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व्यक्तित्व विकास की आधारशिला है मातृभाषा-डॉ० रामशंकर भारती

मातृभाषा दिवस पर विशेष – हिंदी हमारी राष्ट्रीय अस्मिता की पहचान और राष्ट्रीय एकता की संवाहिका है। व्यक्ति के सर्वांगीण विकास में मातृभाषा का अहम् योगदान होता है। मातृभाषा हमारी आंतरिक अभिव्यक्ति का सबसे विश्वसनीय माध्यम है। यही नहीं, मातृभाषा हमारी अस्मिता, सामाजिक -सांस्कृतिक पहचान और आंतरिक निर्माण-विकास का मार्ग प्रशस्त करती है। अपने इतिहास, परंपरा और संस्कृति के अध्ययन …

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मोकौं लिखौ है का ? डॉ० रामशंकर भारती

पत्र साहित्य गुजरे बीसियों साल से मेरे नाम किसी अपने-विराने की कोई चिट्ठी नहीं आई। हाँ, कुछ पत्रिकाओं तथा पुस्तकों के बण्डल जरूर मिलते रहते हैं। माना कि अब मैंसेजर, व्हाट्सएप्स आदि की आधुनिक तकनीकी सहूलियतें उपलब्ध हैं, जिनसे एक ही सेकंड में संदेश इधर से उधर तैर जाते हैं। अँगुलियाँ धरते ही सात समंदर पार कर जाते हैं। मगर …

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शान की कहानी न्‍याय

का करूँ ! कहाँ जाऊँ !? गूलरपुरा का मजदूर बनवारी अपनी झोपड़ी में बैठा सोच रहा था ‘पास बैठा उसका तीन बरस का बेटा पिता को देख कर मुस्कुरा रहा था उसकी निश्छल मासूम मुस्कुराहट बनबारी की चिंता को और बढ़ा रही थी | आज वह बहुत परेशान था कारण… गाँव के बौहरेजी से लिए अपने कर्जा के रुपयों के …

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व्यंग्य हास्य कथा मृत्यु का भय

भगवान गरुड़ उड़ान भरते हुये पाटिलपुत्र में एक विष्णु मंदिर की परिक्रमा कर रहे थे उन्होने देखा कि  मंदिर की मुंडेर पर बैठा एक कबूतर कांप रहा था । गरुड़ जी को दया भाव जागृत हुआ , उन्होंने कबूतर से इसका कारण पूछ लिया। कबूतर ने बताया कि एक ज्योतिषाचार्य ने उसे बताया है कि कल प्रातःकाल उसकी मौत हो …

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ठेका शरणम गच्छामि -रामभोले शर्मा

त्योहार हमारी सांस्कृतिक धरोहरों को पोषित करने आते है।जिनके मूल मे स्वच्छता, पवित्रता, नवीनता, चेतनता, मानवता, सामाजिकता, धार्मिकता और बन्धुत्व जैसे भाव निहित होते हैं।हिन्दू धर्म के त्योहारों में होली का नाम उल्लेखनीय है।हालाँकि होली पूर्णिमा को होने वाला रंगों और खुशियों का त्योहार है किन्तु अब ये बेवड़ों के त्योहार के नाम से कुख्यात हो रहा है।चार पैसे कमाने  …

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ब्रह्मनाथ पाण्डेय की कहानी पीपल

साहित्‍य सरोज कहानी प्रतियोगिता 2025, कहानी पर कमेंट जरूर देंं। महातम लाल अपने समय के बड़े मशहूर आदमी रहे। क्षेत्र में उनका बोलबाला रहा। हर कोई उन्हें नाम और चेहरे से पहचानता था। उनका एक बेटा था जिसका नाम रोहन था। वह भी अपने पिता के नक्शेकदम पर चल रहा था। एक रात की घटना है जब रोहन गहरी नींद …

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उद्धव देवली की कहानी देते रहो

साहित्‍य सरोज कहानी प्रतियोगिता 2025, कहानी पर कमेंट जरूर देंं। उत्तराखंड के एक छोटे से नगर में दीनदयाल नाम का व्यक्ति व्यापार करता था । वह विभिन्न प्रकार की सामग्री, खाने-पीने से लेकर आवश्यकता की सभी वस्तुएं अपनी दुकान में रखता था | वह मेहनती व अपने कार्य के प्रति पूर्णरूप से समर्पित था लेकिन उसमें सबसे बड़ी कमी यह …

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प्रतिभा जोशी की कहानी सर्द बैठक

साहित्‍य सरोज कहानी प्रतियोगिता 2025, कहानी पर कमेंट जरूर देंं। “सुनिएजी, टिफिन में  एक सर्दी का लड्डू भी रख दूँ?”, कृष्णा अपने पति के ऑफिस के टिफिन में उसकी पसंद जान खाना रखती हुई हँस दी। “अरे, यह भी कोई पूछने की बात है। सर्दी के लड्डू सर्दी में नहीं तो गर्मियों में खाएंगे ?”, और मयंक तैयार हो मुस्कुराते …

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डॉ ऋतु की कहानी अपमान बना वरदान 

साहित्‍य सरोज कहानी प्रतियोगिता 2025, कहानी पर कमेंट जरूर देंं। सुनयना क्या करे? कहाँ जाए? भगवान ने विवाह के चार वर्ष पश्चात एक संतान दी मगर तमाम सतर्कता, सावधानी बरतने के बाद भी न जाने कैसे सोहम पोलियो की चपेट में आ गया। समय पर पोलियो की ड्रॉप्स भी पिलाई गई थीं पर शायद भगवान को यही मंज़ूर था कि …

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सीमा की कहानी वैलेंटाइन डे

साहित्‍य सरोज कहानी प्रतियोगिता 2025, कहानी पर कमेंट जरूर देंं। सुबह आँख खुलते ही राजन ने अपना मोबाइल उठाया जैसे ही व्हाट्सएप चेक किया एक नए नंबर से ‘हाय’ का मैसेज पड़ा था । उसने उत्सुकतावश डीपी चेक की.. किसी बहुत खूबसूरत लड़की का फोटो था.. उसने दिमाग पर जोर डाला.. उसे याद नहीं आ रहा था.. इससे कभी मिला …

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