Breaking News

सोनी अम्‍मा एक गुमनाम स्‍वतंत्रता संग्राम सेनानी-शुभदा

 सोनी अम्मा की उम्र 112 वर्ष थी । वे खुद भी स्वतंत्रता सेनानी थी। उन्होंने भी अंग्रेजों के विरुद्ध भारतीय झंडा उठाया था ,तथा कई बार जेल में भी रही। जेल में उन्हें यातनाएं झेलनी पड़ती थी ,तथा फिरंगी उन्हें कहीं बार अपशब्द भी बोलते थे । बहुत बार उन्हें हंटर से मार भी खानी पड़ती थी। तथा खाने में उन्हें जानबूझकर सभी भारतीयों को मांस परोसा जाता था । जिसके यह बिलकुल खिलाफ थे । अतः 10 से 12 दिन तक भूखा भी रहना पड़ता था । परंतु भारत में पुराने समय से ही योग का बड़ा महत्व रहा है ,और सभी सेनानियों को योग करना अनिवार्य भी था। तो उसमें एक योग करने का तरीका ऐसा भी था कि भूखा व्यक्ति उस योग को करे तो उसकी कमजोरी थोड़ी देर में ही समाप्त हो जाती थी ,तथा वह वापस अंग्रेजों के विरुद्ध पूरी ताकत से आवाज उठाने लगते थे । यही नहीं अपनी प्रिय बातों से ये  पहरेदारों को भी अपना बना  लेते थे ।वे रात में मौका पाकर अपनी सभा भी करते थे, और आगे की योजना बनाते थे और एक दूसरे से दांवपेच भी सीखते थे । तथा दस - बारह दिन भूखे रहकर भी ये शक्तिविहीन भी नहीं होते थे । इन सभी विशेष उपलब्धियों से ये चुपचाप - चुपचाप अपनी सेना का गठन करते रहते थे ।
एक बार तो परिस्थिति यह हो गई कि खाने में गाय का मांस परोसा गया । सेनानियों ने नहीं खाया तो उन्हें ऐसा पीटा कि शरीर की खाल तक उतरकर हंटर से चिपक गई ।  इन्हें मरा हुआ मानकर फिरंगी सैनिक चले गए । उनके जाते ही योग बल से सेनानी उठ खड़े हुए ।  अपनी सभा की , तथा वहां से भागने में कामयाब रहे फिर जंगल- जंगल घूमते रहते और अपनी योजना बनाते रहते । उसमें उनके साथ कई महापुरुष भारतीय भी रहते थे ,तथा आपस में एक दूसरे का मार्गदर्शन भी करते थे । इसमें केवल पुरुष ही नहीं स्त्रियां भी पुरुषों के साथ थी ,और वह अपने आप को किसी से कमजोर नहीं मानती थीं । पीछे हटना तो उन्हें आता ही नहीं था। जबकि कई महिलाएं तो अपने छोटे-छोटे बच्चों को छोड़कर गई हुई थी ,तथा कई महिलाएं तो पति व बच्चों सहित पूरा परिवार शामिल था ।
   ऐसी ही वीरता हमारे सेनानियों ने दिखाई थी उसी का परिणाम आज आज़ाद भारत है। आज उसी सफलता के कारण  हम आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहे है ।

शुभदा भार्गव
अजमेर
94606 03795

About sahityasaroj1@gmail.com

Check Also

यही कारण है-अखंड गहमरी

यही कारण है-अखंड गहमरी

बिलासपुर की साहित्‍य सरोज प्रभारी डॉ शीला शर्मा से तीन महीनों में कम से कम …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *