Breaking News

Tag Archives: साहित्‍य सरोज

बनारसी साड़ी- यशोधरा

बनारसी साड़ी- यशोधरा

कमलेश द्विवेदी लेखन प्रतियोगिता -02 कहानी शीर्षक – बनारसी साड़ी। शब्द सीमा – 500 शब्‍द चारों ओर उदासी और अवसाद…सब कुछ बिखरा-बिखरा… मेरे  जीवन की तरह।   बालों को एक जूड़े में समेटने की असफल सी कोशिश कर,अनमनी सी कमरे को कुछ व्यवस्थित करने में जुट गई।फैले हुए कपड़े तहा कर,रखने …

Read More »

बनारसी साड़ी -डॉ. वर्षा

बनारसी साड़ी -डॉ. वर्षा

कमलेश द्विवेदी लेखन प्रतियोगिता -02 कहानी शीर्षक – बनारसी साड़ी। शब्द सीमा – 500 शब्‍द यूं तो विवाह वर्षगांठ तारीख के अनुसार मनाना चाहिए ,परंतु करवा चौथ के दिन ही इस घर में ब्याह के आई थी तो भला इस दिन से शुभ कौन सी तिथि होगी परिणय दिवस मनाने …

Read More »

जब मैं छोटी बच्‍ची थी- अलका

जब मैं छोटी बच्‍ची थी- अलका

कमलेश द्विवेदी लेखन प्रतियोगिता -02 लेख-आलेख विषय- जब मैं छोटा बच्‍चा था (संस्‍मरण) शब्द सीमा (700-1000) कभी-कभी बचपन की कुछ घटनाएं मानस पटल पर कुछ इस तरह अंकित हो जाती हैं कि लाख चाहो,परंतु इसकी स्मृति धूमिल नहीं होती। ऐसी ही एक घटना मेरी भी स्मृति में वो रात एक …

Read More »

दिल की बात-अलका

दिल की बात-अलका

कमलेश द्विवेदी काव्‍य प्रतियोगिता -02 रचना शीर्षक – दिल की बात। किसी को आदत बनाने से डरते हैं।देखा है हाल इश्क वालों का,इसीलिए इस गली से बचकर गुज़रते हैं ।किसी को अपना बनाने से डरते हैं।।देखा है हाल……..है फ़रेब ये दुनियां, फ़रेबी लोग यहाँ,सजा कर सपना,बनाकर अपना, फिर देखो कैसे …

Read More »

बनारसी साड़ी -अलका

बनारसी साड़ी -अलका

कमलेश द्विवेदी लेखन प्रतियोगिता -02 कहानी शीर्षक – बनारसी साड़ी। शब्द सीमा – 500 शब्‍द बरसात के बाद, एक दिन सागर की मां ने अच्छी धूप निकलती देख अपने पुराने बक्सों को धूप दिखाने के लिए लाइन से छत पर खोल खोल कर रख दिए। तभी सागर को न जाने …

Read More »

डाॅ बिपिन पाण्डेय की कविताएं

डाॅ बिपिन पाण्डेय की कविताएं

करनी होगी जंग दहशत भरकर दुनिया में जो,करते हैं जीवन बेरंग।करनी होगी उनसे जंग।डाल  गले में  पट्टा  घूमें,लगता जैसे धर्म अफीम।गर्हित सोच बवंडर लाती,घूमें  बच्चे बने यतीम।जो मजहब की  पगड़ी बाँधे,चले न कोई उनके संग।वहशी लोगों के प्रति जिनकेउमड़ रहा है दिल में प्यार,ऐसे लोगों को नरता का,माना जाता है …

Read More »

प्रगति की बनारसी साड़ी 

प्रगति की बनारसी साड़ी 

कमलेश द्विवेदी लेखन प्रतियोगिता -02 कहानी शीर्षक – बनारसी साड़ी। शब्द सीमा – 500 शब्‍द “अलका तुमने सारी पैकिंग कर ली? परसों सुबह की ट्रेन से हमें लखनऊ निकलना है।” रवि ने ऑफिस जाते हुए पूछा।अलका ने बुझे मन से ‘हां’ कह दिया। रवि ऑफिस के लिए निकल गया। रवि बैंक …

Read More »

दिल की बात-डॉ वर्षा महेश

दिल की बात-डॉ वर्षा महेश

कमलेश द्विवेदी काव्‍य प्रतियोगिता -02 रचना शीर्षक – दिल की बात।निर्जन मन की आशा तुम कोरे कागज़ की जिज्ञासा तुम तरस रहा मन मीत मिलन को इस पलाश की अभिलाषा तुम! बरसों से है मन की प्यास बड़ी दूर किनारे  प्रीत की नांव खड़ी  जलतरंग है मन का सूना- सूना  …

Read More »

नीलम की बनारसी साड़ी

नीलम की बनारसी साड़ी

कमलेश द्विवेदी लेखन प्रतियोगिता -02 कहानी शीर्षक – बनारसी साड़ी। शब्द सीमा – 500 शब्दपूरे मोहल्ले में इस बनारसी लाल साड़ी की बड़ी चर्चा थी। होती भी क्यों ना? उमा देवी अकसर अपने बक्से से अपनी लाल बनारसी साड़ी निकालतीं, उसे अपने बिस्तर पर रख कर निहारतीं, उलटती-पलटतीं, फिर करीने …

Read More »

जब मैं छोटी बच्ची थी-यशोधरा भटनागर

जब मैं छोटी बच्ची थी-यशोधरा भटनागर

कमलेश द्विवेदी लेखन प्रतियोगिता -02 जब मैं छोटा बच्‍चा था (संस्‍मरण)। शब्द सीमा- 700-1000 शब्द। जब मैं छोटी बच्ची थी… नन्ही बच्ची की भोली-भाली छवि संग बचपन भी आँखों के सामने सजीव हो आया।उस सजीव बचपन से झाँकने लगी दो भूरीआँखें प्यारी सहेली गुड्डी की।  गुड्डी!बचपन की पुस्तक में जुड़ा …

Read More »