साहित्य सरोज कहानी प्रतियोगिता 2025, कहानी पर कमेंट जरूर देंं। विवाह के इक्कीस वर्ष हो चुके हैं ।जीवन की आपाधापी में कितना कुछ बदल गया है पता ही नहीं चला । शरीर में पहले जैसी ताकत नही बची है। देह थुल-थुल हो गई है और सिर के बाल झड़ चुके हैं।थोड़ा सा भी चलता हूं तो हांफने लगता हूं । …
Read More »दीक्षा की कहानी स्नेह-छाया
साहित्य सरोज कहानी प्रतियोगिता 2025, कहानी पर कमेंट जरूर देंं। बाहर यह क्या कोलाहल हो रहा है , शेविंग करते हुए राज ने अपनी पत्नी पूजा से पूछा । कॉलेज जाने के लिए वह तैयार हो रहा था ,अभी नहाकर आया था । अरे ! वही मिश्रा सर के घर की लड़ाई है , आज तो यह सड़क तक आ …
Read More »अस्तित्व: निरंतर यात्रा-डॉ सुनीता शर्मा
ऋचा अपनी किताबें समेटते हुए अचानक माँ से बोली, “माँ, एक बात पूछूं?” सुनीता, जो खिड़की के बाहर धूप में भीगी दोपहर को निहार रही थी, मुस्कुराई, “हां बेटा, पूछो।” “हम कौन हैं?” ऋचा का सवाल साधारण था, लेकिन उसमें छुपा असमंजस सुनीता के दिल के तार छेड़ गया। “मतलब?” सुनीता ने धीरे से पूछा, लेकिन मन में हलचल मच …
Read More »ज्योति किरण रतन के मन की बात
हम अपने कमरें, घरों में जिस बल्ब को जलाकर आप पढ़ते है, आपको पता है ।उसकी खोज किसने की थी? ज्ञात ही होगा, थॉमस अल्वा एडीसन ने। क्या यह भी जानते है कि जो आप यूट्यूब में फिल्में देखते हैं, उन फिल्मों को कैद करने वाला पहला कैमरा भी एडीसन ने ही बनाया था। थॉमस एडीसन ने ऐसे कई उपकरणों …
Read More »दीपमाला की कहानी वादा
आज पूरे गांव में रौनक का माहौल है l ऐसे लग रहा था मानो दीवाली ही मना रहे हैं l छोटा सा गांव जहां लोग एक दूसरे को नाम व चेहरे से जानते थे l एक दूसरे को रिश्ते से पहचानते थे l पूरे गांव में हर्ष का माहौल था l घरों के सामने रंगोली बना हुआ था l बाजे …
Read More »दिनेश की कहानी वादा
मुंबई के मीरा रोड स्टेशन से ‘निशा गार्डन’ अपार्टमेंट की दूरी मात्र एक किलोमीटर है। पैदल चलते हुए इस दूरी को मात्र पंद्रह-बीस मिनट में तय किया जा सकता है। परन्तु, दीपक को आज यही दूरी मीलों लम्बी लग रही थी। धीमे-धीमे कदमों को बढ़ाता वह आगे बढ़ रहा था। हर कदम में एक थकावट थी। आस-पास के शोरगुल और …
Read More »किरण की कहानी वादा
11 फरवरी, फोन में तारीख देखते ही पलक के मस्तिष्क में सहसा एक विचार कौंधा कि आज तो प्रोमिस डे है। कितना अजीब शब्द है न ये वादा भी , लोग वादा तो कर लेते हैं पर निभाता कोई कोई ही है। वादा करने से ज्यादा मुश्किल होता है उसे निभाना। यह सब सोचते-सोचते व्यंग्य और दर्द से भरी हुई …
Read More »ज्योति की कहानी पहला प्यार
साहित्य सरोज सप्ताहिक आयोजन क्रमांक- 2 सोमवार से मंगलवार ( कहानी लेखन) शीर्षक – “पहला प्यार” मार्च का महीना था मेरा विवाह तय हो गया था ।घर में सभी बहुत खुश थे और भैया- पापा शादी की तैयारी में जुट गये ।मई में तिलक उत्सव और नवंबर में विवाह की तिथि रखी गई तभी तिलक चढ़ाने से पहले मेरे पति …
Read More »आशा की कहानी पहला प्यार
साहित्य सरोज साप्ताहिक आयोजन क्रम -२ शीर्षक पहला प्यार प्रेम की सुरभि ऐसी होती है जिससे आपका जीवन सदैव सुरभित होता रहता है। समय के संग जिसकी सुगंध बढ़ती ही जाती है।ज्यों -ज्यों दैहिक ताप कम होता है,प्रेम अलौकिकता ग्रहण करता जाता है। जीवन की संध्याकाल में जब एक साथी की आवश्यकता सबसे अधिक होती है।तब साथी का विछोह एक …
Read More »दीपमाला की कहानी पहला प्यार
साहित्य सरोज साप्ताहिक आयोजन क्रम -2 कहानी लेखन शीर्षक- पहला प्यार प्रेम एक ऐसी अनुभूति है जो जीवन को सरस बना देती है l जिससे प्रेम हो चाहे वह शरीर से कितना भी दूर रहे पर उसके साथ होने का अहसास ही हमें जीवंत बना देता है l विवाह के पश्चात मैं पगफेरे के लिए मायका आई l तब पूरा …
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