भगवान महावीर का जन्म बिहार के वैशाली जिले के कुंडग्राम में इक्ष्वाकु वंशीय राजा सिद्धार्थ की पत्नी त्रिशला के गर्भ से छात्र शुक्ल त्रयोदशी 599 ई. पू. में अवतरित हुए थे । चौबीसवें तीर्थंकर महावीर को वीर, अतिवीर, वर्धमान, सन्मति महावीर स्वामी , महावीर वर्द्धमान कहा जाता है । 72 …
Read More »सनातन धर्म का नववर्ष है चैत्र शुक्ल प्रतिपदा-सत्येन्द्र
सत्येन्द्र कुमार पाठकचैत्र शुक्ल प्रतिपदा से प्रारम्भ होने वाला हिन्दू नववर्ष , गुड़ी पड़वा , मराठी-पाडवा और हिन्दू नव संवत्सरारम्भ माना जाता है। चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा को गुड़ी पड़वा या वर्ष प्रतिपदा या उगादि एवं युगादि कहा गया है। गुड़ी’ का अर्थ ‘विजय पताका’ है। शालिवाहन ने मिट्टी …
Read More »धर्म-नरेन्द्र कुमार
धर्म (Dharm )क्या है ? धर्म शब्द के उच्चारण से लोग हिन्दू ,मुसलमान ,सिक्ख ,ईसाई ,पारसी, यहुदी ,जैन और बौद्धिष्ट होने का अर्थ लगाते हैं। अंग्रेजी शब्द ‘RELIGION ‘ (रिलिजन) को धर्म शब्द के लिए इस्तेमाल किया जाता है ,जो मेरे विचार से सही नहीं है। ‘RELIGION ‘ का उचित …
Read More »संदीप तोमर की कहानी रॉग नम्बर
रुचि की सहेली दीप्ति जब से ब्रिटेन से लौटी तब से मिलने के लिए बेचैन थी। बेचैन होने का कारण था रुचि का फोन पर अपनी शादी तय होने की बात शेयर करना। रुचि की एक ही तो बचपन की सहेली है दिव्या, जिससे वह अपने मन की हर बात …
Read More »पुस्तक समीक्षा – कपास
पुस्तक समीक्षा – कपास (कहानी संग्रह)लेखक – डॉ. कुबेर दत्त कौशिकप्रकाशक – शॉपिज़ेन डॉट इनसमीक्षक – सोनल मंजू श्री ओमर हाल ही में लेखक डॉ कुबेर दत्त कौशिक जी का 10 कहानियों का संग्रह ‘कपास’ पढ़ने को मिला। इनके अभी तक लगभग एक उपन्यास (दस्तख़त) व एक दर्जन कहानी संग्रह …
Read More »नई सोच- डॉ. सुनीता श्रीवास्तव
राशि आज सुबह से ही बहुत खुश थी, मानो उसमें आत्मविश्वास पुनः जागृत हो गया था… जल्दी-जल्दी घर के कार्यों से निवृत होने के बाद वह दफ़्तर से छुट्टी लेकर एक उद्योग के उद्घाटन समारोह के लिए जाने को तैयार होने लगी। अपने शैक्षिक कार्यकाल से ब्रेक लेने के लिए …
Read More »फूलदेई पर्व की एक विशेष रस्म – फुलछोला या अट्वाड़ा
उत्तराखंड के पर्वतीय अंचल में चैत्र संक्रांति से वैशाख संक्रांति तक हर घर की देहरी (दरवाजे) को विभिन्न रंग – बिरंगे फूलों से गुलजार बनाये रखने वाले बच्चों के प्रिय त्योहार को पहाड़ के कई क्षेत्रों में पहले ही दिन तो कई क्षेत्रों में आठ दिनों तो कई क्षेत्रों में …
Read More »बूढ़ा बचपन-सुनीता
सौरभ आफिस लौटकर ताज़े फलों का जूस पी रहा था तभी अंतरिक्ष दौड़ता हुआ आया और कहने लगा— ‘पापा आज दादू ने हमारी अलमारी के ड्राज में से इत्र की शीशी निकाल कर अपने बक्से में छुपा कर रख दी हैं।सौरभ अंतरिक्ष की बात सुनकर थोडा आश्चर्य चकित होकर अपने …
Read More »एक पत्रकार की यात्रा
धर्म कर्म के प्रति हिन्दुत्व आस्था और विश्वास पूर्वजों द्वारा स्थापित सदियों पुरानी एक जीवंत आदर्श परंपरा है। जिसमें निर्जीव प्रतिमाएं सजीवता का दर्शन कराते हुए सनातनी परंपरा को पुख्ता कर अकाट्य उदाहरण प्रस्तुत करती हैं। सनातन धर्म के विश्वास- पथ पर बलवती होती हिंदुत्व की उत्कट अभिलाषाएं आस्तिक जनों …
Read More »अभिभावक की महत्वाकांक्षा पर खोता बचपन-सुनीता
“बचपन से ही तो रूठ गईबचपन की मासूमियतजब अभिभावकों की महत्वाकांक्षाका सैलाब हर सपने को समेट गयारह गई केवल माँ पिता की इच्छाजिन्हें पूरा करने में उम्र गुजर गई l”विश्व के किसी भी देश में जा कर सर्वेक्षण कर लीजिए अविभावक और बच्चों लेकर सभी जगह एक जेसी स्थिति है …
Read More »