Breaking News

Recent Posts

वर्तमान परिदृश्य में साहित्यकारों का दायित्व :

वर्तमान परिदृश्य में साहित्यकारों का दायित्व :

हमारे साहित्‍य सरोज के फेसबुक पेज को लाइक व फालो करें “अंधकार है वहाँ, जहाँ आदित्य नही है। मुर्दा है वह देश,जहाँ साहित्य नही है।” वर्तमान युग में मानवता का आकाश एक बार फिर घुटन से भर उठा है। चारों ओर अशांति व अविश्वास का वातावरण बन रहा है। ऐसी स्थिति …

Read More »

राजनीति और नैतिक मूल्य-सलिल सरोज

राजनीति और नैतिक मूल्य-सलिल सरोज

हमारे फेसबुक पेज को लाइक व फालो करें सन 1908 में गाँधी जी ने अपने विचार जनता के सामने “हिन्द स्वराज” के नाम से गुजराती में एक पुस्तक लिखकर व्यक्त किए और सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में अपने पत्र “इण्डियन ओपिनियन” में उन्हें प्रकाशित किया। गाँधी जी ने जिस स्वतंत्र …

Read More »

दस पैसे-डॉ. राधा दुबे

दस पैसे-डॉ. राधा दुबे

हमारे फेसबुक पेज को लाइक व फालो करें मैं बचपन में बहुत नटखट थी। दिनभर उछलकूद यहाँ से वहाँ, मम्मी को परेशान करती रहती। वह डाँटकर भगा देती तो मामा जी के पास चली जाती। उन्हें भी खूब परेशान करती, उस समय मामा जी हमारे साथ ही रहते थे। मैं …

Read More »
  • फिटनेस कोच का प्रेमपत्र-रेखा

    फिटनेस कोच का प्रेमपत्र-रेखा

    प्रिय, रज्जु जब से तुम मेरी ज़िन्दगी में आए हो, सब कुछ बदल गया है। जैसे कोई अच्छा स्वास्थ्य हमारे शरीर को संतुलन देता है, वैसे ही तुमने मेरे दिल को सुकून दिया है। तुम मेरे जीवन का वह योग हो, जो मुझे मानसिक और भावनात्मक शांति प्रदान करता है। …

    Read More »
  • फिटनेस कोच का प्रेमपत्र-रेखा

    फिटनेस कोच का प्रेमपत्र-रेखा

    प्रिय, रज्जु जब से तुम मेरी ज़िन्दगी में आए हो, सब कुछ बदल गया है। जैसे कोई अच्छा स्वास्थ्य हमारे शरीर को संतुलन देता है, वैसे ही तुमने मेरे दिल को सुकून दिया है। तुम मेरे जीवन का वह योग हो, जो मुझे मानसिक और भावनात्मक शांति प्रदान करता है। …

    Read More »
  • फिटनेस कोच का प्रेमपत्र-रेखा

    फिटनेस कोच का प्रेमपत्र-रेखा

    प्रिय, रज्जु जब से तुम मेरी ज़िन्दगी में आए हो, सब कुछ बदल गया है। जैसे कोई अच्छा स्वास्थ्य हमारे शरीर को संतुलन देता है, वैसे ही तुमने मेरे दिल को सुकून दिया है। तुम मेरे जीवन का वह योग हो, जो मुझे मानसिक और भावनात्मक शांति प्रदान करता है। …

    Read More »