कमलेश द्विवेदी लेखन प्रतियोगिता -01 हमारा शरीर प्रकृति का दिया हुआ सबसे अनमोल तोहफा है इसका ख्याल रखना आज के समय में और भी ज्यादा जरूरी हो जाता है जब आज के समय में शारीरिक श्रम कम हो गया है प्रकृति ने हमारे शरीर की रचना कुछ इस प्रकार बनाई …
Read More »मेरा मन-श्रीकांत
कमलेश द्विवेदी लेखन प्रतियोगिता -01 मन ऊपर प्रतिबन्ध लगाना,मेरे मन की बात नहींं।कुछ कहने से मन मे सकुचाना,मेरे मन की बात नहीं । जिस दिन तेरा मन मेरे मन से,हटा आवरण अपने ऊपर से,सहज भाव बिन सकुचानेमन की बात करेगा मुझ से, उस दिन मैं अपने मन से,प्रीत लगा तेरे …
Read More »गर्मी की छुट्टी-आशा
*कमलेश द्विवेदी कहानी प्रतियोगिता -01* विशाखा जब से अपनी सहेलियों के संग “दा केरला स्टोरी” फ़िल्म देखकर आयी है। तब से ही उसके हृदय में विचारमंथन चल रहा है। फ़िल्म में बतायी गयी बातों पर विचार करने पर उसे लगा कि जो प्रथम कदम इस दिशा में बढाया जाता है। …
Read More »मेरा मन-आशा
कमलेश द्विवेदी लेखन प्रतियोगिता-01रचना शीर्षक मेरा मनविधा गीतताउम्र दुखता रहा मेरा मनयादों की मीठी चुभन से तेरी ।पलको में आँसू दिखे झिलमिलयादों की मीठी चुभन से तेरी ।दोप बंधन का अपनो पर मढ़ न सकीफिर भी होठो पर आई कभी न हँसी ।दुनियादारी के पिंजरे मे ऐसी फँसी ।पंख होते …
Read More »मेरा मन-विष्णु
कमलेश द्विवेदी लेखन प्रतियोगिता-1रचना शीर्षक: मेरा मनविधा गीत और अतुकांत चाहता है मेरा मन हर बार अम्बर सी उड़ान ,पर है व्यथित समाज की जिद्दी संकीर्णताओं से।बाधाओं से यहाँ हर दिन लड़ना पड़ता है,तब मिलते हैं मन को मन के स्वीकृत पंख। मन से मन हो नित मानवता के पथ …
Read More »चार दिन की जिन्द़गी-आशा
“कमलेश द्विवेदी प्रतियोगिता -01″बात उन दिनों की है जब हम स्कूल में पढ़ा करते थे। हम लोग अंडमान द्वीप समूह में रहते हैं। हमारे यहाँ हर साल दो महीनों की गर्मी की छुट्टियों हुआ करती थी और उन छुट्टियों में हम सपरिवार अपने पैतृक निवास यानी कि दादी के घर …
Read More »पुस्तक चर्चा -नासे रोग हरे सब पीरा
पुस्तक चर्चानासै रोग हरे सब पीरा …श्री हनुमान चालीसा की विस्तृत विवेचनालेखक .. पं अनिल कुमार पाण्डेयआसरा ज्योतिष केंद्र , साकेत धाम कालोनी , मकरोनिया , सागरमूल्य २५० रुपये, पृष्ठ १८४ , प्रकाशन वर्ष २०२३चर्चा… विवेक रंजन श्रीवास्तव , मीनाल रेजीडेंसी , भोपाल ४६२०२३ गोस्वामी तुलसीदास सोलहवीं शती के एक …
Read More »गर्मी की छुट्टी
“मम्मी.. ओ मम्मी… हुर्रे.. हुर्रे…”“सुनो तो ..मेरा रिजल्ट आ गया ,और मेरे 95% अंक आए हैं कक्षा में प्रथम स्थान आया है।“अरे वाह..वाह.. बेटा शाबाश ss ऐसे ही आगे बढ़ते रहो”! माँ सोनू को सीने से लगाते हुए बोली। माँ अब हम नानी के घर विदिशा चलेंगे ना? “हाँ बेटा …
Read More »साहित्यकार/कलाकार निर्देशिका का बने हिस्सा
साहित्य सरोज द्वारा साहित्यकारों व कलाकारों के हित में उनसे साहित्य व कला प्रेमियों को परिचय कराने के लिए एक साहित्यकार कलाकार निर्देशिका बनाने की पहल की जा रही है। यह निर्देशिका साहित्य सरोज की एवं धर्मक्षेत्र की वेबसाइट पर आपके पेज के रूप में उपलब्ध होगी। साथ ही आपका …
Read More »अनपढ़ता की सज़ा
अरे ! राधिका के पापा जल्दी- जल्दी हाथ चलाओ ना ।बहुत काम बाकी है यह सब करके मुझे बहुत खाना भी बनाना हैं ।आखिरकार हमारी बिटिया को देखने आ रहे हैं। पिछली बार की तरह ना नहीं होनी चाहिए। रमा बोले जा रही थी। पिछली दफा तो आपके सच की …
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