गार्डनिंग के शौकीन हैं तो आसानी से लगाएं ये 6 पौधे और घर या टेरेस में बनाएं किचन गार्डन… जानते हैं कुछ ऐसे ही पौधों के बारें में, जिन्हें लगाकर आप अपना किचन गार्डन तैयार कर सकते हैं। इन पौधों को लगाना भी काफी आसान है। पुदीना : इसे लगाना …
Read More »गुम होती रिश्तों की मिठास
गाँव में कितनी भी दुश्मनी क्यों न हो, आपस में एक दूसरे के घर आना-जाना, खान-पान सब बंद क्यों न हो, परन्तु उस घर का कोई रिश्तेदार सामने से गुज़र गया तो क्या मज़ाल की ” का रे हितवा, कहाॅं जात बाड़े रे, कहीया अइले ह रे सा..“ या ”का …
Read More »तरस जायेगें युवा ऐसी शादी को-अखंड सिंह गहमरी
पहले गाँव मे अब की तरह न सुनील टेंट हाउस था और न महाकाल कैटरिंग। थी तो बस सामाजिकता। गांव में जब कोई शादी ब्याह होते तो घर घर से चारपाई आ जाती थी। घर-घर से थाली, लोटा, कलछुल, कराही इकट्ठा हो जाता था और गाँव की ही महिलाएं एकत्र …
Read More »जब मैं छोटी बच्ची थी
हमारी माता स्व शांतिदेवी वार्ष्णेय और स्व पिता प्रेमपाल वार्ष्णेय जी ने खून – पसीने से परिवार हेतु प्यारा दिव्य , भव्य आध्यात्मिक, स्वधर्म , स्वघर ‘ शांति निकेतन ‘ बनाया था। वे संसार से चले गए , पर वह घर शांति निकेतन ईंट – गारे का नहीं था । …
Read More »पूर्वाञ्चल विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित अंतर्विषयक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन 11 अगस्त से
“वीर बहादुर सिंह पूर्वाञ्चल विश्वविद्यालय, जौनपुर द्वारा द्विदिवसीय अंतर्विषयक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन “सामासिक संस्कृति के संवाहक: भाषा, साहित्य और मीडिया” का आयोजन (ऑफ़लाइन/ऑनलाइन) दिनांक 11और 12 अगस्त 2023 को होने जा रहा है । इस सम्मेलन का मूलोद्देश्य सामाज, संस्कृति और राष्ट्रोदय हेतु महत्वपूर्ण पक्षों पर मंथन करते हुए भाषा, साहित्य …
Read More »खून के रिश्ते
“मम्मी-मम्मी, बड़े पापा की तबीयत अचानक से बहुत खराब हो गई है। वे खून की उल्टियां कर रहे हैं। बड़ी मम्मी जोर-जोर से रो रही हैं।” बारह वर्षीय बेटे संतोष ने अपनी मम्मी को धीरे से बताया।”क्या कहा… खून की उल्टियां… भैय्या को… फिर से… खून की उल्टियां…।” काम से …
Read More »गली का निर्माण
कर्ई सालो बाद हमारे मुहल्ले की गली के निर्माण का प्रस्ताव नगर निगम से पारित हुआ। लगभग 8-10 साल पहले गली का निर्माण हुआ था, जिस कारण अब हमारे गली की स्थिति काफी खराब हो गई थी। जगह जगह ईठे उखड़ी हुई थी, नालिया टूटी हुई थी, जिस कारण मुहल्ले …
Read More »गीत
तू अपनी मोहब्बत मेरे नाम कर दे बस इतना सा मुझपे तू एहसान कर दे सिवा तेरे कुछ मैंने चाहा नहीं है खुदा से भी कुछ मैने मांगा नहीं है तुझे गीत ग़जलों में मैं गा रहा हूँ तेरे आगे मैं हाँथ फैला रहा हूँ भले मुझको दुनिया में बदनाम …
Read More »मौसम-गौरीशंकर
झूठ मक्कारों का बेड़ा पार है। सत्यवादी का ही बंटाधार है। कंटकों का है बिगड़ता कुछ नहीं पुष्प पर मौसम की पड़ती मार है। धनी – निर्धन के नियम होते अलग पक्षपाती न्याय को धिक्कार है। मिलन स्त्री – पुरुष का फैशन बना हो रहा अब प्यार का व्यापार है। …
Read More »कमलेश द्विवेदी लेखन प्रतियोगिता -02
कमलेश द्विवेदी लेखन प्रतियोगिता -02(01) लेख-आलेख विषय- जब मैं छोटा बच्चा था (संस्मरण)। शब्द सीमा- 700-1000 शब्द।(02) रचना शीर्षक – दिल की बात।विधा- गीत और अतुकांत नोट अतुकांत में सपाट बयानी न हो, स्वीकार नहीं होगी।(03) कहानी शीर्षक – बनारसी साड़ी। शब्द सीमा – 500 शब्दभेजने की अंतिम तिथि-: 01 …
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