आप सभी को सूचित करते हुए हमें हर्ष हो रहा है कि वर्ष 2019 के बाद एक बार फिर एशिया के सबसे बड़े गांव गहमर में 23 मई 2023 से 5 दिवसीय शार्टफिल्म एवं नुक्कड़ नाटक कार्यशाला तथा शार्टफिल्मों की शूटिंग का कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है इस कार्यशाला …
Read More »सम्मान समारोह एवं काव्यपाठ सम्पन्न
रविवार, 16 अप्रैल, बाॅग्ला नव वर्ष के आरम्भ के शुभ अवसर पर, कोलकाता महानगर की साहित्यिक संस्था ‘कामना कला संगम साहित्यिक संस्था’ के बैनर तले सचिव डॉ० उर्मिला साव ‘कामना’ की दो पुस्तकों का लोकार्पण एवं भव्य काव्यपाठ का आयोजन ‘बड़ा बाज़ार लाइब्रेरी’ के विष्णुकांत शास्त्री सभागार में किया गया …
Read More »हिन्दू राष्ट्र के पुर्नप्रवर्तक महान देश भक्त छत्रपति शिवाजी
पिन कोड ४६२०१६ मतलब , शिवाजी नगर भोपाल ! इसलिये विशेष रूप से भोपाल वासियों को तो छत्रपति शिवाजी के बारे में संज्ञान होना ही चाहिये . देश के अनेक नगरों में शिवाजी नगर हैं , कई चौराहों , पार्क आदि सार्वजनिक स्थलों पर छत्रपति शिवाजी की मूर्तियां स्थापित हैं …
Read More »कथनी और करनी-नीतू
रिया अपने मां-बाप की इकलौती संतान है। वह एक बैंक में जॉब करती है। रिया की मम्मी ने एक दिन रिया से कहा,”बेटा अब तो तुम्हारी जाॅब भी लग गई अब तुम शादी के लिए हां कर दो” रिया बोली,”मां मैं आपको और पापा को अकेला नहीं छोड़ सकती, अगर …
Read More »सफाई अभियान-अनिता सक्सेना
सुबह की मीठी नींद के बीच किसी की कर्कश आवाज ने सरोज बाबू को झकझोर दिया ‘ कब तक सोते रहोगे ? वो देखो वर्मा जी सुबह से झाड़ू लगाने की प्रैक्टिस कर रहे हैं !’ हडबडा कर सरोज बाबू उठ बैठे ‘ हे भगवन ! तुमने जगाया क्यूँ नहीं …
Read More »ये लफ्ज़ आईने हैं-कुमकुम कुमारी
किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व को परिभाषित करने में उसके द्वारा प्रयुक्त लफ्ज़ो या शब्दों का महत्वपूर्ण स्थान होता है।क्योंकि ये लफ्ज़ आईने हैं, जो इंसान के चरित्र को दर्शाता है। हमारे पास कितनी डिग्रियाँ हैं या हम कितने शिक्षित हैं इसका पता कागज के बने इन प्रमाण पत्रों से नहीं …
Read More »कढ़ा हुआ रूमाल
तिनसुखिया मेल के ए.सी. कोच में बैठे प्रोफेसर गुप्ता कोई पुस्तक पढ़ने में मशगूल थे। वे एक सेमीनार में भाग लेने गौहाटी जा रहे थे। सामने की सीट पर बैठी एक प्रौढ़ महिला बार-बार प्रोफेसर गुप्ता की ओर देख रही थी। वह शायद उन्हें पहचानने का प्रयास कर रही थी। …
Read More »पूनम की लघुकथाएं
“घर की मुर्गी दाल बराबर…” सौम्या बड़बड़ाते हुए काम निपटाती जा रही थी। ऐसे में कभी कुछ गिरता, कभी कुछ । विवेक जो कान में ब्लू-टुथ लगाकर आराम से मोबाइल देख रहा था। उसका ध्यान तब इस तरफ गया, जब उसके पास धम्म से कुछ गिरने की आवाज आयी, वह …
Read More »भगवा-उमेश कुमार पाठक ‘रवि’
जबतक भगवा, आन रहेगा। तबतक हिन्द महान रहेगा।। हिन्द मिटेगा, हिन्दू घटते, फ़िर वह पापिस्तान रहेगा। जहाँ घटा है, वहाँ मिटा है, बंग, पाक, अफगान रहेगा। विश्व-बंधुता, भगवा दीक्षा, मानवता अभियान रहेगा। सियाराम मय यह जग सारा, जबतक भगवा, शान रहेगा। रविसदन, वनसप्ती नगर,बक्सर (बिहार) 80210 पत्रिका की संस्थापिका की …
Read More »तार सप्तक की कवयित्रियों के कविता में स्त्री-विमर्श-डॉ. माया दुबे
प्रस्तावना– विश्व की विभिन्न संस्कृतियों के निर्माण में स्त्री का योगदान महत्वपूर्ण है। किसी भी राष्ट्र की संस्कृति एवं सभ्यता के विरमान में स्त्री की भूमिका नि:संदेह अग्रणी है । भारत में स्त्री को देवी के रूप में पूजा जाता था, ईश्वर की कल्पना अर्धनारीश्वर के रूप में है। स्त्री …
Read More »