बचपन के दिन भी क्या दिन थे, उड़ते फिरते तितली बन”… यह गीत तो हम सबने सुना ही है और खूब मन लगा कर गाते भी होंगे। कभी हमने सोचा है कि बचपन आखिर क्यों सबको इतना प्यारा होता है? हम क्यों अपने बचपन को छोड़ नहीं पाते? इसका जवाब …
Read More »मुझे भी घर बसाना है-रोहित
भारतीय समाज में विवाह अत्यंत ही पवित्र रिश्ता माना जाता है, विवाह मनुष्य के जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है, इसके बिना मनुष्य आधा अधूरा ही रहता है। कर्ई लोगो के सुखी दाम्पत्य जीवन को देख कर लगा कि अब मुझे भी विवाह के बंधन में बंध जाना चाहिए। पर मुझसे विवाह …
Read More »अभिभावक की महत्वाकांक्षा में खोता बचपन
बचपन मानव जीवन का सर्वश्रेष्ठ समय है। बचपन हर प्रकार की चिंता से कोसों दूर होता है। यह वह समय है, जब एक बालक या बालिका अपना जीवन बिना किसी छल-कपट, राग-द्वेष, ऊंच-नीच, बड़ा-छोटा सहित अन्य विरोधी भावनाओं से परे रहकर व्यतीत करता या करती है। बचपन एक व्यक्ति के …
Read More »बेदर्द दिल-सोनू कुमारी टेलर
जेठ की ढलती दुपहरी में , सूर्य देवता रौद्र रूप धारण किए , आग उगलने का प्रचंड रूप से कार्य कर रहे । हवा का एक झोंका भी तन को सुकून पहुंचा दे । लेकिन पेड़ों के पत्ते भी इस आग में झुलसते प्रतीत हो रहे । पसीने से तर …
Read More »पत्रिका के विस्तार में आपके लिए सुनहरा अवसर।
साहित्य सरोज पत्रिका की संस्थापिका श्रीमती सरोज सिंह पत्नी श्री अशोक कुमार सिंह की 7वीं बरसी पर दिनांक 2 अप्रैल 2024 दिन मंगलवार शाम 7 बजे पत्रिका के प्रधान कार्यालय पर आयोजित कार्यक्रम में साहित्य सरोज पत्रिका के संपादक मंडल, प्रभारीयों, पदाधिकारीयों का चयन कर पत्रिका का विस्तार किया जा …
Read More »साहित्य सरोज की संस्थापिका श्रीमती सरोज सिंह बरसी 02अप्रैल को, होगे विभिन्न आयोजन
गहमर: साहित्य सरोज पत्रिका की संस्थापिका स्वर्गीय श्रीमती सरोज सिंह की में सातवीं पुण्यतिथि पर गहमर वेफफेयर सोसाइटी गहमर द्वारा 2 अप्रैल को गहमर विकास भवन स्टेशन रोड में प्रात:11 बजे से नि:शुल्क फिटनेस जांच शिविर एवं शाम 4 बजे से क्षेत्रीय बच्चों एवं महिलाओं के प्रतिभा प्रदर्शन हेतु पाक-कला …
Read More »गाजीपुर रेल-सड़क पुल आखिर किसके नाम पर-अखंड गहमरी
आज बड़े जोर-शोर से मीडिया ने प्रसारित किया कि मनोज सिन्हा की कृपा से स्वर्गीय विश्वनाथ गहमरी का सपना पूरा हुआ। गाजीपुर गंगा नदी पर रेल व रोड ब्रिज बन कर तैयार हुआ। और मोदी जी ने अपनी अधूरी चीजों का लोकापर्ण करने की परम्परा काे जारी रहते हुए आज …
Read More »राष्ट्र के सतत भविष्य का द्योतक हैं महिलाएं-डॉ. शंकर
नारी राष्ट्र का अभिमान है। नारी राष्ट्र की शान है। भारतीय परिवेश व परिधान की शोभा है नारी। नर से नारायण की कहावत को चरितार्थ करती है नारी। मानवता की मिशाल है नारी। महिला सशक्तिकरण से लैंगिक समानता का संचार होता है। महिला मानवता को धार देती है। नारी संघर्षों …
Read More »स्त्री जीवन की चुनौतियाँ एवं उनके समाधान-
मानव समाज में स्त्रियों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। हमारे घर-परिवार में स्त्री माँ, बहू, बहन, बेटी, जीवन-संगिनी बनकर जिम्मेदारी के साथ ही स्नेह की गंगा बहाती है। एक माँ संस्कार और आदर्श का पाठ हमें बचपन से देती है। हम आगे चलकर एक सुयोग्य नागरिक एवं व्यक्ति के रूप …
Read More »सामाजिक क्रांति के अग्रदूत-महर्षि दयानंद सरस्वती
महर्षि दयानन्द सरस्वती का जन्म 1824 में टंकारा (गुजरात) में हुआ। पिता का नाम करसन जी तिवारी तथा माता का नाम अमृतबाई था। जन्म से ब्राह्मण परिवार में उत्पन्न बालक मूल शंकर को शिवरात्रि के दिन व्रत के अवसर पर बोध प्राप्त हुआ। मथुरा में गुरु विरजानन्द जी से शिक्षा प्राप्त …
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