जनवरी -2023 ”फूल्लो की माँ, सिंभालके वाले आए हैं क्या बात हो सकती है? ”लेने तो आ नहीं सकते। लड़का तो इनका कांग्रेस में चला गया सुना है।“”कितने लोग हैं?“रामरती ने पूछा।”छह-सात हैं।“ छज्जू ने बताया।”ऐसा करो, दूध की बाल्टी ले जाओ। पता करके आओ, जल्दी?“”हारे में से निकालकर दो।“रामरती …
Read More »लीव-इन-रिलेशनशिप -डॉ. गिरीश कुमार वर्मा
जनवरी-2023 हर मां-बाप का सपना होता है कि उनकी संतान अच्छी शिक्षा ग्रहण करे। योग्य नागरिक बने और उनका नाम रौशन करे। अच्छी शिक्षा पाना इतना आसान नहीं है। हर विद्यार्थी को उसकी भारी कीमत चुकानी पड़ती है। सन् 2021-22 में पूरे संसार में कोरौना महामारी फैली थी। विदेश में …
Read More »सेफ अनसेफ-उपमा
जनवरी 2023 बार बार नजर घड़ी पर जा रही थी। ” ये दिया कब आयेगी ?आये तो घर के लिए निकलूँ।आँटी को अकेले छोड़कर भी नहीं जा सकती।उफ कैब भी मिलनी मुश्किल होगी अब। क्या करूँ ? आदि को फोन करूँ? तो कौन सा लेने आ ही जायेंगे। उल्टा प्रवचन …
Read More »ग़ज़ल
नित नए ताने सुनाए जा रहे हैं। जान से प्यारे बताए जा रहे हैं।। काटकर पर कह रहे आज़ाद हो। इस तरह रिश्ते निभाए जा रहे हैं। जान से ज्यादा जिन्हें चाहा सदा। वो हमारी जान खाए जा रहे हैं।। क्यों दुखी हो इस तरह से खुश रहो। मायने हमको …
Read More »सब्र का फल-रोहित
जनवरी 2023 रवि रोज की तरह आज भी सुबह सुबह इस आस में अपनी सब्जियों की दुकान खोलकर बैठ गया कि आज अच्छी बोहनी होगी। पर दोपहर के 2 बज गये, पर एक भी ग्राहक उसकी दुकान पर सब्जी लेने नही आया।रवि बोला – हे… भगवान, मुझसे कौन सा अपराध …
Read More »सृजन-अनीता
जनवरी 2023 तोपचंद- आप गीत अच्छा लिखती हैं। हम- धन्यवाद। एक ठो अमुक पर लिखिए ना! क्यों? अरे बढ़िया लिखती हैं इसलिए कह रहा हूँ? क्यों? क्यों लिखूँ? कमाल है! मैंने कुछ गलत कह दिया? हम रसगुल्ले भी बढ़िया बना लेते हैं। तो क्या आप कह देंगे दो किलो बना लाइये? अरे! हम सिलाई भी कर लेते हैं तो …
Read More »पंच से पक्षकार-अंकुर
जनवरी 2023 हरिप्रसाद और रामप्रसाद दोनों सगे भाई थे। उम्र के आखिरी पड़ाव तक दोनों के रिश्ते ठीक-ठाक थे। दोनों ने आपसी सहमति से रामनगर चौराहे वाली अपनी पैतृक जमीन पर दुकान बनाने का सोचा, ताकि उससे जो आय हो उससे उनका जीवन सुचारू रूप से चल सके। दुकान का …
Read More »कब आओगे मोहन-पूनम
तेरे बिना सूना सूनासुन मेरे प्यारे कृष्णा।वृंदावन तुझे पुकारेगोपी तेरी राह निहारेसब बनी अब जोगनकब आओगे मोहन।*मन में सोच रही राधाजीवन क्यों बची आधा।सखियों को क्या बताऊँउर चैन कैसे मैं पाऊँनीरस लागे अब जीवनकब आओगे मोहन ।*झूले पर गए बागों मेंमेहँदी रच गई हाथों मेंबदरा उमड़-घुमड़ आयेगरज गरज हमें डरायेमस्ती …
Read More »बंटवारा -ऋतु गुप्ता
जनवरी 2023 घर भर में कोहराम मचा था,तारा जी सीढ़ी से गिर गई थी, सिर पर भारी चोट लगी थी, डाक्टर ने बताया कि शायद दिमाग की कोई नस फट गई थी,जो उन्हें यूं अचानक दुनिया को छोड़ अलविदा कहना पड़ा। यूं तो तारा जी अपनी जिम्मेदारी से मुक्त हो …
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