शिक्षक दिवस पर विशेष लेख परिचय-शिक्षण को अक्सर एक उत्तम कार्य माना जाता है, और शिक्षकों को समाज में ज्ञान और प्रगति का पथप्रदर्शक माना जाता है। भारत में, जहां शिक्षा को अत्यधिक महत्व दिया जाता है, शिक्षक देश के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हालाँकि, …
Read More »हम भी ज़िंदा हैं-डॉ प्रिया सूफ़ी
भारत चांद पर पहुंच गया। पर क्या हमारा समाज भी इतना ही उन्नत हो पाया है? चलिए आज इसी पर विचार किया जाए। भारतीय समाज में आज भी भूत प्रेत की नौटंकी चली आ रही है। न जाने कितनी औरतें चुड़ैल घोषित कर मार दी जाती हैं और कितनी भूत …
Read More »प्रहार-शीला की कहानी
जब से रामदयाल जी की पत्नी का स्वर्गवास हो गया और वह अपने दोनों बेटों के यहां रहने लगे तब अक्सर बेटों के घर में उनकी पत्नियों से तकरार होती रहती थी पर वह समझ नहीं पाते थे कि आखिर क्या बात है? रामदयाल जी के दो बेटे किशन और …
Read More »पब्जी और प्रियतमा- विनोद कुमार विक्की
(हास्य-व्यंग्य ) जब से पब्जी खेलने वाले सचिन की जीवन में सीमा पार कर सीमा का पदार्पण हुआ है तब से आनलाइन गेम के प्रति पोपट चचा की आस्था बढ़ गई। मीडिया से मंडी तक सीमा और सचिन तथा उनके …
Read More »देश प्रेम काव्य के रंग से मनाया हर घर तिरंगा अभियान
साहित्य क्षितिज पर भोपाल के रचनाकार अभियंता निरंतर नवाचार करते दिखते हैं । काव्य के रंग से हर घर तिरंगा अभियान मनाने अभियंता कवियों ने साहित्य यांत्रिकी की गोष्ठी आयोजित की ।गायक , कवि अशेष श्रीवास्तव ने गोष्ठी का प्रारंभ करते हुए 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर अपने अपने …
Read More »शर्म आती है? अखंड सिंह गहमरी
पापा आज भी खाने में सब्जी नहीं है।बेटा आज खा लो, कल जरूर सब्जी बनेगी और साथ में दाल भी।आप तो रोज कहते हैं पापा, सब्जी बनेगी मगर आज कितने दिन हो गये, दूध भी नहीं मिला।बेटा आप जाओं पढ़ाई करों कल सब कुछ मिलेगा।लपलू चुपचाप मुहँ बनाते हुए चला …
Read More »गार्डनिंग के शौकीन हैं तो आसानी से लगाएं ये 6 पौधे -प्रबुद्धो घोष
गार्डनिंग के शौकीन हैं तो आसानी से लगाएं ये 6 पौधे और घर या टेरेस में बनाएं किचन गार्डन… जानते हैं कुछ ऐसे ही पौधों के बारें में, जिन्हें लगाकर आप अपना किचन गार्डन तैयार कर सकते हैं। इन पौधों को लगाना भी काफी आसान है। पुदीना : इसे लगाना …
Read More »गुम होती रिश्तों की मिठास
गाँव में कितनी भी दुश्मनी क्यों न हो, आपस में एक दूसरे के घर आना-जाना, खान-पान सब बंद क्यों न हो, परन्तु उस घर का कोई रिश्तेदार सामने से गुज़र गया तो क्या मज़ाल की ” का रे हितवा, कहाॅं जात बाड़े रे, कहीया अइले ह रे सा..“ या ”का …
Read More »तरस जायेगें युवा ऐसी शादी को-अखंड सिंह गहमरी
पहले गाँव मे अब की तरह न सुनील टेंट हाउस था और न महाकाल कैटरिंग। थी तो बस सामाजिकता। गांव में जब कोई शादी ब्याह होते तो घर घर से चारपाई आ जाती थी। घर-घर से थाली, लोटा, कलछुल, कराही इकट्ठा हो जाता था और गाँव की ही महिलाएं एकत्र …
Read More »पूर्वाञ्चल विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित अंतर्विषयक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन 11 अगस्त से
“वीर बहादुर सिंह पूर्वाञ्चल विश्वविद्यालय, जौनपुर द्वारा द्विदिवसीय अंतर्विषयक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन “सामासिक संस्कृति के संवाहक: भाषा, साहित्य और मीडिया” का आयोजन (ऑफ़लाइन/ऑनलाइन) दिनांक 11और 12 अगस्त 2023 को होने जा रहा है । इस सम्मेलन का मूलोद्देश्य सामाज, संस्कृति और राष्ट्रोदय हेतु महत्वपूर्ण पक्षों पर मंथन करते हुए भाषा, साहित्य …
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