महिला दिवस पर साथियों नारी जागरण की बात हमेशा होते रहती है l हम हमेशा कई स्थानों पर, अखबारों में, समाचार में नारी जागरण आंदोलन की बात सुनते हैं l सदियों से इस क्षेत्र में व्यापक कार्य भी हुये हैं पर क्या वर्तमान में नारियां जाग चुकी है, क्या हम अपने महत्व को जान पाये हैं l क्या हम ये …
Read More »बचपन पर मोबाइल का प्रभाव-आशा
“सचल दूरवाणी यंत्र” यानी मोबाइल वर्तमान के जीवनशैली का सबसे महत्वपूर्ण साधन।जिसके बिना जीवन संभव नहीं “सा” लगता है।आजकल हर कार्य मोबाइल द्वारा सम्पन्न होने लगे हैं। तो इसके प्रयोग से अछूता तो नहीं रखा जा सकता है बच्चों को, ये अवश्य है कि एक न्यूनतम उपयोग के स्वास्थ्य के प्रति सचेत अवश्य रहा जा सकता है। बच्चों में मोबाइल …
Read More »बचपन पर मोबाइल का असर-दीपमाला
वर्तमान में ऐसा कौन सा परिवार है जो बच्चों के मोबाइल देखने से परेशान नहीं होता l ऐसी बहुत ही कम मां होगी जिसे अपने बच्चे को भोजन कराते समय मोबाईल की जरूरत नहीं पड़ती होगी l बच्चों को आज दादा-दादी, नाना-नानी तो दूर शायद मम्मी-पापा की जरूरत भी कुछ समय के लिए पड़ती है, बांकी पूरा समय उनके लिए …
Read More »बचपन पर मोबाइल का असर-ज्योति
वर्तमान समय में अभिभावक की कमी के कारण बच्चों पर मोबाइल का बहुत गहरा असर पड़ रहा है इससे उनकी आंखें दिमाग और शारीरिक सेहत पर भी कई तरह की समस्याएं हो सकती है ।मोबाइल फोन को हिंदी में “सचल दूरभाष यंत्र” कहा जाता है सचल का अर्थ है जिसे आसानी से कहीं भी ले जाया जाये। दूरभाष का अर्थ …
Read More »आत्महत्या की बढ़ती प्रवृति- दिनेश कुमार राय
आत्महत्या की बढ़ती प्रवृत्ति कोई साधारण समस्या नहीं है।यह एक गहरी पीड़ा और मानसिक उथल-पुथल का प्रतीक है। दूसरे शब्दों में, यह एक ज़ख्म है जो समाज के ताने-बाने को चीरता हमारे सम्मुख खड़ा किसी दैत्य की भांति अट्टाहासें भर रहा है। यह महज़ एक व्यक्ति के जीवनलीला को समाप्त करने के लिए जिम्मेदार ही नहीं है, बल्कि उसके परिवार …
Read More »अस्तित्व: निरंतर यात्रा-डॉ सुनीता शर्मा
ऋचा अपनी किताबें समेटते हुए अचानक माँ से बोली, “माँ, एक बात पूछूं?” सुनीता, जो खिड़की के बाहर धूप में भीगी दोपहर को निहार रही थी, मुस्कुराई, “हां बेटा, पूछो।” “हम कौन हैं?” ऋचा का सवाल साधारण था, लेकिन उसमें छुपा असमंजस सुनीता के दिल के तार छेड़ गया। “मतलब?” सुनीता ने धीरे से पूछा, लेकिन मन में हलचल मच …
Read More »सुख का मुख्य आधार फिटनेस-आशा
“स्वस्थ शरीर जीवन की अमूल्य धरोहर है।” स्वस्थ शरीर का तात्पर्य मात्र शारीरिक रूप से स्वस्थ होना नहीं है,अपितु मानसिक रूप से स्वस्थ होना भी है। आज के समय में अधिकांशतः शारीरिक स्वास्थ्य की ओर तो सभी का ध्यान रहता है,पर मानसिक स्वास्थ्य पर किसी का भी ध्यान नहीं जाता। जबकि मानसिक रूप से स्वस्थ होना, शारीरिक रूप से स्वस्थ …
Read More »फिट इंडिया हिट इंडिया
“फिटनेस “केवल एक शब्द नहीं है बल्कि यह एक स्वस्थ और समृद्ध जीवन का आवश्यक स्तंभ होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, स्वास्थ्य सिर्फ रोग या दुर्बलता नहीं बल्कि एक पूर्ण शारीरिक, मानसिक और सामाजिक खुशहाली की स्थिति होती है। एक स्वस्थ व्यक्ति रोजमर्रा की गतिविधियों से निपटने के लिए और किसी भी परिवेश के मुताबिक अपना अनुकूलन करने …
Read More »ज्योति किरण रतन के मन की बात
हम अपने कमरें, घरों में जिस बल्ब को जलाकर आप पढ़ते है, आपको पता है ।उसकी खोज किसने की थी? ज्ञात ही होगा, थॉमस अल्वा एडीसन ने। क्या यह भी जानते है कि जो आप यूट्यूब में फिल्में देखते हैं, उन फिल्मों को कैद करने वाला पहला कैमरा भी एडीसन ने ही बनाया था। थॉमस एडीसन ने ऐसे कई उपकरणों …
Read More »दीपमाला की कहानी वादा
आज पूरे गांव में रौनक का माहौल है l ऐसे लग रहा था मानो दीवाली ही मना रहे हैं l छोटा सा गांव जहां लोग एक दूसरे को नाम व चेहरे से जानते थे l एक दूसरे को रिश्ते से पहचानते थे l पूरे गांव में हर्ष का माहौल था l घरों के सामने रंगोली बना हुआ था l बाजे …
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