बॉलीवुड में हर साल अलग-अलग जॉनर की कई फिल्में रिलीज होती हैं। कॉमेडी एक ऐसा जॉनर है, जिसे देखना हर कोई पसंद करता है। लेकिन आज बॉलीवुड जितना कॉमेडी के लिए फेमस है उतना आज से 80 साल पहले नहीं था और महिला कॉमेडियन तो भूल ही जाइए। उस दौर …
Read More »जलक्रीड़ा के लिए मशहूर कुचामन का किला-सुनील जैन
’हर किला एक-सा नहीं होता। हर किले की कुछ विशेषता होती हैं। राजस्थान के कुचामन के किले का निर्माण राजा जालिम सिंह ने करवाया था। यह एक ऊंची पहाड़ी पर स्थित है। अतिदुर्गम और विलक्षण है। तलहटी के मुख्य द्वार तक पहुंचने के लिए पुरानी अनाज मंडी के बीच से जाना …
Read More »जीवन का एक मजबूत आधार होती हैं महिलाएं-पूजा
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस एक मजदूर आंदोलन से उपजा है। इसका बीजारोपण साल 1908 में हुआ था जब 15 हजार औरतों ने न्यूयॉर्क शहर में मार्च निकालकर नौकरी में कम घंटों की मांग की थी। इसके अलावा उनकी मांग थी कि उन्हें बेहतर वेतन दिया जाए और मतदान करने का अधिकार …
Read More »“राजधानी का वो रिश्तों का सफर था-पूजा गुप्ता
बात उन दोनों की है जो मुझे दिल्ली से जम्मू के लिए अकेले सफर करना था मैंने राजधानी एक्सप्रेस की टिकट ली जिसका किराया पांच हजार रुपये था। जाना भी बेहद जरूरी था। घर की बेटी की शादी जो थी। फिर भी इतना महंगा रिजर्वेशन कराकर मैं राजधानी एक्सप्रेस में …
Read More »बेदर्द दिल-अखंड गहमरी
(सत्यकथा) अभी 18 साल उम्र भी पूरी नहीं किया था कि खेल कोटे से सीमा सड़क संगठन में सिपाही के पद पर तेजपुर असम में नौकरी लग गई। पूरा परिवार खुशियों से झूम गया। अभी नौकरी करते दो साल भी नहीं बीता कि रिश्तेदारों ने विवाह के लिए परेशान कर …
Read More »राजधानी एक्सप्रेस के 55 वर्ष-साहित्य सरोज
आज से 55 वर्ष पूर्व 3 मार्च 1969 को भारतीय रेलवे ने इतिहास रचते हुए देश की राजधानी दिल्ली से पश्चिम बंगाल की राजधानी हाबड़ा के बीच दक्षिण एशिया की पहली तीव्र गति की पूर्ण वातानुकूलित एक लक्जरी ट्रेन का परिचालन शुरू किया। 1969 में आलीशान लक्जरी और सबसे तेज …
Read More »राजधानी का वह एक यादगार सफर-पूनम झा प्रथमा
सभी ट्रेन हमें अपने गंतव्य तक पहुँचाती है। सभी ट्रेनें जैसे सुपरफास्ट ट्रेन, एक्सप्रेस आदि में राजधानी एक्सप्रेस अपना एक अलग स्थान रखती है। वैसे तो राजधानी एक्सप्रेस में मुझे कई बार सफर करने का मौका मिला है। लेकिन एक बार का सफर यादगार सफर रहा। एकबार हमलोग बैंगलोर से …
Read More »अर्चना त्यागी की कहानी रिसर्च पेपर
अपनी नई पोस्टिंग से सुजीत बहुत ही खुश थे। शहर का नाम सुनते ही उनकी खुशी का ठिकाना नहीं था। सोने पर सुहागा हो गया जब उन्होंने जाकर देखा कि पुलिस स्टेशन रिसर्च इंस्टीट्यूट के बगल में ही था। नौकरी लग जाने के कारण वह अधिक पढ़ाई नहीं कर पाए …
Read More »राजनीति के दलदल अध्याय नौवां – डॉ लोक सेतिया
हरियाणा से जो हवा चली थी आया राम गया राम की उस से देश की दलबदल की राजनीति को कितनी बार नया आयाम प्रदान किया जाता रहा है । बात 1967 की है जब पलवल से निर्वाचित विधायक जिनका नाम गया लाल था उन्होंने पहली बार कुछ ही घंटों में …
Read More »मानवीय जीवन का अमूल्य है संस्कार-सत्येन्द्र कुमार पाठक
सनातन धर्म के विभिन्न ग्रंथों में मानवीय जीवन के चतुर्दिक विकास का माध्यम षोडश संस्कार का उल्लेख किया गया है। मानव को गर्भाधान संस्कार से अन्त्येष्टि संस्कार तक षोडश संस्कार किए जाते हैं। सनातन धर्म में गर्भाधन से मृत्यु तक १६ संस्कारों होते है। षोडश संस्कार के प्रवर्तक देवता द्वारा …
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