कमलेश द्विवेदी लेखन प्रतियोगिता -1
शारीरिक और मानसिक फिटनेस एक स्वस्थ जीवन शैली के दो महत्वपूर्ण घटक हैं। शारीरिक फिटनेस से तात्पर्य किसी व्यक्ति की बिना किसी थकान के दैनिक गतिविधियों को करने की क्षमता से है, जबकि मानसिक फिटनेस से तात्पर्य स्वस्थ और सकारात्मक मन की स्थिति को बनाए रखने की क्षमता से है। समग्र तंदुरूस्ती के लिए शारीरिक और मानसिक फिटनेस दोनों ही महत्वपूर्ण हैं, और किसी एक की भी उपेक्षा करने के गंभीर परिणाम हो सकते हैं। महाकवि कालिदास ने कुमारसम्भवम में शिव-पार्वती संवाद में कहा है कि, “शरीरमाद्यं खलु धर्म साधनम्” अर्थात शरीर ही धर्मयुक्त आचरण का प्रथम साधन है। इस पर विचार करें तो गीता के अनुसार धर्म का अर्थ यह भी है कि जिसे हमने धारण किया है। यानी कि जो कुछ कार्य आप करते हैं, वह भी हमारा धर्म है। आप यदि पिता हैं तो पितृ धर्म, शिक्षक हैं तो शिक्षक धर्म आदि। कालिदास ने यही सोच कर उपरोक्त लिखा था कि किसी भी कार्य को सही तरीके से करने के लिए हमें अपने शरीर की उत्तमता की आवश्यकता होती ही है। शारीरिक फिटनेस के दोनों घटकों स्वास्थ्य फिटनेस (बाह्य और आंतरिक शरीर में शक्ति व लचीलापन) और कौशल फिटनेस (किसी कौशल/खेल विशेष हेतु आवश्यक गति/संतुलन/समय आदि) में से प्रथम की तो हम सभी को आवश्यकता है ही। मानसिक फिटनेस भी शारीरिक फिटनेस जितनी ही महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह भावनात्मक तंदुरुस्ती का आधार है। आनंददायक जीवन और जीवन की चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए एक सकारात्मक मानसिक स्थिति आवश्यक है। मेडिटेशन, माइंडफुलनेस और थेरेपी जैसी गतिविधियों द्वारा मानसिक स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है और व्यक्तियों को चिंता, अवसाद और अन्य मानसिक स्वास्थ्य विकारों का प्रबंधन करने में सहायता प्राप्त हो सकती है। अथर्ववेद को चिकित्सा “इंटरलिया” के लिए एक विश्वकोश माना जाता है। इसमें कहा गया है कि “शिवाभिस्ते हृदयं तर्पयामि। अनमीवो मोदीषीष्ठा: सुवर्चा:।“ (अथर्ववेद 2.29.6) यानी कि उत्तम भावनाओं और विचारों से दीर्घायु प्राप्त होती है। प्रसन्न मनुष्य निरोग, दीर्घायु और तेजस्वी होता है। फिटनेस की आवश्यकता जो व्यक्ति शारीरिक और मानसिक रूप से फिट होते हैं वे अधिक उत्पादक होते हैं और अपने काम को बेहतर तरीके से करने में सक्षम होते हैं। उपरोक्त दोनों के अतिरिक्त पोषण को भी स्वास्थ्य का एक अन्य मापदंड माना गया है, जिसका अर्थ है रोग प्रतिरोधक शक्ति हेतु शारीर में आवश्यक पोषक तत्वों का होना। समग्र फिटनेस हेतु जो प्रमुख भौतिक घटक माने गए हैं, उनमें कार्डियोवस्कुलर, मांसपेशियों की शक्ति, लचीलापन, कोर स्थिरता, पोषण, मानसिक विश्राम और उचित नींद प्रमुख हैं। कुछ प्रमुख कारण, मानव जीवन में शारीरिक और मानसिक फिटनेस क्यों महत्वपूर्ण है, निम्नानुसार हैं: बेहतर शारीरिक स्वास्थ्य: फिटनेस यदि बनी है तो यह बीमारियों जैसे हृदय रोग, मधुमेह, मोटापा और कुछ प्रकार के कैंसर के जोखिम को कम करती है। इसके अलावा, एक फिट शरीर शारीरिक चुनौतियों का सामना करने, चोटों का सामना करने और अधिक तेज़ी से ठीक हो सकता है। उत्तम मानसिक स्वास्थ्य: फिटनेस का मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ता है। व्यायाम एंडोर्फिन का उत्सर्जन करता है, जो प्राकृतिक मूड बूस्टर हैं और खुशी की भावनाओं को बढ़ा कर तनाव व चिंता को कम करते हैं। अतः यह जीवन की चुनौतियों का