पद्मनाभ साहित्य परिषद् के तत्वावधान में 03 अगस्त को श्री अयोध्या धाम में चतुर्थ राष्ट्रीय अधिवेशन हुआ और अवध में राम आए हैं पुस्तक एवं “पद्मनाभ”पत्रिका का लोकार्पण, कवि सम्मेलन सह सम्मान समारोह आयोजित किया गया। आगत अतिथियों को* श्रीराम रत्न सम्मान 2024 , अंगवस्त्र, मोमेंटो, परिचय पत्र इत्यादि प्रदान किया गया।
यह *कार्यक्रम विश्वामित्र आश्रम, मणिराम छावनी, लाई गली अयोध्या में बहुत ही बेहतरीन ढंग से सफल हुआ। इस कार्यक्रम में पूरे देश भर से कविगण पधारे।
दो सत्र में यह कार्यक्रम हुआ। प्रथम सत्र में सर्वप्रथम मां सरस्वती एवं श्रीराम की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की गयी। उद्घाटन विश्वामित्र आश्रम के महंथ मंगल दास ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया । पद्मनाभ साहित्य परिषद् की संस्थापिका डॉ ०प्रतिभा पराशर ने श्रीराम की प्रार्थना करती हुई आगत अतिथियों का स्वागत किया और बधाइयां दीं। पावन तन-मन हो रहा, लेकर जिनका नाम। ऐसे रघुवर राम को, बारंबार प्रणाम।। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ ० विद्या चौधरी ने पटना से किया और रांची झारखंड से मुख्य अतिथि एवं वक्ता डॉ ० जंग बहादुर पाण्डेय का विस्तार में वक्तव्य हुआ ।विषय था – ” वर्तमान परिप्रेक्ष्य में श्रीराम की प्रयोजनीता “
विशिष्ट अतिथि में डॉ ०पुष्पा गुप्ता मुजफ्फरपुर, डॉ ० उषा श्रीवास्तव’ किरण’ मुजफ्फरपुर, डॉ ० पी०एस० दयाल यति गोपालगंज ने भी प्रकाश डाला। जोरदार मंच संचालन डॉ ०सरोज कुमार पंकज ने किया,जो सासाराम से आये थे।
भोजनावकाश के बाद विराट कवि सम्मेलन का आगाज अंतरराष्ट्रीय कवयित्री प्रीति सुमन के सरस्वती वंदना से हुआ।साथ ही प्रीति ने ‘जब स्वयंवर में कविता ‘ सुनायी तो लोग वाह-वाह कह उठे। अध्यक्षता दिल्ली से पधारे डॉ ओंकार त्रिपाठी ने की और विशिष्ट अतिथि छपरा से डॉ ०कुमारी मनीषा, जयनगर से नारायण यादव और दिल्ली से पधारे पं० रामजस त्रिपाठी और संस्थापिका डॉ ०प्रतिभा पराशर के द्वारा देवरिया से आये जनार्दन सिंह की भोजपुरी पत्रिका *भोजपुरिया अमन* का लोकार्पण हुआ। विशेष अतिथि कानपुर से डॉ ०आदित्य कटियार अजीब और गोरखपुर से नंदलाल मणि त्रिपाठी पीतांबर ने भी शानदार कविता प्रस्तुत कीं । डॉ ०प्रतिभा पराशर ने सुनाया – राम लला अब आ हीं गये, घर-आंगन मंगल गीत सुहावै ।और
पधारो -पधारो हे रघुनंदन।
करते हैं तेरा हम अभिनंदन।। तो खूब तालियाँ बजीं।
अन्य कवियों में वरिष्ठ कवि मधुबनी से उमेश नारायण कर्ण कल्प कवि, कानपुर की डॉ ०अर्चना सिंह चौहान , डॉ ० कमलेश शुक्ल कीर्ति, डॉ ०अन्नपूर्णा वाजपेई, दिल्ली से अर्चना त्रिपाठी, मुजफ्फरपुर से मुस्कान केसरी, डॉ ०पुष्पा गुप्ता, डॉ ० उषा श्रीवास्तव किरण, पटना से डॉ ० विद्या चौधरी की कविता – ‘हम अयोध्या हतीं’ भावविभोर कर गयीं। पटना से डॉ ०मनोज गोवर्धनपुरी, सासाराम से सरोज कुमार पंकज , डॉ ० देवेन्द्र प्रसाद सिंह, देवरिया से जनार्दन सिंह, जहानाबाद से डॉ ० सत्येन्द्र कुमार पाठक, पद्मनाभ के राष्ट्रीय महासचिव नंदन मिश्र की कविता -‘अपने -अपने राम सबके ‘ खूब सराही गयी। दिल्ली से पधारीं नेहा इलाहाबादी, गहमर उप्र. से अखंड गहमरी, हाथरस मथुरा से संतोष शर्मा सान, शिकोहाबाद से प्रताप चौहान सहित अनेक कवियों ने अपनी कविता प्रस्तुत कर मंत्रमुग्ध कर दिया। अयोध्या से डॉ ० पंचानन सिंह तोमर, रामभगत दास ,डॉ ० लोकनाथ तिवारी ,अयोध्या के संयोजक एवं मीडिया प्रभारी अभिषेक पराशर और मानसी मिश्रा एवं पटना के प्रभारी कवि बिंदेश्वर प्रसाद गुप्त की अहम भूमिका रही।
दरभंगा से पधारे मंचीय कवि विनोद कुमार हँसौड़ा और डॉ ०प्रतिभा पराशर के शानदार संचालन में कवि सम्मेलन खूब जमा। अंत में राष्ट्रगान से सभा का समापन हुआ।