गहमर- साहित्य सरोज पत्रिका के प्रधान कार्यालय गहमर, गाजीपुर उत्तर प्रदेश में प्रसिद्ध जासूसी उपन्यासकार गोपालराम गहमरी की स्मृति में गोपालराम गहमरी साहित्य व कला मंच की स्थापना विधि विधान के साथ की गई। गोपालराम गहमरी साहित्य व कला मंच की स्थापना के बाद अपने 5 सुत्रीय उद्वेश्यों को लेकर भारत के हर जिले में इसकी शाखा की स्थापना होगी। गोपाल राम गहमरी (1866-1946) हिन्दी के महान सेवक, उपन्याकार तथा पत्रकार थे। वे 38 वर्षों तक बिना किसी सहयोग के ‘जासूस’ नामक पत्रिका निकालते रहे, २०० से अधिक उपन्यास लिखे, सैकड़ों कहानियों के अनुवाद किए, यहां तक कि रवीन्द्रनाथ ठाकुर की ‘चित्रागंदा’ काव्य का भी (पहली बार हिंदी अनुवाद गहमरीजी द्वारा किया गया) अनुवाद किए। वह ऐसे लेखक थे, जिन्होंने हिंदी की अहर्निश सेवा की, लोगों को हिंदी पढऩे को उत्साहित किया, ऐसी रचनाओं का सृजन करते रहे कि लोगों ने हिंदी सीखी। वैश्य परिवार में जन्में भारत में जासूसी शब्द के जनक कहे जाने वाले गोपालराम गहमरी पर आज कई विश्वविद्यालयों में शोध हो रहे हैं। उनकी जासूसी कहानियॉं आम जनमानस को ऐसी लगती थी जैसे वह उनके साथ ही घटित हो रहा है। इस पुनीत कार्य को आगे बढ़ाने में साहित्य सरोज पत्रिका ने संपादक डॉ अखंड प्रताप सिंह के नेतृत्व में श्री गोपकुमार मिश्र जयपुर, डाक्टर रामकुमार चतुर्वेदी सिवनी, श्रीमती रमा वर्मा नागपुर, श्री मृतुजंय सिंह अध्यक्ष गाेपालराम गहमरी सेवा संस्थान गहमर, योगेन्द्र नाथ सिंह महामंत्री गोपालराम गहमरी सेवा संस्थान गहमर, व्यंग्यश्री सुभाषंचदर के नेतृत्व में एक टीम गठित किया है। देश के हर जिले में स्थापित होने वाले गोपालराम गहमरी साहित्य व कला मंच से कुल 7 किये जायेगें।
(02) जासूसी कहानी एवं संस्मरण लेखन पर जागरूकता।
(03) स्वरोजगार, पर्यावरण एवं स्वस्थ एवं फिटनेस के प्रति जागरूक समस्या समाधान।
(04) टूटते परिवार को बचाने के समझौता घर एवं एकांतवाश में जी रहे बुजुर्गो के मनोरंजन,देखभाल का कार्य
(05) प्रतिभा पलायन एवं प्रतिभा प्रदर्शन के लिए कार्य।
(06) महिला अत्याचार पर कार्यवाही हेतु जमीनी प्रयास।
(07) मासिक साहित्य संगोष्ठी