सुना था कि इंसान को उसके कर्मो का फल अगले जन्म में मिलता है। पर ये भी सुना गया है कि यह कलयुग है साहेब।अब यहाँ का किया यही मिल जाता है। अगले जन्म का इंतज़ार भी नही करना है । और लग रहा है कि यह पूरी तरह सत्य …
Read More »प्रारब्ध का सत्य-नंदलाल
होनी एव संयोग एक दूसरे के सहोदर है जो प्रारब्ध कि प्रेरणा है लेकिन इन तीनो को कर्म ज्ञान और सत्य से परिवर्तित किया जा सकता है।प्रस्तुत कहानी में सुभद्रा से अजुर्न को किसी संतान का योग नही था मामा भगवान श्री कृष्ण स्वंय इंद्र का स्वरूप 16 वर्षो के …
Read More »शूटिंग व प्रशिक्षण 18 से 23 जून तक, ऑडीसन 6 जून से
त्रैमासिक पत्रिका साहित्य सरोज एवं गहमर वेलफेयर सोसाइटी, गहमर द्वारा ग्रामीण क्षेत्रो में अभिनय, मॉडलिंग, शार्ट- फिल्म निर्माण को बढ़ावा देने के लिए 5 दिवसीय लघु फिल्म निर्माण एवं प्रशिक्षण शिविर गंगा तट पर स्थित एशिया के सबसे बड़े गॉंव और गोपालराम गहमरी की जन्म भूमि गहमर, जनपद गाजीपुर, उत्तर …
Read More »यह लखनऊ है साहब नौतपा में भंडारा
तपते जेठ की दुपहरी मे ,जनवासे जैसा सजा शहर पूरे विश्व मे एक ही है।अपना लखनऊ। बजरंगबली महाराज की कृपा है लखनऊ वासियों पर जो बंद कमरे के ए सी से निकल कर लोग भंडारे आयोजित करते हैं। तो खाने वाले भी कम नहीं पैदल चलते गरीब से लेकर बी …
Read More »गोपालराम गहमरी पर्यावरण सप्ताह में लें भाग
*आप सभी को सूचित करते हुए मुझे हर्ष हो रहा है कि साहित्य सरोज पत्रिका द्वारा दिनांक 30 मई से 05 जून तक गोपालराम गहमरी पर्यावरण सप्ताह मनाया जा रहा है। इस अवसर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम निम्न हैं।(01) 30 मई 2024 गुरूवार कार्यक्रम का ऑनलाइन शुभारंभ एवं संदेश …
Read More »प्रेम जीवन की सच्चाई-नंदलाल
राजा रणसिंह और राजा अरिमर्दन सिंह एक दूसरे के घनिष्ठ मित्र थे मित्र भी ऐसे की जैसे एक जिस्म दो जान एक दूसरे के पूरक या यूं कहें एक सिक्के के दो पहलू दोनों की मित्रता एक मिशाल थी यह वास्तविकता सोलहवीं शताब्दी की है जब छोटे छोटे रियासतो में …
Read More »जन सेवा असली सेवा -डोली शाह
रमेश, नरेश और आकाश तीनों अच्छे मित्र थे। पी. जी. में रहते, पढ़ते-खाते और भरपूर मौज -मस्ती करते । हर दिन कॉलेज और पढ़ाई के बाद जब वक्त मिलता तो सैर-सपाटे के लिए निकल जाते ।अचानक एक दिन लिफ्ट से नीचे उतरे ही थे कि सामने से गुजरती रैली, जिंदाबाद …
Read More »अहसासों का समंदर महामहिम को किया भेंट-राजेश
आज एक और दिन यादगार बन गया जब मैंने मेरा पहला काव्य संग्रह “अहसासों का समंदर” राजस्थान के महामहिम राज्यपाल श्री कलराज मिश्र जी को भेंट किया ।मेरे साथ ही मेरे पति श्री राजेश कुमार भटनागर ने उनकी पुस्तक “परिवार कल्याण की कहानियां- आईना” एवं “राजस्थान लोक सेवा आयोग के …
Read More »आराच पन्नक-नंदलाल
राम रतन सिंह नेपाल से सटे भारत नेपाल सीमा के गांव गेरमा के बहुत प्रतिष्ठित जमींदार थे ईश्वर की कृपा से उनके पास कोई कमी नही थी दो पुत्र रिपुदमन सिंह एव चंद्रमौलि सिंह राम रतन सिंह एवअच्युता के प्रिय संतानों में थे दोनों होनहार एव भारतीय परम्पराओं के अनुरूप …
Read More »रामबाण
पप्पू-मियां कैसे बैठे होमियां -अरे कुछ नहीं बस ऐसे हीपप्पू- ऐसे ही बैठे होमियां – हां ऐसे ही बैठा हूंपप्पू – ऐसे ही क्यों बैठे होमियां -तेरे को क्यापप्पू – मुझे क्या ऐसे तो आप बैठे होमियां – हां बैठा हूं तोपप्पू – तो मैं क्या करूंमियां – तू पूछा …
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