वर्ष 2011 से प्रारम्भ ‘माँ धनपती देवी स्मृति कथासाहित्य सम्मान-2024’ के लिये हिन्दी कहानीकारों से घोषित रूप से मौलिक, अप्रकाशित व अप्रसारित एक कहानी (लघुकथा नहीं) पंजीकृत डाक से 15 सितंबर 2024 तक आमंत्रित हैं।
(01)कहानी स्पष्ट रूप से पठनीय, हस्तलिखित अथवा कम्प्यूटर टाइप होनी चाहिए।कहानी के लिए पेज का निर्धारण नहीं है।जितने पेज की चाहें भेज सकते हैं।
(02)इस प्रतियोगिता में किसी भी आयु वर्ग के कथाकार अपनी फोटो तथा संक्षिप्त परिचय के साथ एक ही कहानी तीन प्रतियों में रजिस्टर्ड डाक से निम्न पते पर भेजें-
डॉ. शोभनाथ शुक्ल
सम्पादक- कथा समवेत
साक्षी विला,1274/28,
बढ़ैयावीर,सिविल लाइन्स-2
सुलतानपुर, उ.प्र.
भारत-228001
मोबाइल- 9415136267
(03)कहानी के मौलिक, अप्रकाशित और अप्रसारित होने का प्रमाणपत्र कहानी के साथ ही भेजना अनिवार्य है।
विगत वर्षों में यह देखा गया है कि लोग प्रकाशित कहानियाँ भेज देते हैं जिससे कार्यक्रम की निष्ठा को ठेस पहुँचती है।इसलिए केवल अप्रकाशित कहानी ही भेजें।
(04)कहानी के आरम्भ और अंत आदि में कहीं भी लेखक का नाम पता आदि का विवरण नहीं होना चाहिए।क्योंकि परिचय आप भेजेंगे ही और उसमें सारा विवरण रहता ही है।
नोट:—– देश से बाहर निवास कर रहे कहानीकारों के लिए मेल id की व्यवस्था है।वे अपनी कहानी,परिचय और मौलिकता का प्रमाणपत्र kathasamvet.sln@gmail.com पर भेजें।
डॉ. शोभनाथ शुक्ल,सम्पादक- कथा समवेत, मोबाइल- 9415136267
(05)इस प्रतियोगिता में पूर्व में पुरस्कृत रचनाकार कृपया दुबारा प्रतिभाग न करें।
(06)प्राप्त कहानियों का मूल्यांकन दो चरणों में वरिष्ठ कथाकारों/आलोचकों के चयनकर्त्ता पैनल द्वारा किया जाएगा।तीन श्रेष्ठ कहानियों को चयनित करके 20 दिसम्बर 2024 को सुलतानपुर,उत्तर प्रदेश में आयोजित विशेष साहित्यिक समारोह में उपस्थित सफल कथाकारों को अंगवस्त्रम, स्मृति चिह्न, प्रमाण-पत्र एवं नकद राशि क्रमशः प्रथम-₹3011,द्वितीय- ₹2511 एवं तृतीय- ₹2111 रूपये से समादृत किया जायेगा।समारोह में अनुपस्थित कहानीकार को केवल सम्मानपत्र ही डाक द्वारा प्रेषित किया जाएगा।
(07)वर्ष 2017 से ‘विशेष प्रोत्साहन सम्मान’ की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।उक्त क्रम में चयनित तीन कहानीकारों को अंगवस्त्र, प्रमाणपत्र, स्मृतिचिह्न और प्रोत्साहन राशि 1111 रुपये से समादृत किया जाएगा।
(08)सम्मान समारोह में सम्मिलित होने की सूचना पुरस्करणीय कहानीकारों को 05 नवंबर 2024 तक उपलब्ध करा दी जायेगी।
(09)पुरस्कृत कहानियों के प्रथम प्रकाशन का अधिकार “कथा समवेत” पत्रिका का होगा।
(10)पुरस्कृत कहानियों को कथा समवेत के दिसम्बर 2024 अंक में प्रकाशित किया जाएगा जिसका विमोचन 20 दिसम्बर को समारोह में होगा।
(11)प्रतियोगिता के निर्णय तक प्रेषित कहानियों को कहीं अन्यत्र प्रकाशनार्थ न भेजा जाए।
विशेष— विगत वर्षों के 18 चयनित कथाकारों की कहानियों का संकलन डॉ शोभनाथ शुक्ल के संपादन में “पाठक की लाठी” के नाम से प्रकाशित किया गया था।आगे भी पुनः पुरस्कृत कहानियों का संकलन प्रकाशित किया जायेगा।
(12)‘पाठक की लाठी’ सम्पादक के पते से प्राप्त की जा सकती है।
आदरणीय भाई सोमनाथ शुक्ल जी! नमस्कार🙏 बहुत-बहुत बधाई आप मां के नाम से साहित्य सेवा को समर्पित प्रतियोगिता का आयोजन कर रहे हैं यह एक बहुत बड़ी बात है। मैं भी इस पावन यज्ञ में अपनी आहुति डालूंगी। सादर नमन शुभकामनाएं 🙏😊