त्रैमासिक पत्रिका साहित्य सरोज, मासिक ई पत्रिका धर्मक्षेत्र एवं गहमर वेलफेयर सोसाइटी द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित हिन्दी दिवस प्रतियोगिता 2023 के परिणाम आज घोषित किये गये। जिसमें मेरा गॉंव मेरा शहर शीर्षक के तहत पिंकी प्रजापति प्रथम, प्रज्ञा पालीवाल द्वितीय एवं ललीता टाक एवं रंजना जायसवाल संयुक्त रूप से …
Read More »स्वतंत्रता सेनानी-तिरुप्पूर कुमरन
मानव जीवन को तीन श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है। पहला जो अपने लिए ‘स्वांतः सुखाय’ के आदर्श के अनुरूप जीता हो। अपने लिए जीते हुए दूसरों के लिए भी जीना दूसरी श्रेणी का माना जाता है। खुद के लिए न जीकर अन्य लोगों के लिए अपना संपूर्ण जीवन …
Read More »बेदम साँस-नफे सिंह कादयान
जिस्म की बेचैनियों का कोई तो हल हो। एक आग सी है सीने में जो दिल से हरारत पा बुद्धि को रोशन रखती है। मस्तिष्क में फैली हुई हजारों मील लम्बी नाड़ियों की रक्तखुंबियों में हर समय जैसे बिजली सी चमकती है। ऐसे जैसे घनघोर काली घटाओं में कड़कती हुई …
Read More »सुनो जवानों -डॉ.सुरेन्द्र दत्त सेमल्टी
सुनों देश के वीर जवानों , कर्मचारियों और किसानों । देश भक्ति भाव जो मन में , पहले से भी जादा तानों ।। श्रमिक वर्ग और व्यापारी , विकास धारा से सारे जुड़े । कन्धे से कन्धा मिलाकर , प्रगति पथ पर सभी मुड़ें ।। देश के बालक बालिकायें , …
Read More »कमलेश द्विवेदी लेखन प्रतियोगिता भाग 3
आगामी प्रतियोगिता कमलेश द्विवेदी लेखन प्रतियोगिता -03 अक्टूबर से दिसम्बर 2023(01) लेख-आलेख विषय- हिन्दू धार्मिक यात्राओं पर पत्थरबाजी आखिर क्यों कारण व निवारण। शब्द सीमा- 700-1000 शब्द।(02) रचना शीर्षक – तुम सा नहीं देखा।विधा- गीत और अतुकांत नोट अतुकांत में सपाट बयानी न हो, स्वीकार नहीं होगी।(03) कहानी शीर्षक – …
Read More »कमलेश द्विवेदी लेखन प्रतियोगिता भाग 2 के परिणाम घोषित
साहित्य सरोज पत्रिका द्वारा आयोजित कमलेश द्विवेदी त्रैमासिक लेखन प्रतियोगिता भाग 2 के परिणाम आज 17 सितम्बर 2023 को घोषित किये गये। प्रतियोगिता के कविता विधा, कहानी लेखन एवं संस्मरण लेखन में कुल 25 लेखको व रचनाकारों ने हिस्सा लिया। इस प्रतियोगिता में कविता, कहानी और लेख के विषय दिये …
Read More »तुम से अच्छा कौन है-विनय बंसल
हमारे फेसबुक पेज को लाइक व फालो करें अपनी धड़कन के झूले पर, तुमने मुझे झुलाया।पीड़ाओ को झेला, सहकर पल में उन्हें भुलाया।खुद गीले में सो कर मुझको सूखी सेज सुलाया।जाग जाग कर रात रात भर, अपनी गोद बिठाया।पाला पोषा मुझको तुमने, अपना दूध पिलाया।स्वयं भले भूखी रह जाती, मुझको …
Read More »अनिश्चय में झूलती हिंदी-डॉ. राधा दुबे
भाषा उन महत्वपूर्ण इकाईयों में से एक है जो मानव जाति को एक सूत्र में पिरोकर रखती है। भाषा के स्वरूप का निर्धारण मानव समाज द्वारा होता है। निश्चित रूप से भाषा मानव की सहचारिणी है। शौक, आवश्यकता या कार्य की बाध्यता पड़ने पर जब मानव विश्व के दूसरे देशों …
Read More »विकल आखर-रश्मि लहर
अचानक एकनिर्वस्त्र सदी को देखफटने लगता हैस्तब्ध बादलों का मनबढ़ जाती हैरुग्ण वेदना की उलझनलहू चू पड़ता हैपीढ़ियों कीलहुलुहान ऑंखों सेबन्दी बने भावमाथा पीटने लगते हैंबेबसी की सलाखों से।सपनों के खेत मेंदहशत से भरी मिलती हैंकुछ अन-अकुवाई कल्पनाऍं।वर्तमान के कटीले पथ परदाॅंत भींचे टहलती रहती हैसभ्यता भाग्य रेखाओं को कुरेदती हुईविचलित …
Read More »मेरा अभिमान-अर्चना
सुमित को नौकरी मिल गई थी। उसकी खुशी का ठिकाना नहीं था। आज सुबह ही उसे फोन के माध्यम से सूचना मिली थी। वह एक माह पूर्व इस नौकरी के साक्षात्कार के लिए गया था, अपने दोस्त अमित के साथ। साक्षात्कार की उसने बहुत तैयारी की थी। अपने विषय की …
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