Breaking News

सूर्ययान आदित्य

सूर्यदेव तपलीन हैं, बीते अरबों वर्ष। 

ठान लिया ‘आदित्य ‘ने, दर्शन करूँ सहर्ष। 

सूर्यदेव के विषय में, पढ़ा शास्त्र – साहित्य। 

खोज खबर लेने वहाँ, पहुँचेगा आदित्य। 

जाएगा आदित्य सुत, सूर्य पिता के पास। 

विंदु लैंग्रेज – एक से, राज खुलेंगे खास ।

निकट लैंग्रेज विंदु पर, नहीं गुरुत्व प्रभाव। 

परखेगा ‘आदित्य’ अब, कैसा सूर्य स्वभाव। 

सूर्य विषय में आंकड़े, कर आदित्य एकत्र। 

अब उपग्रह आदित्य ही, लेगा सबका हाल। 

क्यों धब्बे हैं सूर्य में, पढ़ेगा आदि – प्रपत्र। 

पराबैंगनी रश्मियाँ, सौर पवन की चाल। 

सूर्यदेव की कुंडली. बाँचेगा आदित्य 

सकल जगत होगा मुदित, देख सौर – लालित्य। 

भारत में अनुदिन बढ़ा, अंतरिक्ष विज्ञान। 

मिटे धरा का दुख – कलह, तभी सफल अभियान। 

इसरो को शुभकामना, जय – जय एस सोमनाथ। 

सूर्य मिशन होगा सफल, जोड़ रहा जग हाथ। 

-गौरीशंकर वैश्य विनम्र 

117 आदिलनगर, विकासनगर 

लखनऊ 226022 

दूरभाष 09956087585 

About sahityasaroj1@gmail.com

Check Also

लाइब्रेरियन का लव लेटर-डॉ प्रदीप

लाइब्रेरियन का लव लेटर-डॉ प्रदीप

  सेवा में मेरी जान लव यू लॉट। जब से तुम्हें देखा मैं अपना दिल …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *