बिलासपुर: समाज कल्याण हेतु समर्पित “आनंद सागर सेवा प्रवाह” के द्वारा सरस्वती शिशु मंदिर के सभागार में राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से आए हुए शिक्षा एवं समाज कल्याण के क्षेत्र में कर्तव्य निष्ठ, समर्पित शिक्षकों का सम्मेलन एवं सम्मान समारोह का भव्य आयोजन किया गया।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आचार्य अरुण दिवाकर नाथ बाजपेई जी कुलपति अटल बिहारी बाजपेई विश्वविद्यालय बिलासपुर थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व अध्यक्ष राजभाषा आयोग, कुलपति थावे विद्यापीठ गोपालगंज बिहार डॉ विनय कुमार पाठक , विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ अधिवक्ता उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ श्री राजीव श्रीवास्तव जी एवं सीनियर पीजीटी केंद्रीय विद्यालय बिलासपुर श्रीमती शैलजा श्रीवास्तव रही। कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती वंदना से हुआ तत्पश्चात अतिथियों का स्वागत ग्रीन बुके शाल श्रीफल और स्मृति चिन्ह भेंट कर किया गया। आनंद सागर सेवा प्रवाह के सदस्यों ने स्वागत गीत प्रस्तुत कर समस्त अतिथियों का स्वागत किया। संस्था की संस्थापिका डॉक्टर सुषमा पंड्या ने अपने स्वागत उद्बोधन में शिक्षकों से आवाहन किया कि “हमें नई पीढ़ी को भारतीय संस्कृति के जीवन शक्ति से भरे अध्याय से जोड़ना होगा और संस्कृति से जुड़े गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना होगा “।आनंद सागर सेवा प्रवाह भविष्य में नई शिक्षा नीति के साथ कार्य करना चाहती है विशेष कर ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों के स्वास्थ्य एवं शिक्षा तथा महिला सशक्तिकरण की दिशा में कार्य करना चाहती है।
डॉ विनय पाठक जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि चार प्रकार के वीर होते हैं दया वीर ,दानवीर, युद्ध वीर, धर्मवीर लेकिन, कर्मवीर में यह चारों वीर समाहित है ।हमारे जितने कर्मवीर शिक्षक है वह बधाई के पात्र हैं ।आनंद सागर पाने के लिए सेवा प्रवाह आवश्यक है और आनंद सागर ने सेवा प्रवाहित कर दिया है। जिसमें हमारे शिक्षक सम्मिलित है। आचार्य वाजपेई जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि हम शिक्षक तो विद्या दानवीर है। नई शिक्षा नीति में विद्यालय में आने से पूर्व आंगनबाड़ी को भी शामिल किया गया अब कोई भी बच्चा भाषा के कारण विद्यालय में प्रवेश पाने से वंचित नहीं रहेगा। यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति बाल केंदित है।आचार्य जी ने कहा कि भविष्य में बड़ा सम्मान समारोह करना है जिसमें विद्यालय के शिक्षक और कॉलेज के प्राध्यापक को भी शामिल किया जाए।
सम्मान समारोह में दुर्ग भिलाई बालोद गरियाबंद रायपुर कुम्हारी धमतरी सुकमा दल्ली राजहरा कबीरधाम एवं अन्य स्थानों से प्रबुद्ध शिक्षकों का आगमन हुआ था। 100 शिक्षकों को कर्मवीर सम्मान से सम्मानित किया गया। शिक्षकों को शाल श्रीफल बैग मोमेंटो सर्टिफिकेट प्रदान कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का आभार प्रदर्शन संस्था के संरक्षक एवं कोषाध्यक्ष पंडित बाबूलाल पंड्या जी के द्वारा किया गया। श्री अनिल श्रीवास जी के द्वारा बहुत ही कुशलतापूर्वक मंच संचालन किया गया। संस्था के संरक्षक कविता शर्मा जी उपाध्यक्ष सुनीता दास गुप्ता जी सचिव सीमा शुक्ला जी सह सचिव सुमन सिंह जी, प्रचार मंत्री रश्मि श्रीवास जी सदस्य शांति लकड़ा जी ,संजय श्रीवास जी एवं अन्य सभी सदस्यों का पूर्ण सहयोग रहा ।
आज के भव्य शानदार आयोजन, उत्सव पूर्ण वातावरण विद्वत जनो की गरिमामयी उपस्थिति, डॉक्टर वाजपेई जी का बेहतरीन संबोधन, डॉ विनय पाठक जी का उत्साह वर्धन एवं सिंह वाहिनी सी शौर्य पूर्ण सुषमा पंड्या जी के जागृत करते विचार ,सात्विक भोजन सुनिश्चित सुनियोजित कार्यक्रम ,आज का पावन दिन देव दीपावली के पूजा से प्यारे बच्चों का कार्यक्रम यह सब पूरे सम्मान समारोह की सफलता गरिमा है। सम्मान समारोह में सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रभारी सुमित दास गुप्ता जी ने बहुत ही अच्छे तरीके से सांस्कृतिक कार्यक्रम के प्रस्तुति दी।
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