(सत्यकथा) अभी 18 साल उम्र भी पूरी नहीं किया था कि खेल कोटे से सीमा सड़क संगठन में सिपाही के पद पर तेजपुर असम में नौकरी लग गई। पूरा परिवार खुशियों से झूम गया। अभी नौकरी करते दो साल भी नहीं बीता कि रिश्तेदारों ने विवाह के लिए परेशान कर …
Read More »राजधानी का वह एक यादगार सफर-पूनम झा प्रथमा
सभी ट्रेन हमें अपने गंतव्य तक पहुँचाती है। सभी ट्रेनें जैसे सुपरफास्ट ट्रेन, एक्सप्रेस आदि में राजधानी एक्सप्रेस अपना एक अलग स्थान रखती है। वैसे तो राजधानी एक्सप्रेस में मुझे कई बार सफर करने का मौका मिला है। लेकिन एक बार का सफर यादगार सफर रहा। एकबार हमलोग बैंगलोर से …
Read More »अर्चना त्यागी की कहानी रिसर्च पेपर
अपनी नई पोस्टिंग से सुजीत बहुत ही खुश थे। शहर का नाम सुनते ही उनकी खुशी का ठिकाना नहीं था। सोने पर सुहागा हो गया जब उन्होंने जाकर देखा कि पुलिस स्टेशन रिसर्च इंस्टीट्यूट के बगल में ही था। नौकरी लग जाने के कारण वह अधिक पढ़ाई नहीं कर पाए …
Read More »राजनीति के दलदल अध्याय नौवां – डॉ लोक सेतिया
हरियाणा से जो हवा चली थी आया राम गया राम की उस से देश की दलबदल की राजनीति को कितनी बार नया आयाम प्रदान किया जाता रहा है । बात 1967 की है जब पलवल से निर्वाचित विधायक जिनका नाम गया लाल था उन्होंने पहली बार कुछ ही घंटों में …
Read More »मानवीय जीवन का अमूल्य है संस्कार-सत्येन्द्र कुमार पाठक
सनातन धर्म के विभिन्न ग्रंथों में मानवीय जीवन के चतुर्दिक विकास का माध्यम षोडश संस्कार का उल्लेख किया गया है। मानव को गर्भाधान संस्कार से अन्त्येष्टि संस्कार तक षोडश संस्कार किए जाते हैं। सनातन धर्म में गर्भाधन से मृत्यु तक १६ संस्कारों होते है। षोडश संस्कार के प्रवर्तक देवता द्वारा …
Read More »फटे जूते-पूजा गुप्ता
मुझे याद है उसे समय मेरे घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। पिताजी के पास आय का कोई साधन नहीं था। वह अक्सर ठेला में भजिया पकौड़ी की दुकान खोल रखे थे। जिसमें दो वक्त की रोटी आना मुश्किल होता था। जिसकी वजह से माँ पिताजी के बीच अलगाव …
Read More »भावपूर्ण और ह्रदय स्पर्शी रचनाओं का गुलदस्ता-तुमको अपनी जीत लिखूँ
*भावपूर्ण और ह्रदय स्पर्शी रचनाओं का गुलदस्ता* ********************** *तुमको अपनी जीत लिखूँ* (गीत, ग़ज़ल, मुक्तक, छंद संग्रह) मेरे परम मित्र भाई संजय कुमार गिरि जी युवा कवि, शायर व एक खुद्दार और यशस्वी रचनाकार- चित्रकार हैं। हाल ही में आपका काव्य संग्रह “तुमको अपनी जीत लिखूँ ” मिला।इस संग्रह में …
Read More »खूबसूरत दास्तां: कुछ आँसूं कुछ मुस्कानें -सुमन सिंह चंदेल
पुस्तक समीक्षासुमन सिंह चंदेलपुस्तक: कुछ आँसूं कुछ मुस्कानें (आत्मकथा)रचनाकार: सन्दीप तोमर प्रकाशक: इंडिया नेटबुकप्रकाशन वर्ष:2021मूल्य: 350/. आत्मकथा लिखना बेहद जोख़िम भरा काम है। पंजाबी लेखिका अजीत कौर का कथन है – “आत्मकथा लिखना अंगारों पर चलने जैसा है।” बावजूद इसके लेखक अपनी निजी दुनिया के द्वार, उसकी तमाम खिड़कियाँ पाठकों के लिए …
Read More »पैसे की क़ीमत-पीयूष गोयल
एक क़स्बे में दो घनिष्ठ मित्र रहते थे,बात आज़ादी के तुरंत बाद की हैं,एक धनी था,एक इतना धनी नहीं था । रोज़ाना कमाना और गुजर बसर करना,पर दोस्ती की लोग मिसाल दिया करते थे। दोनों दोस्त अपने-अपने माँ बाप की इकलौती संतान थे। एक दिन दोनों दोस्त साथ-साथ अपने-अपने घरों …
Read More »मर्यादापुरुषोत्तम राम-कुमकुम
कमल नयन हरि के अवतारे। त्रेतायुग में अवध पधारे।। हिन्दू संस्कृति के मूल पुरूष कमल नयन विष्णु के सातवें अवतार श्रीराम का जन्म त्रेतायुग में चैत्र शुक्ल नवमी तिथि को कौशल नरेश दशरथ की पत्नी कौशल्या के गर्भ से हुआ। राम एक ऐसा नाम है जिसके सुमिरन मात्र …
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