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फिटनेस क्यों जरूरी-विवेक रंजन

फिटनेस क्यों जरूरी-विवेक रंजन

कमलेश द्विवेदी लेखन प्रतियोगिता -1  कहा गया है कि धन गया तो कुछ नहीं गया ,स्वास्थ्य  गया तो कुछ गया और चरित्र गया तो सब कुछ गया . यद्यपि यह उक्ति चरित्र के महत्व को प्रतिपादित करते हुये कही गई है किन्तु इसमें कही गई बात कि “स्वास्थ्य गया तो …

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गोलगप्पे खाने जैसा मजा : बातें कम स्कैम ज्यादा

गोलगप्पे खाने जैसा मजा : बातें कम स्कैम ज्यादा

गोलगप्पे खाने जैसा मजा : बातें कम स्कैम ज्यादा पुस्तक चर्चा बातें कम स्कैम ज्यादा व्यंग्यकार … नीरज बधवार प्रभात प्रकाशन ,नई दिल्ली पृष्ठ .. 148 मूल्य 250 रु चर्चा … विवेक रंजन श्रीवास्तव , भोपाल बड़े कैनवास के युवा व्यंग्यकार नीरज उलटबासी के फन में माहिर मिले . किताब …

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फिटनेस क्यों जरूरी है-पुष्पराज

फिटनेस क्यों जरूरी है-पुष्पराज

कमलेश द्विवेदी लेखन प्रतियोगिता -01 हमारा शरीर प्रकृति का दिया हुआ सबसे अनमोल तोहफा है इसका ख्याल रखना आज के समय में और भी ज्यादा जरूरी हो जाता है जब आज के समय में शारीरिक श्रम कम हो गया है प्रकृति ने हमारे शरीर की रचना कुछ इस प्रकार बनाई …

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मेरा मन-श्रीकांत

मेरा मन-श्रीकांत

कमलेश द्विवेदी लेखन प्रतियोगिता -01 मन ऊपर प्रतिबन्ध लगाना,मेरे मन की बात नहींं।कुछ कहने से मन मे सकुचाना,मेरे मन की बात नहीं । जिस दिन तेरा मन मेरे मन से,हटा आवरण अपने ऊपर से,सहज भाव बिन सकुचानेमन की बात करेगा मुझ से, उस दिन मैं अपने मन से,प्रीत लगा तेरे …

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गर्मी की छुट्टी-आशा

गर्मी की छुट्टी-आशा

*कमलेश द्विवेदी कहानी प्रतियोगिता -01* विशाखा जब से अपनी सहेलियों के संग “दा केरला स्टोरी” फ़िल्म देखकर आयी है। तब से ही उसके हृदय में विचारमंथन चल रहा है। फ़िल्म में बतायी गयी बातों पर विचार करने पर उसे लगा कि जो प्रथम कदम इस दिशा में बढाया जाता है। …

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मेरा मन-आशा

मेरा मन-आशा

कमलेश द्विवेदी लेखन प्रतियोगिता-01रचना शीर्षक मेरा मनविधा गीतताउम्र दुखता रहा मेरा मनयादों की मीठी चुभन से तेरी ।पलको में आँसू दिखे झिलमिलयादों की मीठी चुभन से तेरी ।दोप बंधन का अपनो पर मढ़ न सकीफिर भी होठो पर आई कभी न हँसी ।दुनियादारी के पिंजरे मे ऐसी फँसी ।पंख होते …

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मेरा मन-विष्णु

मेरा मन-विष्णु

कमलेश द्विवेदी लेखन प्रतियोगिता-1रचना शीर्षक: मेरा मनविधा गीत और अतुकांत चाहता है मेरा मन हर बार अम्बर सी उड़ान ,पर है व्यथित समाज की जिद्दी संकीर्णताओं से।बाधाओं से यहाँ हर दिन लड़ना पड़ता है,तब मिलते हैं मन को मन के स्वीकृत पंख। मन से मन हो नित मानवता के पथ …

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चार दिन की जिन्द़गी-आशा

चार दिन की जिन्द़गी-आशा

“कमलेश द्विवेदी प्रतियोगिता -01″बात उन दिनों की है जब हम स्कूल में पढ़ा करते थे। हम लोग अंडमान द्वीप समूह में रहते हैं। हमारे यहाँ हर साल दो महीनों की गर्मी की छुट्टियों हुआ करती थी और उन छुट्टियों में हम सपरिवार अपने पैतृक निवास यानी कि दादी के घर …

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पुस्तक चर्चा -नासे रोग हरे सब पीरा

पुस्तक चर्चा -नासे रोग हरे सब पीरा

पुस्तक चर्चानासै रोग हरे सब पीरा …श्री हनुमान चालीसा की विस्तृत विवेचनालेखक .. पं अनिल कुमार पाण्डेयआसरा ज्योतिष केंद्र , साकेत धाम कालोनी , मकरोनिया , सागरमूल्य २५० रुपये, पृष्ठ १८४ , प्रकाशन वर्ष २०२३चर्चा… विवेक रंजन श्रीवास्तव , मीनाल रेजीडेंसी , भोपाल ४६२०२३ गोस्वामी तुलसीदास सोलहवीं शती के एक …

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गर्मी की छुट्टी

गर्मी की छुट्टी

“मम्मी.. ओ मम्मी… हुर्रे.. हुर्रे…”“सुनो तो ..मेरा रिजल्ट आ गया ,और मेरे 95% अंक आए हैं कक्षा में प्रथम स्थान आया है।“अरे वाह..वाह.. बेटा शाबाश ss ऐसे ही आगे बढ़ते रहो”! माँ सोनू को सीने से लगाते हुए बोली।       माँ अब हम नानी के घर विदिशा चलेंगे ना?    “हाँ बेटा …

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