बचपन”
सतीश “बब्बा”
बचपन की ओ प्यारी बातें,
कैसे भूलूं, तुम्हें बताऊं,
वही तो है जीवन सच्चा,
बांँकी जीवन व्याधि है तुम्हें बताऊं!
नन्हे नन्हे पउंँवा मेरे,
अम्मा – बापू के संग जाऊं,
चलते – चलते जब थक जाऊंँ,
बापू के पीठी चढ़ जाऊंँ !
खेतों की खड़ी फसल में,
मैं अंदर गुम हो जाऊंँ,
अम्मा को परेशान कराऊंँ,
बापू ढूंँढ़े मैं मिल जाऊंँ!
लुका – छुपी के इसी खेल में,
जाने कब मैं बड़ा हो गया,
खेत – खलिहान, अनाज के ढेर में,
छुपना अब कठिन हो गया!
अम्मा – बापू चले गए,
हम खुद मम्मी – पापा हो गए,
अनाज बोना उसे काटना,
रात – दिन सब बराबर हो गए!
इसी तरह की आपाधापी में,
जाने कब बूढ़े हो गए,
फिरें उपेक्षित, इधर – उधर गए,
दोषी हम नहीं भगवान हो गए!
यह कैसी जीवन की भूल भुलैया,
कभी गहरे में कभी उथले में नैया,
समझ न पाया यमराज आ गया,
धरी रह गईं सब चतुरइया!!
सतीश “बब्बा”
पता – सतीश चन्द्र मिश्र, ग्राम+ पोस्ट= कोबरा, जिला – चित्रकूट, उत्तर – प्रदेश,
पिनकोड – 210208.
मोबाइल – 9451048508,
– 9369255051.
ई मेल – babbasateesh@gmail.com