हिंदी के महान सेवक, उपन्यासकार तथा पत्रकार ने वर्षों तक बिना किसी सहयोग के ‘जासूस’ …
Read More »हमारा देश हमारी जिम्मेदारी-कुमकुम काव्यकृति
सुपंथ के पंथ पर,हम आगे बढ़ते जाएँगे।राष्ट्र के कल्याणार्थ हम,अपना कर्म करते जाएँगे।स्वार्थ साधना की आँधी में,अपनी दृष्टि न गवाएँगे।जी हाँ आज यही भाव भारत के हर एक नागरिक के मन में जगाने की आवश्यकता है, तभी भारत फिर से अपनी पुरातन संस्कृति को जीवंत कर पाएगा और दुनिया का …
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