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बच्चों का बचपन -कुमकुम

*आधुनिक युग में अति महत्वाकांक्षा की  भेंट चढ़ गया है बच्चों का बचपन* परिवर्तन सृष्टि का अटूट नियम है।वक्त के साथ हर चीज बदलती है परंतु विगत दो से तीन दशकों में बदलाव की रफ्तार बहुत तेज हो गई है।यह बदलाव कई बार हमारे जीवन में उथल-पुथल भी ला रही …

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राजा पास हो गया -सुधा भार्गव 

राजा पास हो गया -सुधा भार्गव 

एक राजा था बड़ा ही चतुर ! अक्सर वह रात में प्रजा के हालचाल जानने को अकेला ही निकल पड़ता लेकिन भेष बदलकर। भेष बदलने में भी  बड़ा  कुशल! कभी ग्वाला बन कर जाता  तो कभी चूड़ियाँ बेचने का स्वांग रचता। भरे बाजार में आवाज लगाने लगता -दूध ले लो …

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वो अब भी याद आती है-यशोदा

वो अब भी याद आती है-यशोदा

बार-बार करवटें बदलती रही  पर सीने का दर्द था कि बेचैनी संग बढ़ता ही जा रहा था। चेहरा दर्द से सफेद हो गया और आवाज गले में ही जम गई। सर्द निगाहें खिड़की से झाँकते नीम की फुनगी पर टंँगे चाँद पर पड़ी। चाहे-अनचाहे,जाने-अनजाने उसे चाँद को देखना अच्छा नहीं लगा और …

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मुक्तावकाश-डा बबीता गुप्‍ता

मुक्तावकाश-डा बबीता गुप्‍ता

गणतंत्र दिवस की परेड में  सभी दूरदर्शन पर, परेड में मिताली की उत्सुकता से प्रतीक्षा कर रहे थे तभी मिताली को सलामी करते हुये, लगभग सौ पुरुषों के दल का कुशलता से संचालन हुये जैसे ही दूरदर्शन पर दिखाई दी,तो उसका दस साल का बेटा,हिमांशु खुशी से ताली बजाते हुये …

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समन्वय की भाषा है हिंदी -सत्येन्द्र कुमार पाठक

समन्वय की भाषा है हिंदी -सत्येन्द्र कुमार पाठक

विश्व हिंदी दिवस 10 जनवरी के अवसर पर   भारत की आत्मा  हिंदी देश के भूभागों में वृहद् स्तर पर बोली जाती है। देश की राजभाषा के रूप में स्थापित हिंदी ने देश के विभिन राज्यों के बीच महत्वपूर्ण सेतु के रूप में कार्य किया है। स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान  देश …

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ऐतिहासिक मानव कला है मधुबनी पेंटिंग-सत्येन्द्र कुमार

ऐतिहासिक मानव कला है मधुबनी पेंटिंग-सत्येन्द्र कुमार

कलात्मक उत्कृष्टता की सुदीर्घ परंपरा चित्रकला प्राक ऐतिहासिक मानव कला और मनोविनोद की गतिविधियां रही है ।  प्रागैतिहासिक चित्रकला  उच्च पुरापाषाण काल 40000 से  10000 ई. पू.  में  मिश्रित गेरू  का प्रयोग चित्र मानव आकृतियों , मध्य पाषाण काल  10000 से 4000 ई. पू . तक लाल रंग   , ताम्र …

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बैंक वालों का वेलेंटाइन डे-जयप्रकाश

बैंक वालों का वेलेंटाइन डे-जयप्रकाश

जनवरी-2023    मेरे प्राणनाथ,             वेलेंटाइन डे बीत गया और तुम बैंक में बीमा का टार्गेट करते रहे। वेलेंटाइन डे के इतने दिनों बाद तुम्हें पत्र इसलिए लिख रहीं हूँ ताकि तुम्हें आश्चर्य भी हो और खुशी भी हो कि इस बार हमने वेलेंटाइन डे एक …

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भारतीय सिनेमा अब तक-कौशल

भारतीय सिनेमा अब तक-कौशल

लूमियर ब्रदर्स, एक फ्रेचं आविष्कारक, प्रथम अन्वेषक, फोटोग्राफिक उपकरण के अग्रणी निर्माता, जिन्होंने एक प्रारंभिक कैमरा और प्रक्षेपण तैयार किया जिसे सिनेमैटोग्राफ कहते हैं l सिनेमा की उत्पत्ति सिनेमैटोग्राफ से हुई l 22 मार्च, 1895 को लूमियर ब्रदर्स ने अपनी डेब्यू /पहली शार्ट फ़िल्म “Workers Leaving the Lumière Factory” प्रदर्शित …

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बाल साहित्य कीभूमिका -स्‍वर्ण ज्‍योति

बाल साहित्य कीभूमिका -स्‍वर्ण ज्‍योति

आज बाल साहित्य एक संपूर्ण चिंतन या विमर्श का रूप धारण कर चुका है। इसके विविध पहलुओं पर अलग-अलग मंचों से इतनी चर्चा हो चुकी है कि अब इसे एक गंभीर रचना –कर्म के साथ-साथ एक सामाजिक कर्म के रूप में भी स्वीकार किया जाने लगा है । परंतु  क्या …

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कैसा बचपन-नीलम सारंग

कैसा बचपन-नीलम सारंग

दस साल  का अरनव खीझ रहा था एलेक्सा पर,  जब देखो जैसा  बोलो वैसा ही करती रहती है । मुझे नहीं चाहिए तुम्हारा साथ ।  मम्मी भी ना,  कहो कुछ करती कुछ है । खुद के पास तो समय है नहीं और मुझे फ्रेंड भी ढूंढ कर दिया तो यह …

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