18 जनवरी 2024 रेडिसन ब्लू टॉवर्स कौशांबी दिल्ली में अहसास और दैनिक जागरण द्वारा प्रायोजित प्रभा खेतान फाउंडेशन ने “अपनी भाषा अपने लोग” की ओर से एक शानदार कार्यक्रम का आयोजन किया गया । जिसके अंतर्गत इक्कीसवी सदी की प्रेरणात्मक महिलाओं में शामिल, बहुआयामी व्यक्तित्व की धनी, भारत और लंदन में अपने लेखन कौशल, संपादन, लंदन के सामाजिक एवं सांस्कृतिक जीवन में अपूर्व योगदान के लिए अनेकानेक प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित, आदरणीय दिव्या माथुर जी से वैश्विक हिंदी परिवार के अध्यक्ष, कवि और लेखक अनिल शर्मा जोशी जी ने उनके व्यक्तिगत सामाजिक सांस्कृतिक एवं लंदन में कार्य क्षेत्र से जुड़े अपने सहज व आत्मीयता से भरे प्रश्नों द्वारा उनके जीवन अनेक पहलुओं को छुआ।
कार्यक्रम का शुभारंभ जलपान के उपरांत प्रभा खेतान फाउंडेशन की ओर से आदरणीय वंदना जी के उद्बोधन द्वारा शुभारंभ किया गया। तत्पश्चात अनिल शर्मा “जोशी” जी द्वारा आदरणीया दिव्या माथुर जी का स्वागत किया गया। तदोपरांत उनके द्वारा, आदरणीया अलका सिन्हा जी के शब्दों अनुसार दिव्या जी के ‘कुछ नहीं से’ कुछ होने तक ’ का सफर अनिल जोशी जी के सवाल तथा दिव्या जी के जबाबों से दर्शकों के समक्ष जीवंत हो उठा। आदरणीय अनिल जोशी जी ने दिव्या जी के समस्त सामाजिक, सांस्कृतिक तथा लेखन क्षेत्र में उपलब्धियों पर विस्तृत विवेचना की। लंदन में हिन्दी प्रचार प्रसार के लिए किए गए उनके अथक प्रयास, इसके लिए वहां “वातायन UK”की स्थापना इत्यादि सभी विषयों पर दिव्या जी ने बहुत ही सरलता सहजता से रौशनी डाली।
इसके साथ ही दिव्या जी एक प्रवासी होने के कारण किन किन परिस्थितियों,चुनौतियों का सामना करते हुए , इन बुलंदियों पर पहुंचीं, से सम्बन्धित अनेकों प्रश्न पूछे, और दिव्या जी ने प्रत्येक प्रश्न का मुस्कराते हुए बहुत ही सहजता से उत्तर दिए। उनके द्वारा अनेक संस्मरण भी दर्शकों के साथ साझा किए।तत्पश्चात आदरणीया कल्पना मनोरमा जी द्वारा आदरणीया दिव्या जी तथा आदरणीय अनिल जोशी जी को शॉल भेंट कर उनका सम्मान किया गया।तथा आदरणीय ममता कालिया, राहुल देव, रमा पांडे जी, अलका सिन्हा जी, रेखा सेठी जी, मधु चतुर्वेदी जी, अल्पना जी आदि ने दिव्या जी के व्यक्तिगत, समाजिक सांस्कृतिक व लेखकीय यात्रा का बहुत ही बारीकी के साथ मार्मिक चर्चा की, जो कि सभी के दिलों को छू गई।इसी के साथ कार्यक्रम आदरणीया वन्दना जी के धन्यवाद ज्ञापन के साथ अपनें अंतिम पड़ाव की ओर बढ़ गया।
अलका गुप्ता
नई दिल्ली