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वह दीपावली-मनोरमा जैन पाखी 

वह दीपावली-मनोरमा जैन पाखी 

कमलेश द्विवेदी लेखन प्रतियोगिता -4 संस्मरण साहित्‍य सरोज पेज को लाइक एवं फालो करें, परिणाम व लिंक पेज पर https://www.facebook.com/profile.php?id=100089128134941 स्मृतियों की एक खूबी होती है जरा सा भी अनुकूल वातावरण मिलता है तो छम छम करती चली आती हैं। प्रसंगवश #वह दीपावली मैं शायद ही कभी भूल पाऊँ।    सन् 1987 …

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तू मेरी जिंदगी है- कुमकुम

तू मेरी जिंदगी है- कुमकुम

कमलेश द्विवेदी लेखन प्रतियोगिता -4 साहित्‍य सरोज पेज को लाइक एवं फालो करें, परिणाम व लिंक पेज पर https://www.facebook.com/profile.php?id=100089128134941 चले आओ पनाहों में,निगाहें राह तकती है।बताए क्या तुम्हें दिलवर,तुम्हीं में जान बसती है।।सुनो सजना तुम्हें मैंने, तहे दिल से पुकारा है।चले आओ सजन मेरे, बड़ा दिलकश नजारा है।।बहारों ने फिजाओं …

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वह ताँगे वाला-ओम प्रकाश नौटियाल

सोहना गाँव के राजेन्द्र बाबू का छोटा लड़का महेश पढने में बहुत होशियार था । स्नातक होने के बाद उसका चयन भारतीय वन सेवा में हो गया ।अब तो खैर इस बात को कई वर्ष गुजर गए हैं । राजेन्द्र बाबू तो बेचारे अब इस दुनियाँ मे रहे नहीं । …

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रावण जिन्दा है

रावण जिन्दा है

(कविता) रावण जिन्दा है अभी भी  ये सच है    पुतला जलाकर  मान लेता है आदमी  रावण मर गया  परन्तु घर-घर में  हर डगर में  कुदृष्टि से  फब्तियों की वृष्टि से  जबर्दस्ती से  बेटियों पर,बहुओं पर, उम्र की बंदिश बिना करता रहा है  अत्याचार, अनाचार  सदियों से आज तक  फिर …

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सरकारी फ़रमान

सरकारी फ़रमान

सरकारी फ़रमान चला है राजा काकुछ भी कहने से पहले पूछो हमसे।पत्रकार हो तो क्या तुम खबरें छापोगे ?सत्ता की तारीफ़ों के इश्तिहार लिखो,जब भी कुछ होते देखो गड़बड़-झालातुरंत वहीं शासक की जय-जयकार लिखो।लिखा यदि कुछ ऐसा कि छवि धूमिल हो,लिखा यदि कुछ ऐसा जो सरकार ना चाहे,तो फिर समझो …

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गीत लिखा

गीत लिखा

रोया,गीत लिखा,फिर रोया रो गा कर तब सपने बोया। बाँध नींव को जिन रिश्तों से महल बनाए थे अपनों के बिखर गये अब रंग बदलकर बिके हाट में,रख दोनो पे। शेष नहीं पहचान बची है प्राण लगाकर जिसको ढोया। मन बहलाने को जब मैंने ईश्वर का भी लिया सहारा नहीं …

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बचपन”                     सतीश “बब्बा” बचपन की ओ प्यारी बातें,कैसे भूलूं, तुम्हें बताऊं,वही तो है जीवन सच्चा,बांँकी जीवन व्याधि है तुम्हें बताऊं! नन्हे नन्हे पउंँवा मेरे,अम्मा – बापू के संग जाऊं,चलते – चलते जब थक जाऊंँ,बापू के पीठी चढ़ जाऊंँ ! खेतों की खड़ी फसल में,मैं अंदर गुम हो जाऊंँ,अम्मा को परेशान …

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जीह्वा कमाल की

जीह्वा कमाल की

आप सभी ने अपने दादा, दादी, नाना, नानी को वृद्ध होते देखा होगा यानि छोटेपन से उनके साथ समय अवश्य ही बिताया होगा। उसी दौरान आपने पाया होगा कि धीरे धीरे वे शिथिल होते जाते हैं। कभी उनके दाँतों में तकलीफ होती है तो कभी आँखों में। इसी प्रकार अनेक …

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समकालीन कविता में यथार्थवाद- डॉ. रेखा मिश्रा

समकालीन कविता में यथार्थवाद- डॉ. रेखा मिश्रा

कविता में कल्पना तत्व की प्रधानता होती है, कवि एक कल्पनाशील प्राणी है, प्रजापति की तरह वह स्वयं की कल्पना लोक का निर्माण करता है| शब्द मानव ध्वनियों का पहला संगठन और भाषा की पहली ईकाई है, शब्द का अपना जादू होता है, इसमें संदेह नहीं है| कवि शब्द रूपी …

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महिलाओं ने की पति के लम्बी उम्र की प्रार्थना

महिलाओं ने की पति के लम्बी उम्र की प्रार्थना

गाजीपुर के सुरहा अमौरा भदौरा ,सेवराई, आदि गांव में हरितालिका तीज व्रत महिलाओं द्वारा सज धज के अपने पति की लंबी आयु के लिए यह व्रत महिलाओं द्वारा किया जा रहा है महिलाएं दिन भर व्रत रहने के बाद शाम को शिवजी की पूजा अर्चना करती हैं यह व्रत विवाहित …

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