सामना करने में मदद करता है। । ऊर्जा के स्तर में वृद्धि: नियमित शारीरिक गतिविधियों में संलग्न होने से ऊर्जा का स्तर बढ़ता है और थकान कम होती है। व्यायाम रक्त परिसंचरण में सुधार करता है, मस्तिष्क सहित शरीर के ऊतकों को ऑक्सीजन और पोषक तत्व पहुंचाता है। इसका परिणाम सतर्कता, मानसिक स्पष्टता और पूरे दिन ध्यान केंद्रित करने की क्षमता में वृद्धि होती है। नियमित व्यायाम से नींद भी बेहतर होती है, जिससे व्यक्ति तरोताजा और ऊर्जावान रहते हैं। वजन प्रबंधन: वजन प्रबंधन और मोटापे को रोकने में फिटनेस की भूमिका महत्वपूर्ण है। नियमित व्यायाम कैलोरी जलाने और दुबली मांसपेशियों के निर्माण में मदद करता है, जिससे चयापचय दर में वृद्धि होती है। दीर्घायु और जीवन की गुणवत्ता: फिट व्यक्ति लंबे समय तक जीवित रहते हैं और जीवन की बेहतर गुणवत्ता का आनंद लेते हैं। स्वस्थ जीवन शैली जीवन प्रत्याशा को बढ़ाती है। फिटनेस समग्र जीवन शक्ति को बढ़ावा देती है, व्यक्तियों को विभिन्न गतिविधियों में भाग लेने, शौक का आनंद लेने और उम्र बढ़ने के साथ स्वतंत्रता बनाए रखने में सक्षम बनाती है। सामाजिक संबंधों में उत्तमता: स्वास्थ्य सामाजिक संबंधों पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। समूह आधारित फिटनेस गतिविधियों, खेल, या जिम कक्षाओं में शामिल होने से समाजीकरण और समान विचारधारा वाले व्यक्तियों से मिलने के अवसर मिलते हैं। शारीरिक और मानसिक फिटनेस अलगाव और अकेलेपन की भावनाओं को कम कर सकती है, जिससे व्यक्ति दूसरों के साथ जुड़ सकते हैं और सार्थक संबंध बना सकते हैं। तनाव प्रबंधन: शारीरिक गतिविधि एक उत्कृष्ट तनाव निवारक है। व्यायाम तनाव हार्मोन के उत्पादन को कम करने में मदद करता है और एंडोर्फिन के उत्सर्जन को ट्रिगर करता है, साथ ही विश्राम और कल्याण की भावना को बढ़ावा देता है। योग, ध्यान, या बाहरी खेलों जैसी शारीरिक गतिविधियों में संलग्न होने से मन-शरीर के संबंध बेहतर हो सकते हैं। निष्कर्ष: समग्रतः, शारीरिक और मानसिक फिटनेस एक स्वस्थ जीवन शैली के आवश्यक घटक और मूलभूत पहलू हैं। किसी एक की उपेक्षा करने से व्यक्तिगत और देश-समाज के लिए गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। शारीरिक और मानसिक फिटनेस को प्राथमिकता देकर, व्यक्ति न कवल बेहतर स्वास्थ्य, ऊर्जा में वृद्धि, वजन प्रबंधन कर दीर्घायु रह सकते हैं बल्कि अपने जीवन की गुणवत्ता में सुधार कर सकते हैं, उत्पादकता बढ़ा सकते हैं और दूसरों के साथ सार्थक संबंध बना सकते हैं। हम अधिक स्वस्थ, संपूर्ण और संतुलित जीवन शैली का आनंद ले सकते हैं। फिटनेस केवल एक प्रवृत्ति या अस्थायी सुधार नहीं है; यह जीवन जीने का एक तरीका है जिसका हमारे शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से गहरा प्रभाव पड़ता है। हालांकि, ओवरट्रेनिंग से नकारात्मक स्वास्थ्य परिणाम हो सकते हैं। फिटनेस ट्रेनिंग हमें हमारे शरीर के अनुसार ही करनी चाहिए, आवश्यकता पड़ने पर आराम भी करें और विशेषज्ञों से सलाह लें।
– डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी
Nice
बहुत बढ़िया और ज्ञानवर्धक
महाकवि कालिदास की बातों को सामयिक संदर्भ में बता कर रोचक लेख है. Simply great.
कम शब्दों में बहुत कुछ समझा दिया।
वैज्ञानिक जानकारी। साधुवाद।
बहुत उत्तम आलेख. पढ़कर बहुत कुछ जानने को मिला.
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स्वास्थ्य के कई पहलुओं को बताता उत्तम लेख।
शानदार लेख