“स्वस्थ शरीर जीवन की अमूल्य धरोहर है।” स्वस्थ शरीर का तात्पर्य मात्र शारीरिक रूप से स्वस्थ होना नहीं है,अपितु मानसिक रूप से स्वस्थ होना भी है। आज के समय में अधिकांशतः शारीरिक स्वास्थ्य की ओर तो सभी का ध्यान रहता है,पर मानसिक स्वास्थ्य पर किसी का भी ध्यान नहीं जाता। जबकि मानसिक रूप से स्वस्थ होना, शारीरिक रूप से स्वस्थ होने से अधिक आवश्यक है। शारीरिक रूप अस्वस्थ व्यक्ति स्वयं के लिए और अधिक से अधिक परिवार के लिए ही कष्ट का कारण बनता है।जबकि मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति समाज और संस्कृति दोनों के लिए ही कष्टकारी होता है। शारीरिक अस्वस्थता स्पष्ट दिख जाती है,पर मानसिक अस्वस्थता को पहचानना कठिन होता है। समाज में हो रहे अपराधों के लिए बहुत हद तक मानसिक रोग उत्तरदायी है।
समाज को स्वस्थ और उन्नतशील बनाने के लिए मानसिक स्वास्थ्य की ओर ध्यान देना अति आवश्यक है। मानसिक स्वास्थ्य के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातें जिनका ध्यान रखकर हम मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर रख सकते हैं —
योग और प्राणायाम को जीवन का आवश्यक अंग बनाएं।
सूर्योदय से पूर्व उठे।भोर का संगीत,जो पक्षियों की चहचहाहट के रूप में होता है,उसका आनंद ले। उगते सूर्य के दर्शन करें।
प्रकृति के समीप रहें। सुबह की सैर करें। अपने घर पर लगे पौधों को जल दें,देखभाल करें।
घर के बड़े बुजुर्गों,बच्चों के साथ समय व्यतीत करें।
अपनी श्रद्धानुसार किसी न किसी दैवीय शक्ति को अपना इष्ट बनाएं।अपना हर सुख -दुख उनके समक्ष रखें।
नकारात्मकता से बचने के लिए ” ईश्वर जैसी तेरी इच्छा “का मंत्र अपनाएं।
सकारात्मकता के लिए” मुझमें कोई सामर्थ्य नहीं था,पर अपने मुझे माध्यम बनाकर ये कार्य सफल बनाया” इसके लिए धन्यवाद। ये अवश्य बोलें।मानसिक रूप से स्वस्थ रहने पर शारीरिक स्वास्थ्य स्वत बढ़ता ही रहेगा। भारतीय स्वस्थ रहेंगे तो भारत दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की करेगा।।
जय हिंद,जय भारत
आशा झा सखी
जबलपुर (मध्यप्रदेश)
94258 66945
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