बचपन के दिन भी क्या दिन थे, उड़ते फिरते तितली बन”… यह गीत तो हम सबने सुना ही है और खूब मन लगा कर गाते भी होंगे। कभी हमने सोचा है कि बचपन आखिर क्यों सबको इतना प्यारा होता है? हम क्यों अपने बचपन को छोड़ नहीं पाते? इसका जवाब …
Read More »अभिभावक की महत्वाकांक्षा में खोता बचपन
बचपन मानव जीवन का सर्वश्रेष्ठ समय है। बचपन हर प्रकार की चिंता से कोसों दूर होता है। यह वह समय है, जब एक बालक या बालिका अपना जीवन बिना किसी छल-कपट, राग-द्वेष, ऊंच-नीच, बड़ा-छोटा सहित अन्य विरोधी भावनाओं से परे रहकर व्यतीत करता या करती है। बचपन एक व्यक्ति के …
Read More »बेदर्द दिल-सोनू कुमारी टेलर
जेठ की ढलती दुपहरी में , सूर्य देवता रौद्र रूप धारण किए , आग उगलने का प्रचंड रूप से कार्य कर रहे । हवा का एक झोंका भी तन को सुकून पहुंचा दे । लेकिन पेड़ों के पत्ते भी इस आग में झुलसते प्रतीत हो रहे । पसीने से तर …
Read More »साहित्य सरोज की संस्थापिका श्रीमती सरोज सिंह बरसी 02अप्रैल को, होगे विभिन्न आयोजन
गहमर: साहित्य सरोज पत्रिका की संस्थापिका स्वर्गीय श्रीमती सरोज सिंह की में सातवीं पुण्यतिथि पर गहमर वेफफेयर सोसाइटी गहमर द्वारा 2 अप्रैल को गहमर विकास भवन स्टेशन रोड में प्रात:11 बजे से नि:शुल्क फिटनेस जांच शिविर एवं शाम 4 बजे से क्षेत्रीय बच्चों एवं महिलाओं के प्रतिभा प्रदर्शन हेतु पाक-कला …
Read More »बिखरते सपने-आशा झा
कमलेश द्धिवेदी लेखन प्रतियोगिता 05 प्रतीक का मन सिर्फ पढ़ने और पढ़ाने में लगता था । उसने उसी दिशा में कदम बढ़ाने शुरू किये । परंतु अचानक अच्छी कंपनी में नौकरी मिल जाने से परिवारिक आदेशानुसार नौकरी ज्वाइन करली परंतु मन नही लगने के कारण छोड़कर पुनः अपने शहर आकर …
Read More »वह दीपावली-मनोरमा जैन पाखी
कमलेश द्विवेदी लेखन प्रतियोगिता -4 संस्मरण साहित्य सरोज पेज को लाइक एवं फालो करें, परिणाम व लिंक पेज पर https://www.facebook.com/profile.php?id=100089128134941 स्मृतियों की एक खूबी होती है जरा सा भी अनुकूल वातावरण मिलता है तो छम छम करती चली आती हैं। प्रसंगवश #वह दीपावली मैं शायद ही कभी भूल पाऊँ। सन् 1987 …
Read More »तू मेरी जिंदगी है- कुमकुम
कमलेश द्विवेदी लेखन प्रतियोगिता -4 साहित्य सरोज पेज को लाइक एवं फालो करें, परिणाम व लिंक पेज पर https://www.facebook.com/profile.php?id=100089128134941 चले आओ पनाहों में,निगाहें राह तकती है।बताए क्या तुम्हें दिलवर,तुम्हीं में जान बसती है।।सुनो सजना तुम्हें मैंने, तहे दिल से पुकारा है।चले आओ सजन मेरे, बड़ा दिलकश नजारा है।।बहारों ने फिजाओं …
Read More »स्वतंत्रता सेनानी-तिरुप्पूर कुमरन
मानव जीवन को तीन श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है। पहला जो अपने लिए ‘स्वांतः सुखाय’ के आदर्श के अनुरूप जीता हो। अपने लिए जीते हुए दूसरों के लिए भी जीना दूसरी श्रेणी का माना जाता है। खुद के लिए न जीकर अन्य लोगों के लिए अपना संपूर्ण जीवन …
Read More »कमलेश द्विवेदी लेखन प्रतियोगिता भाग 3
आगामी प्रतियोगिता कमलेश द्विवेदी लेखन प्रतियोगिता -03 अक्टूबर से दिसम्बर 2023(01) लेख-आलेख विषय- हिन्दू धार्मिक यात्राओं पर पत्थरबाजी आखिर क्यों कारण व निवारण। शब्द सीमा- 700-1000 शब्द।(02) रचना शीर्षक – तुम सा नहीं देखा।विधा- गीत और अतुकांत नोट अतुकांत में सपाट बयानी न हो, स्वीकार नहीं होगी।(03) कहानी शीर्षक – …
Read More »कमलेश द्विवेदी लेखन प्रतियोगिता भाग 2 के परिणाम घोषित
साहित्य सरोज पत्रिका द्वारा आयोजित कमलेश द्विवेदी त्रैमासिक लेखन प्रतियोगिता भाग 2 के परिणाम आज 17 सितम्बर 2023 को घोषित किये गये। प्रतियोगिता के कविता विधा, कहानी लेखन एवं संस्मरण लेखन में कुल 25 लेखको व रचनाकारों ने हिस्सा लिया। इस प्रतियोगिता में कविता, कहानी और लेख के विषय दिये …
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