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गद्य की दुनिया

गद्य की दुनिया में लेख-आलेख, कहानी, लघुकथा, समीक्षा इत्‍यादि

अखंड गहमरी की कहानी सब्‍जीवाली

अखंड गहमरी की कहानी सब्‍जीवाली

एक चाय देना। उसने बड़ी शराफत से पैसे बढ़ाते हुए कहा। वह आवाज सुन कर जैसे लगा कि आवाज कुछ जानी पहचानी सी है। मैनें सर उठा कर देखा तो मुझे सामने बिन्दू दिखी। उसे इस हाल में देख कर तो मैं आवा़क रह गया। क्या थी और क्या हो …

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छात्रों में अनुशासनहीनता कारण और निवारण-डॉ शीला शर्मा

छात्रों में अनुशासनहीनता कारण और निवारण-डॉ शीला शर्मा

छात्रों को शिक्षित करना अपने आप में कला है जिसमें धैर्य का होना एक महत्वपूर्ण गुण है। जिस तरह हर व्यक्ति वैज्ञानिक नही हो सकता उसी तरह हर व्यक्ति शिक्षक भी नही हो सकता। चूँकि हमारे देश में शिक्षा कभी गंभीर मुद्दा रहा ही नही है इसलिए कभी शिक्षकों के …

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राव तुलाराम साहस, दूरदर्शिता और निस्वार्थ देशभक्ति का प्रतीक-रेखा

राव तुलाराम साहस, दूरदर्शिता और निस्वार्थ देशभक्ति का प्रतीक-रेखा

राव तुलाराम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक ऐसे नायक थे, जिनके साहस, नेतृत्व, और दूरदर्शिता को भुलाया नहीं जा सकता। उन्हें महज एक योद्धा कहकर उनका मूल्यांकन करना उनकी महानता को कम आंकना होगा। उनकी वीरता के अनगिनत पहलू हैं, जो उनके संघर्ष की गहराई और उनकी देशभक्ति को दर्शाते …

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इंसान भी बसते हैं- अंजू

इंसान भी बसते हैं- अंजू

मैं और दरम्यानी उम्र की वे महिला आगे-पीछे ही स्टेशन से बाहर निकले। मौसम उमस से भरा था और बावजूद इसके कि एक कुली उनके साथ आये पांच-छ‌: नग को अपने ऊपर लादे था, वे पसीने से तरबतर थी।   मेरे पति तो सामान के पास मुझे खड़ा कर ऑटो …

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अब तो जाग जाओ सरकार-गीता सिंह

अब तो जाग जाओ सरकार-गीता सिंह

बलात्कार एक शब्द जो इंसानियत  की  रूह को दर्द से  तरबतर कर दे वह आज एक बहुत आम बात बन गई है हमारा भारतीय समाज जहां वैदिक काल से महिलाएं पूज्य होती थी जहां यह कहा जाता था”” यत्र  नार्यस्तु पूज्यते रमंते तत्र देवता” आज उस सनातनी संस्कृति में छोटी-छोटी  …

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सुनील की कहानी -जैसी करनी वैसी भरनी

सुनील की कहानी -जैसी करनी वैसी भरनी

काम-धंधे के सिलसिले में जब रमेश पहली बार  शहर आया तो उसे अपने मकान में ठहरने की जगह सुरेश ने ही दी थी।उस समय सुरेश अपने कमरे में अकेला ही रहता था। रमेश और सुरेश एक ही गांव के रहने वाले थे और बचपन में साथ- साथ एक ही स्कूल …

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कहानी विधुर-शीला श्रीवास्‍तव

कहानी विधुर-शीला श्रीवास्‍तव

विधुर” सुबह-सुबह साधू महाराज “तान पूरा”बजाते हुए गली से जा रहें हैं और गा रहे हैं! “आए भी अकेला जाए भी अकेला, दो दिन की जिंदगी है दो दिन का मेला “। दीनदयाल जी ने दरवाजा खोला। “राम राम महाराज” महाराज जी बोले सब कुशल मंगल है भाई? कहाँ महाराज!आपका …

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सृजन वही करता है जो अपनी अंतः निहितअपार शक्तियों को पहचानता है – डॉ शीला शर्मा

सृजन वही करता है जो अपनी अंतः निहितअपार शक्तियों को पहचानता है – डॉ शीला शर्मा

यह सत्य है कि हर इंसान को इस दुनिया में रहने के लिए अपने अस्तित्व को बनाए रखना आवश्यक है क्योंकि इतिहास गवाह है कि जो अपने अस्तित्व को बनाए रखने के लिए वातावरण के साथ समायोजित नहीं होगा अनुकूलित नहीं होगा वह नष्ट हो जाएगा। इस दुनिया में जो …

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  प्रेरणा-प्रिया देवांगन

   प्रेरणा-प्रिया देवांगन

          एक साहित्यकार पिता ने अपनी पुत्री से कहा- “बिटिया सुनो तो।” “हाँ, पापा क्या हुआ?” एक छोटी सी बच्ची दौड़ कर आई। “आज मैंने कुछ पंक्तियाँ लिखी हैं। बैठो ज़रा मेरे पास। मैं तुम्हें सुना रहा हूँ।” पिताजी बोले। “अच्छा! जी पापाजी।” बालिका ने बड़े ध्यान से …

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शहीद की माँ बनाम पत्नी-आशा

शहीद की माँ बनाम पत्नी-आशा

जाके पैर ना फटे बिवाई वह क्या जाने पीर पराई। सच्च ही कहा है किसी ने, जिसे चोट लगती है उसे ही तकलीफ का एहसास होता है दूसरा कोई दर्द का एहसास नहीं कर सकता। उसी तरह जिस परिवार ने अपने बेटे को, अपने पति को देश की रक्षा के …

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