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Tag Archives: फिटनेस

दिल की बात-अनीता मिश्रा

दिल की बात-अनीता मिश्रा

आ जाओ अब  साथी मेरे , पल -पल लगे वीराना । तुम आओ तो जीवन महके, मौसम बड़ा सुहाना।। चोरी -चोरी नेह लगाकर ,मन मे तुम्हें बसाया । प्यारी -प्यारी दिल की  बातें , आकर तुझे सुनाया। तेरे आने की आहट सुन ,  चहके दिल  दीवाना । तुम आओ तो …

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दिल की बात-विजयानंद विजय

दिल की बात-विजयानंद विजय

कमलेश द्विवेदी लेखन प्रतियोगिता – 02 गीत शीर्षक – दिल की बात एहसासों की तपिश लिए, मैं ढूँढ़ूँ  साँसों-साँसों  में। बैठे – बैठे  देख  रहा हूँ, ख़्वाब तुम्हारी आँखों में। यादों  के  रपटीले  पल, जब अपनी ओर बुलाते हैं। कतरा-कतरा घुल जाता, मधुमास तुम्हारी आँखों में। सपनों की उन गलियों …

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बनारसी साड़ी-डॉ. पूजा

बनारसी साड़ी-डॉ. पूजा

कमलेश द्विवेदी लेखन प्रतियोगिता -02 कहानी शीर्षक – बनारसी साड़ी। शब्द सीमा – 500 शब्दनिष्ठा स्कूल से आई और अपना बस्ता चटाई पर रखते हुए कहती है, “अम्मा देखो न बाबा के हाथों में कितनी कला भरी है । मैं तो बचपन से देखती आ रही हूँ कि बाबा कितनी …

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प्रहार-शीला की कहानी

प्रहार-शीला की कहानी

जब से रामदयाल जी की पत्नी का स्वर्गवास हो गया और वह अपने दोनों बेटों के यहां रहने लगे तब अक्सर बेटों के घर में उनकी पत्नियों से तकरार होती रहती थी पर वह समझ नहीं पाते थे कि आखिर क्या बात है? रामदयाल जी के दो बेटे किशन और …

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पब्जी और प्रियतमा- विनोद कुमार विक्की

पब्जी और प्रियतमा- विनोद कुमार विक्की

(हास्य-व्यंग्य )                      जब से पब्जी खेलने वाले सचिन की जीवन में सीमा पार कर सीमा का पदार्पण हुआ है तब से आनलाइन गेम के प्रति पोपट चचा की आस्था बढ़ गई। मीडिया से मंडी तक सीमा और सचिन तथा उनके …

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उस रात नहीं मैं रोया

उस रात नहीं मैं रोया

जब बालक सा व्याकुलतेरी गोद में छिपकर सोयाउस रात नहीं मैं रोया। जीवन के दुख सारे भूलहर्षित मन बरसाये फूलविस्मृत करके सारे हारनोन जैसे जल में खोयाउस रात नहीं मैं रोया। पथ कंटकित नहीं याद कियास्वर्ग भी नहीं फरियाद कियागतिमान बन किरणों जैसेभार दर्द नहीं  मैं ढोयाउस रात नहीं मैं …

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अर्चना की बनारसी साड़ी

अर्चना की बनारसी साड़ी

कमलेश द्विवेदी लेखन प्रतियोगिता -02 कहानी शीर्षक – बनारसी साड़ी। शब्द सीमा – 500 शब्द “सिया….जल्दी रसोईघर में आ जाओ बेटा…याद है न? आज रविवार है…”हाँ, हाँ डैड,….आज संडे है, तो आज माॅम की पसंद का कश्मीरी छोले और राइस बनेगा। ““यस। …सिया, यू नो? खाना बनाना भी एक आर्ट …

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बनारसी साड़ी-डॉ प्रदीप

बनारसी साड़ी-डॉ प्रदीप

कमलेश द्विवेदी लेखन प्रतियोगिता -02 कहानी शीर्षक – बनारसी साड़ी। शब्द सीमा – 500 शब्द पहली तनख्वाह मिलते ही रमेश सीधा जा पहुँचा उस कस्बेनुमा एक छोटे से शहर रायपुर के स्टेशन रोड पर स्थित अपने पिता जी की छोटी – सी चाय – नास्ते की दुकान पर। रुपयों से …

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बनारसी साड़ी- गरिमा

बनारसी साड़ी- गरिमा

कमलेश द्विवेदी लेखन प्रतियोगिता -02 कहानी शीर्षक – बनारसी साड़ी। शब्द सीमा – 500 शब्द वह देवदूत सा आया था जीवन में। “देवदूत!” बड़े मध्यमी से होते हैं हम मध्यम वर्ग वाले। पल में तोला पल में माशा। ना पूरे काइयां कंजूस, ना पूरे उदार।निम्न के यथार्थ की ज़मीन और …

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जब मैं छोटी बच्‍ची थी-गरिमा

जब मैं छोटी बच्‍ची थी-गरिमा

कमलेश द्विवेदी लेखन प्रतियोगिता -02 जब मैं छोटा बच्‍चा था (संस्‍मरण)। शब्द सीमा- 700-1000 शब्द। बड़े से महानगर में उनका घर छोटा सा था। घर के बाहर एक कटहल का पेड़ था।वह एक बंगाली परिवार था। मेरे नाना के घर के ठीक सामने वाला घर। गर्मियों में जब हम अपने …

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