हिंदी के महान सेवक, उपन्यासकार तथा पत्रकार ने वर्षों तक बिना किसी सहयोग के ‘जासूस’ …
Read More »अखंड गहमरी की कहानी सब्जीवाली
एक चाय देना। उसने बड़ी शराफत से पैसे बढ़ाते हुए कहा। वह आवाज सुन कर जैसे लगा कि आवाज कुछ जानी पहचानी सी है। मैनें सर उठा कर देखा तो मुझे सामने बिन्दू दिखी। उसे इस हाल में देख कर तो मैं आवा़क रह गया। क्या थी और क्या हो …
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