हिंदी के महान सेवक, उपन्यासकार तथा पत्रकार ने वर्षों तक बिना किसी सहयोग के ‘जासूस’ …
Read More »मनीष की कहानी संशय
बांध वाले रोड पर चलते हुए विमल जी घोष दा के साथ काफी दूर निकल आए थे। सामने गंगा का धवल प्रवाह डूबते सूरज की हलकी धूप में चमक रहा था। घोष दा तर्जनी से उन्हें नदी के दूसरे तट पर पेड़ों की कतारों से निर्मित पृष्ठभूमि को दिखा रहे …
Read More »