संपादकीय

कांवड़ यात्रा में उपद्रव-यह कैसी शिव भक्ति-अखंड गहमरी

यह कैसी शिव भक्ति

सनातन धर्म में सावन महीने का विशेष महत्व है। यह महीना भगवान शिव की पूजा और आराधना के लिए समर्पित होता है। सावन के दौरान कांवड़ यात्रा की परंपरा अत्यंत प्राचीन और श्रद्धा से जुड़ी हुई है। भक्तगण गंगा नदी से जल भरकर अपने-अपने गांव या शहर के शिवालय में शिवलिंग पर जलाभिषेक करते हैं। यह परंपरा प्रमुख रूप से …

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गाजीपुर में ढह गया आज का अंतिम पीलर-अखंड गहमरी

गाजीपुर में ढह गया आज का अंतिम पीलर

कभी सोचा नहीं था कि यूँ चुपके से चला जायेगा वह हंसते चेहरे का प्रेरणा श्रोत, जिसने दिया था मेरे जीवन को एक नईदिशा। अखबार की दुनिया में आज अखबार का नाम एक ऐसा नाम है जो किसी परिचय का मोहताज नहीं है। वर्ष 1980 के दशक में आज समाचार पत्र दैनिक जागरण जैसे समाचार पत्रों को पनपने नहीं देता …

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गजगमिनियाँ का पर्यावरण दिवस-अखंड गहमरी

अंखड गहमरी की पूव प्रेमिका गजगमिनियॉं पर्यावरण दिवस पर

कलेजे में बहुत दर्द हो रहा है। बस आप यूँ समझ लें कि दर्द के मारे मेरी हालत वही है जो आपकी तब होती है जब आप अपनी घराणी से छुपकर अपनी बहराणी यानी बाहर वाली से मिलने जाते हैं। वही हालत आज मेरी इस दर्द की है। और देखिए न आपको बता भी नहीं सकता कि यह दर्द क्यों …

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शिक्षामित्रों के नेता शिक्षामित्रों के हितैसी या दुश्‍मन

संपादकीय: शिक्षामित्रों के नेता – शिक्षामित्रों के हितैषी या दुश्‍मन? उत्तर प्रदेश में शिक्षामित्र योजना की शुरुआत 1999 में हुई थी, जब राज्य सरकार ने प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए 11 महीने की संविदा पर बारहवीं पास युवाओं की नियुक्ति का आदेश जारी किया। उसके बाद से लेकर 25 जुलाई 2017 तक शिक्षामित्रों ने …

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फर्जी गंगापुत्र और रोती मॉं गंगा

फर्जी गंगा पुत्र और रोती गंगा मॉं

संपादकीय: फर्जी गंगापुत्र और रोती मॉं गंगा संपादकीय: स्‍वंय घोषित गंगापुत्र और रोती मॉं गंगा महाकुंभ 2025 में एक बार फिर गंगा की पीठ पर पाखंड का बोझ लादा गया। करोड़ों रुपये की फंडिंग, बड़ी-बड़ी योजनाएं, दिखावटी पोस्टर, झूठे आँकड़े और खोखली घोषणाएं – लेकिन जब श्रद्धालु गंगा तट पर पहुंचे, तो वहाँ सिर्फ बदबू, कीचड़, प्लास्टिक और सीवेज का …

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गन्‍नू बाबू का जलवा-गन्‍नू ग्‍लोबल हो गये।

गन्‍नू बाबू का जलवा – गन्‍नू ग्‍लोबल हो गए

संपादकीय: गन्‍नू बाबू का जलवा-गन्‍नू ग्‍लोबल हो गये संपादकीय: गन्‍नू बाबू का जलवा-गन्‍नू ग्‍लोबल हो गये गन्‍नू बाबू अब बड़े हो गए हैं! पूरे तीन साल के! मोहल्ले में अब उनका जलवा है। अरे भइया, अब वो कोई आम बालक थोड़े हैं, अब तो वो अंग्रेजी स्‍कूल में पढ़ने जाने लगे हैं! मतलब, अब वो ‘ए फॉर एप्पल, बी फॉर …

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मैं कविता थी, मुझे जोकर बना दिया

"अखंड गहमरी संपादकीय

संपादकीय: कविता का हाल और हमारी ज़िम्मेदारी संपादकीय: कविता का हाल और हमारी ज़िम्मेदारी आजकल जैसे ही कोई घटना होती है, हमारे कवि और लेखक तुरंत सक्रिय हो जाते हैं, जैसे उनके भीतर छिपा कोई रिपोर्टर फुल स्पीड में ऑन ड्यूटी आ गया हो। संवेदना, शोध, भावना और मौलिक सोच को किनारे रखकर वह किसी घटना को समझते हैं कि …

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साहित्य सरोज की नई पहल – लेखन व संपादन का अवसर

साहित्य सरोज की नई पहल – लेखन और संपादन का सुनहरा

प्रिय साहित्यप्रेमियों,साहित्य सरोज पत्रिका अपने निरंतर प्रयासों में एक नया और सशक्त कदम बढ़ाते हुए https://sahityasaroj.com पर 7 नये कॉलम आरंभ कर रही है। इस प्रयास का उद्देश्य है – नये लेखकों को मंच देना, रचनात्मकता को दिशा देना, और संपादन में रुचि रखने वालों को व्यावहारिक अनुभव प्रदान करना।संपादक अखंड गहमरी की ओर से बताया गया है कि आज …

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