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Tag Archives: गोपाल राम गहमरी

कोई सुनता भी होगा-गरिमा जोशी पंत

कोई सुनता भी होगा-गरिमा जोशी पंत

कमलेश द्विवेदी काव्‍य प्रतियोगिता -02 रचना शीर्षक – दिल की बात। कभी धूप के उछाह कीचाह कीकभी बादल के फाहे कीचाह की।चाहा कभी भीगूंबारिशों में तरबतरकभी प्रेम की खिलीधूप में छीलूं मटर।हरी दूब पर नंगेपांव झूमती चलूंपढ़ एक प्रेम कविताकि मैं कली सी खिलूंमेरे जैसे कोई औरभी ऐसे ख्वाब बुनता …

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जब मैं छोटा बच्चा था-डॉ. प्रदीप कुमार

जब मैं छोटा बच्चा था-डॉ. प्रदीप कुमार

कमलेश द्विवेदी लेखन प्रतियोगिता -02 जब मैं छोटा बच्‍चा था (संस्‍मरण)। शब्द सीमा- 700-1000 शब्द।  यह बात तब की है, जब मैं पाँचवीं कक्षा में पढ़ रहा था । एक दिन पिताजी ने मुझे अपने पास बुलाकर कहा, “बेटा प्रदीप, अब तुम बड़े हो चुके हो । तुम्हारी दीदी भी शादी …

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शिक्षक दिवस सम्‍मान समारोह

शिक्षक दिवस सम्‍मान समारोह

साहित्‍य सरोज पत्रिका द्वारा शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षक दिवस समारोह का आयोजन किया गया है। इस अवसर पर 5 सितम्‍बर को साहित्‍य सरोज के फेसबुक पर पेज पर एक आनलाइन कवि/कवयित्री सम्‍मेलन का आयोजन किया गया है। इसके साथ वर्तमान समय में शिक्षको की चुनौतियॉं विषय पर एक …

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स्‍वास्‍थ ही सुख का आधार है-ममता सिंह

स्‍वास्‍थ ही सुख का आधार है-ममता सिंह

आज फिटनेस व स्वास्थ का नाम लेते ही सामने से एक आवाज आती है हम तो पूरी तरह फिट है देखीये या हम तो पूरी तरह स्वस्थ है, देखीये। चाहे वह अंदर ही अंदर कितनी भी स्वास्थ समस्याओं से ग्रसित होगा लेकिन कहेगा यही। यह कोई एक आदमी की बात …

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प्रेम में डूबी स्त्री-संदीप

प्रेम करके दरअसल अपने जीवित होने का यकीन दिलाती है खुद को कि अभी भी संवेदनाएं जीवित हैं वह चेतनाविहीन,कठपुतली, फर्नीचर सी नही बनी है अभी सबके प्रयत्न के बाद भी नही छोड़ती है वह अपने अस्तित्व की लकीर प्रेम करती स्त्री गुलाब हो जाती है वह हवा,अहसास,जल सी निर्मल …

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दोस्‍ती न हो-संदीप

दोस्ती न हो कृष्ण सुदामा सी, जहां सदा रहे एक याचक न हो दोस्ती कर्ण दुर्योधन सी जो खड़े रहे अन्याय के पक्ष में दोस्ती कभी नही होती पति पत्नी में भी जान एक दूसरे के अवगुणोंको कभी न करते लिहाज ,बस वार पर वार दोस्ती न हो कभी हाकिम …

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तंदुरूस्ती हजार नियामत

तंदुरूस्ती हजार नियामत

इस संसार में ईश्वर की अनेक सृष्टियों में मानव की सृष्टि उत्कृष्ट मानी जाती है। मानव की बुद्धि कौशलता, चिंतनशीलता, आत्मबल एवं मनोबल में उसे अन्य जीवजंतुओं की तुलना में उच्चकोटि की एक सृष्टि के रूप में प्रतिपादित किया है। संपूर्ण विश्व की ही नहीं,सौरमंडल तक की उसकी पहुंच,भूगर्भ में …

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यदि आप एक स्‍क्रिप्‍ट राइट हैं तो आपके लिए है इतिहास बनाने का मौका

यदि आप एक स्‍क्रिप्‍ट राइट हैं तो आपके लिए है इतिहास बनाने का मौका

यदि आप एक स्क्रिप्‍ट राइट हैं तो आपके लिए है इतिहास बनाने का एक शानदार मौका। गाजीपुर गहमर के प्रथम स्‍वतंत्रता संग्राम सेनानी वीर मैगर सिंह के जीवन के एक मुख्‍य भाग पर एक डाकुमेंट्री फिल्‍म साहित्‍य सरोज पत्रिका द्वारा बनने जा रही है। फिल्‍म की कहानी का एक भाग …

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गोपाल राम गहमरी साहित्‍यकार महोत्‍सव में मैं।

गोपाल राम गहमरी साहित्‍यकार महोत्‍सव में मैं।

हिन्दी साहित्याकाश में अद्यतन दैदीप्यमान बाबू देवकीनन्दन खत्री के समान ही २०० से अधिक उपन्यास, ८८ अनुवाद व अन्यान्य विधा में रचना कर हिन्दी को जनमानस में लोकप्रिय बनाने में महती भूमिका निभाने वाले जिनका उल्लेख इसी सन्दर्भ में ‘तार सप्तक’ में भी किया गया है “गोपाल राम गहमरी” जी …

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शर्म आती है? अखंड सिंह गहमरी

शर्म आती है? अखंड सिंह गहमरी

पापा आज भी खाने में सब्जी नहीं है।बेटा आज खा लो, कल जरूर सब्जी बनेगी और साथ में दाल भी।आप तो रोज कहते हैं पापा, सब्जी बनेगी मगर आज कितने दिन हो गये, दूध भी नहीं मिला।बेटा आप जाओं पढ़ाई करों कल सब कुछ मिलेगा।लपलू चुपचाप मुहँ बनाते हुए चला …

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