 को बिलासपुर के विजिया गेस्ट हाउस से एवरग्रीन मिस एवं मिसेज छत्तीसगढ़ प्रतियोगिता आयोजित कर किया गया। प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों से आये प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। दो सत्र में आयोजित इस प्रतियोगिता में परिचय …
Read More »गुरू और शिक्षक में अंतर-भरत लाल
गुरु और शिक्षक में अंतर 5 सितम्बर को हम शिक्षक दिवस मनाते हैं। यह दिन डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के रूप में शिक्षा और शिक्षकों को सम्मान देने के लिए समर्पित है। इस अवसर पर हमें यह समझना ज़रूरी है कि “शिक्षक” और “गुरु” दोनों ही शब्द एक जैसे लगते हैं, परंतु इनके अर्थ और प्रभाव अलग-अलग हैं। शिक्षक …
Read More »हिंदी दिवस : उत्सव के शोर में जमीनी सन्नाटा
14 सितंबर को हर साल हिंदी दिवस मनाया जाता है। यह दिन हिंदी की संवैधानिक प्रतिष्ठा को याद करने और उसके प्रचार-प्रसार के संकल्प को दोहराने का प्रतीक बन गया। बड़े-बड़े सभागारों में गोष्ठियाँ होती हैं। लेखकों, कवियों और विचारकों को सम्मानित किया जाता है। सोशल मीडिया पर हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने की माँग दोहराई जाती है और विदेशों में …
Read More »अन्तर्वेदना-प्रिया देवांगन
“मुझे अपनी शरण में ले लो राम…… ले लो राम” “मुझे अपनी शरण में ले लो राम…………….!!”रानो तुम ये उदासी भरा भजन क्यों गा रही हो और ये क्या तुम्हारी आँखें सरोवर की तरह डबडबा गई हैं? प्यारे ने अपनी पत्नी रानो के कंधे पर हाथ रखते हुए पूछा।प्यारे! अब जीवन अंतिम पड़ाव पर है, भगवान भजन ही हमें मोक्ष की …
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